रामेश्वर ठाकुर

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रामेश्वर ठाकुर
रामेश्वर ठाकुर
पूरा नाम रामेश्वर ठाकुर
जन्म 28 जुलाई, 1927
जन्म भूमि 'ठाकुर गांगटी' ग्राम, गोड्डा ज़िला, झारखण्ड
मृत्यु 15 जनवरी, 2015
मृत्यु स्थान दिल्ली
पति/पत्नी नर्मदा ठाकुर
संतान दो पुत्र तथा दो पुत्रियाँ
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनेता तथा राज्यपाल
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद राज्यपाल
कार्य काल रामेश्वर ठाकुर 17 नवंबर, 2004 को उड़ीसा के राज्यपाल बने और 29 जनवरी, 2006 से 22 अगस्त, 2007 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी ग्रहण किया। आप 21 अगस्त, 2007 से 29 जून, 2009 तक कर्नाटक के राज्यपाल और 30 जून, 2009 से 8 सितम्बर, 2011 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे।
शिक्षा एम.ए., एल.एल.बी., एफ़.सी.ए.।
विद्यालय पटना विश्वविद्यालय, कोलकाता विश्वविद्यालय
जेल यात्रा 'भारत छोड़ो आन्दोलन' (1942) के दौरान इन्हें गिरफ़्तार किया गया और कोलकाता की सेंट्रल जेल में रखा गया।
अन्य जानकारी शिक्षा, समाज सेवा और ग्रामीण विकास के कार्यों में रामेश्वर ठाकुर की विशेष रुचि थी। इन्होंने आदिवासियों, हरिजनों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए भी महत्त्वपूर्ण कार्य किए।

रामेश्वर ठाकुर (अंग्रेज़ी: Rameshwar Thakur; जन्म- 28 जुलाई, 1927, गोड्डा ज़िला, झारखण्ड; मृत्यु- 15 जनवरी, 2015, दिल्ली) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। उन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। रामेश्वर ठाकुर भारत के कई राज्यों में राज्यपाल के पद पर भी रहे। वह वर्ष 2004 से 2006 तक उड़ीसा, 2006 से 2007 तक आंध्र प्रदेश, 2007 से 2009 तक कर्नाटक और 2009 से 2011 तक मध्य प्रदेश राज्य के राज्यपाल रहे। रामेश्वर ठाकुर शिक्षा के उत्थान, समाज सेवा और ग्रामीण विकास जैसे कार्यों नें सदैव संलग्न रहे। आदिवासियों, हरिजनों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के कल्याणार्थ भी उन्होंने काफ़ी कार्य किया।

जन्म तथा शिक्षा

रामेश्वर ठाकुर का जन्म 28 जुलाई, 1927 को झारखण्ड में गोड्डा ज़िले के 'ठाकुर गांगटी' नामक ग्राम में हुआ था। इन्होंने भागलपुर, पटना विश्वविद्यालय में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद 'कोलकाता विश्वविद्यालय' से एम.ए. की डिग्री ली और एल.एल.बी. भी किया। रामेश्वर ठाकुर ने 'इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट', नई दिल्ली से एफ़.सी.ए. किया।

विवाह

इनका विवाह नर्मदा ठाकुर से हुआ था। रामेश्वर ठाकुर दो पुत्रों तथा दो पुत्रियों के पिता हैं।

व्यवसायिक शुरुआत

रामेश्वर ठाकुर ने एक व्याख्याता के रूप में 'कोलकाता विश्वविद्यालय' से अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं। इन्होंने प्रबंध अध्ययन विभाग, दिल्ली में अतिथि प्रोफेसर के रूप में अपने दायित्व का निर्वाहन किया।

राष्ट्रीय आन्दोलन में सहभागिता

रामेश्वर ठाकुर ने सक्रियता से 'भारत छोड़ो आन्दोलन', 1942 में भाग लिया और संथाल परगना में राजमहल पहाड़ियों में लगभग छह महीने के लिए भूमिगत रहे। बाद में इन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और कोलकाता की सेंट्रल जेल में रखा गया। रामेश्वर ठाकुर 1946 में भी राष्ट्रीय आन्दोलन से सम्बद्ध रहे। उन्होंने सामाजिक सुधार के कार्यों में भी पूरी सक्रियता से भाग लिया था, विशेष रूप से संथाल परगना में पुनर्निर्माण गतिविधियों के कार्यों में योगदान दिया।

विदेश यात्रा

रामेश्वर ठाकुर ने कई देशों की यात्राएँ कीं, जिनमें रूस, पोलैण्ड, बेल्जियम, फ़्राँस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, स्विट्जरलैण्ड, मिस्र, संयुक्त राज्य अमरीका, मैक्सिको और श्रीलंका आदि शामिल हैं।

अभिरुचि

शिक्षा, समाज सेवा और ग्रामीण विकास के कार्यों में रामेश्वर ठाकुर की विशेष रुचि थी। इन्होंने आदिवासियों, हरिजनों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए भी महत्त्वपूर्ण कार्य किए।

राज्यपाल

रामेश्वर ठाकुर को 24 जून, 2009 को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल ने मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था। रामेश्वर ठाकुर ने अपने से पूर्व के राज्यपाल बलराम जाखड़ का स्थान लिया। बलाराम जाखड़ का कार्यकाल 30 जून, 2009 को समाप्त हुआ था। रामेश्वर ठाकुर ने 30 जून, 2009 को दोपहर 11:50 पर हिन्दी में शपथ ग्रहण की। इन्हें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए. के. पटनायक ने एक गरिमामय समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

मृत्यु

रामेश्वर ठाकुर की मृत्यु 15 जनवरी, 2015 को दिल्ली में हुई।


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