विश्व कप फ़ुटबॉल 1958

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विश्व कप फ़ुटबॉल 1958
फ़ीफ़ा विश्व कप
विवरण 'फ़ीफ़ा विश्व कप' का आयोजन 'फ़ीफ़ा' (फ़ेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल फ़ुटबॉल एसोसिएशन) द्वारा कराया जाता है। छठा विश्व कप फ़ुटबॉल वर्ष 1958 में खेला गया था, जिसकी मेज़बानी स्वीडन ने की थी।
वर्ष 1958
तिथि 8 जून से 29 जून
कुल देश 16
फ़ाइनल ब्राज़ील तथा स्वीडन के मध्य।
विजेता ब्राज़ील
कुल मैच 35
कुल गोल 126
दर्शक 8,19,810
अन्य जानकारी इस विश्व कप की एक और ख़ासियत थी- ब्राज़ील के स्टार खिलाड़ी पेले का उद्भव। इस विश्व कप से अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पेले ने अगले कई वर्षों तक फ़ुटबॉल की दुनिया पर राज किया।
अद्यतन‎ 04:47 4 अगस्त, 2016 (IST)

विश्व कप फ़ुटबॉल 1958 अथवा फ़ीफ़ा विश्व कप 1958 (अंग्रेज़ी: FIFA World Cup 1958)

वर्ष 1958 में विश्व कप फ़ुटबॉल की मेज़बानी स्वीडन को मिली। इस विश्व कप में 16 देशों की टीमों ने प्रतिभाग किया। इस बार ये तय किया गया था कि सभी टीमें अपने ग्रुप में कम से कम एक बार सभी टीमों से खेलेंगी। ब्राज़ील के प्रसिद्ध खिलाड़ी पेले का उदय भी इसी विश्व कप से हुआ। फ़ाइनल में ब्राज़ील और स्वीडन की टीमें आमने-सामने थी। ब्राज़ील ने स्वीडन पर 5-2 से जीत हासिल कर ख़िताब अपने नाम किया।

सम्मिलित देश

पहली बार इस विश्व कप में सोवियत संघ ने हिस्सा लिया और पहली बार ही ग्रेट ब्रिटेन के सभी देशों- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड, ने हिस्सा लिया। इस बार प्रतियोगिता के स्वरूप में फिर थोड़ा बदलाव हुआ। 16 टीमों ने विश्व कप के लिए क्वालीफ़ाई किया।

आंशिक नियम परिवर्तन

इस बार नियमों में आंशिक परिवर्तन करते हुए यह तय किया गया कि सभी टीमें अपने ग्रुप में कम से कम एक बार सभी टीमों से खेलेंगी। इस बार ग्रुप मैच ड्रॉ होने की सूरत में अतिरिक्त समय देने का प्रावधान ख़त्म कर दिया गया। पहली बार विश्व कप के मैचों का सीधा प्रसारण टीवी पर हुआ।

खिलाड़ी पेले का उद्भव

इस विश्व कप की एक और ख़ासियत थी- ब्राज़ील के स्टार खिलाड़ी पेले का उद्भव। इस विश्व कप से अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पेले ने अगले कई वर्षों तक फ़ुटबॉल की दुनिया पर राज किया। इस विश्व कप में पेले ब्राज़ील के आख़िरी ग्रुप मैच से पहले तक नहीं खेल पाए थे। सोवियत संघ के ख़िलाफ़ मैच में पेले को उतारा तो गया, लेकिन वे स्कोर कर पाने में नाकाम रहे। हालाँकि ब्राज़ील ने यह मैच 2-0 से जीत लिया था।

मैक्सिको, जर्मनी तथा फ़्राँस की हार

इसी ग्रुप के एक प्ले ऑफ़ मैच में सोवियत संघ ने इंग्लैंड को हराकर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। मेज़बान स्वीडन के कोच इंग्लैंड के जॉर्ज रेनॉर थे। उन्होंने पहले ही ये भविष्यवाणी कर दी थी कि उनकी टीम फ़ाइनल में ज़रूर पहुँचेगी। अपने पहले मैच में स्वीडन ने मैक्सिको को 3-0 से हराया। इसके बाद हंगरी, सोवियत संघ और फिर सेमी फ़ाइनल में पश्चिम जर्मनी को हराकर स्वीडन ने फ़ाइनल में जगह बनाई। दूसरे सेमी फ़ाइनल में ब्राज़ील की भिड़ंत फ़्राँस से हुई। दर्शकों को एक ज़बरदस्त मैच देखने को मिला।

विश्व कप ख़िताब

पेले भी शानदार फ़ॉर्म में थे। उन्होंने हैट-ट्रिक लगाई और ब्राज़ील ने फ़्राँस को 5-2 से मात दी। फ़्राँस की ओर से दोनों गोल ज़ुस्ट फ़ोन्टेन ने दागे थे, जिन्होंने इस विश्व कप में कुल 13 गोल मारे, जो आज भी विश्व रिकॉर्ड है। फ़ाइनल में ब्राज़ील और स्वीडन की टीमें आमने-सामने थी। चौथे मिनट में ही स्वीडन ने 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। पेले और वावा के दो-दो गोलों की बदौलत ब्राज़ील ने आख़िरकार 5-2 से जीत हासिल कर पहली बार विश्व कप के ख़िताब पर क़ब्ज़ा कर लिया।


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