लालधर त्रिपाठी 'प्रवासी'

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लालधर त्रिपाठी का जन्म वर्ष 1916 ई. में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये विश्वविख्यात कवि रविन्द्रनाथ टैगोर के शिष्य थे।

  • त्रिपाठी जी ने अपने गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध रचना 'गीतांजलि' का हिन्दी में अनुवाद किया था, जिसकी भूमिका महाप्राण निराला जी ने लिखी। 1951 में इसके दो संस्करण हुए।
  • 'प्रिय प्रवास', 'दर्शन', 'दिनकर का काव्य', 'कामायनी का विवेचन', 'हिन्दी काव्य का विकास' तथा 'काव्यांग परिचय' आदि लालधर त्रिपाठी की प्रमुख कृतियाँ है।
  • लालधर त्रिपाठी प्रचार-प्रसार और पुरस्कार-सम्मान आदि से हमेशा दूर रहे।
  • इनका ‘अनजनेय’ नामक महाकाव्य काफ़ी चर्चित रहा था।।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2014।

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