एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

वेणा नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

वेणा नामक एक नदी का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-

'स विजित्य दुराधर्ष भीष्मकं माद्रिनंदनः कोसलाधिपं चैव तथा वेणातटाघिप।'[1]

'वेणा भीमरथी चैव नद्यौ पापभयापहे, मृगद्विजसमाकीर्णे तापसालयभूपिते।'[2]

'वेणायाः संगमे स्नात्वा वाजिमेघफलं लभेत्।'[3]

'तुंगभद्राकृष्णावेण्याभीमरथीगोदावरी।"

यहाँ भी इसका भीमरथी के साथ उल्लेख है। यह 'वेनगंगा' या 'प्रवेणी' भी हो सकती है।[5]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 31,12
  2. महाभारत, वनपर्व 88,3
  3. महाभारत, वनपर्व 85,34
  4. श्रीमद्भागवत 5,19,18
  5. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 872 |

संबंधित लेख