मुँह चिढ़ाना
अर्थ- किसी की मुखाकृति अथवा उसके बोलने के ढंग की भददी नकल उतारकर उसे तुच्छ सिद्ध करना।
प्रयोग- ऐसा मालूम होता है कि मानो उच्छूंखलता संदेह होकर दूसरों को मुँह चिढ़ा रही हो। (प्रेमचंद)
अर्थ- किसी की मुखाकृति अथवा उसके बोलने के ढंग की भददी नकल उतारकर उसे तुच्छ सिद्ध करना।
प्रयोग- ऐसा मालूम होता है कि मानो उच्छूंखलता संदेह होकर दूसरों को मुँह चिढ़ा रही हो। (प्रेमचंद)