मरियम उज़-ज़मानी

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मरियम उज़-ज़मानी (अंग्रेज़ी: Mariam-uz-Zamani, जन्म- 1 अक्टूबर, 1542) जयपुर, राजस्थान की राजपूत रियासत आम्बेर के राजा भारमल की सबसे बड़ी पुत्री थी। उसे राजकुमारी हीराकुँवारी, रुकमावित्ती साहिबा तथा हरखाबाई नाम से भी जाना जाता था। उसका विवाह मुग़ल बादशाह जलालुदुद्दीन मोहम्मद अकबर से हुआ था। अकबर से विवाह के बाद ही वह हिन्दुस्तान की मलिका बनी थी।

  • राजस्थान के अंतिम स्वतंत्र राठौड़ राजा मालदेव द्वारा अपनी मृत्यु से पहले, अपने छोटे पुत्र राव चंद्रसेन को मारवाड़ की राजगद्दी देने से उसके पुत्रों में झगड़ा शुरू हो गया।
  • राजगद्दी का वास्तविक उत्तराधिकारी व मालदेव का ज्येष्ट पुत्र उदयसिह था। पिता द्वारा किये गये निर्णय के कारण उसे मुग़ल बादशाह अकबर की सहायता लेनी पड़ी। इसके बदले में उसने अपनी पुत्री हीराकुँवारी का विवाह अकबर से कर दिया।
  • राजकुमारी हीराकुँवारी का विवाह अकबर के साथ 6 फ़रवरी, 1562 ई. को सांभर में हुआ और इस विवाह के बाद वह 'हरखाबाई' के नाम से प्रसिद्ध हुई।
  • हरखाबाई अकबर की तीसरी पत्नी और उसकी तीन प्रमुख रानियों में से एक थी।
  • अकबर की पहली रानी रुक़ाइय्या बेगम निःसंतान थी और उसकी दूसरी पत्नी सलीमा सुल्तान उसके सबसे भरोसेमंद सिपहसालार बैरम ख़ान की विधवा थी।
  • विवाह के बाद हीराकुँवारी को 'मरियम उज़-ज़मानी बेग़म साहिबा' का ख़िताब दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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