मुशरिफ़-ए-मुमालिक

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मुशरिफ़-ए-मुमालिक (हिन्दी:महालेखाकार) प्रान्तों एवं अन्य विभाग से प्राप्त होने वाली आय एवं उसके व्यय का लेखा-जोखा रखने का दायित्व 'मुशरिफ़-ए-मुमालिक' का होता था। यह वज़ीर का अधीनस्थ होता था और नाज़िर इसका सहायक होता था।

भारत के इतिहास में सल्तनत काल में यह एक महत्त्वपूर्ण पद हुआ करता था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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