वारवत्या

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वारवत्या एक प्राचीन नदी का नाम है, जिसका उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-

'सरयूर्वारवत्याथ लांगली च सरिद्वरा, करतोया तथात्रेयी लौहित्यश्च महानदः।'[1]

  • प्रसंगानुसार, वारंवती वर्तमान राप्ती जान पड़ती है। राप्ती को सामान्यतः 'इरावती' का अपभ्रंश कहा जाता है। संभव है कि इसका शुद्ध नाम 'वारवत्या' या 'वारवती' ही हो।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 10, 12
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 844 |

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