सुंदरवन

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सुंदरवन
सुंदरवन
अन्य नाम सुंदरबोन
विवरण सुंदरबन नाम संभवतः ‘सुंदरी का वन’ से लिया गया है, जिसका संबंध ईंधन के लिए मूल्यवान लकड़ी उपलब्ध कराने वाले एक विशाल मैंग्रोव वृक्ष से है।
देश भारत तथा बांग्लादेश
क्षेत्रफल 1,80,000 वर्ग किलोमीटर
गूगल मानचित्र गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी यह डेल्टा चावल की कृषि के लिए अधिक विख्यात है। यहाँ विश्व में सबसे अधिक कच्चे जूट का उत्पादन होता है।

सुंदरवन या सुंदरबोन भारत तथा बांग्लादेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है। बहुत सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और प्रसिद्ध बंगाल टाईगर का निवास स्थान है। यह डेल्टा धीरे धीरे सागर की ओर बढ़ रहा है। कुछ समय पहले कोलकाता सागर तट पर ही स्थित था और सागर का विस्तार राजमहल तथा सिलहट तक था, परन्तु अब यह तट से 15-20 मील (24-32 किलोमीटर) दूर स्थित लगभग 1,80,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ बड़ी तादाद में सुंदरी पेड़ मिलते हैं जिनके नाम पर ही इन वनों का नाम सुंदरवन पड़ा है। इसके अलावा यहाँ पर देवा, केवड़ा, तर्मजा, आमलोपी और गोरान वृक्षों की ऐसी प्रजातियाँ हैं, जो सुंदरवन में पाई जाती हैं। यहाँ के वनों की एक ख़ास बात यह है कि यहाँ वही पेड़ पनपते या बच सकते हैं, जो मीठे और खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हों।[1]

सुंदरवन डेल्टा में नदियाँ

सुंदरवन डेल्टा में भूमि का ढाल अत्यन्त कम होने के कारण यहाँ गंगा अत्यन्त धीमी गति से बहती है और अपने साथ लाई गयी मिट्टी को मुहाने पर जमा कर देती है जिससे डेल्टा का आकार बढ़ता जाता है और नदी की कई धाराएँ एवं उपधाराएँ बन जाती हैं। इस प्रकार बनी हुई गंगा की प्रमुख शाखा नदियाँ जालंगी नदी, इच्छामती नदी, भैरव नदी, विद्याधरी नदी और कालिन्दी नदी हैं। नदियों के वक्र गति से बहने के कारण दक्षिणी भाग में कई धनुषाकार झीलें बन गयी हैं। ढाल उत्तर से दक्षिण है, अतः अधिकांश नदियाँ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हैं। ज्वार के समय इन नदियों में ज्वार का पानी भर जाने के कारण इन्हें ज्वारीय नदियाँ भी कहते हैं। डेल्टा के सुदूर दक्षिणी भाग में समुद्र का खारा पानी पहुँचने का कारण यह भाग नीचा, नमकीन एवं दलदली है तथा यहाँ आसानी से पनपने वाले मैंग्रोव जाति के वनों से भरा पड़ा है। यह डेल्टा चावल की कृषि के लिए अधिक विख्यात है। यहाँ विश्व में सबसे अधिक कच्चे जूट का उत्पादन होता है। कटका अभयारण्य सुंदरवन के उन इलाकों में से है जहाँ का रास्ता छोटी-छोटी नहरों से होकर गुज़रता है। यहाँ बड़ी तादाद में सुंदरी पेड़ मिलते हैं जिनके नाम पर ही इन वनों का नाम सुंदरवन पड़ा है। इसके अलावा यहाँ पर देवा, केवड़ा, तर्मजा, आमलोपी और गोरान वृक्षों की ऐसी प्रजातियाँ हैं, जो सुंदरवन में पाई जाती हैं। यहाँ के वनों की एक ख़ास बात यह है कि यहाँ वही पेड़ पनपते या बच सकते हैं, जो मीठे और खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हों।[1]

दलदली द्वीप समूह

बंगाल की खाड़ी में हुगली नदी के मुहाने (शरत) से मेघना नदी के मुहाने (बांग्लादेश) तक 260 किमी तक विस्तृत एक व्यापक जंगली एवं लवणीय दलदली क्षेत्र, जो गंगा डेल्टा का निचला हिस्सा बनाता है, यह 100-130 किमी में फैला अंतर्स्थलीय क्षेत्र है। मुहानों के एक संजाल, लहरों वाली नदियों और अनेक नहरों द्वारा कटी हुई खाड़ियों के साथ इस भूक्षेत्र में घने जंगलों से ढके दलदली द्वीप समूह हैं।

सुंदरी का वन

सुंदरबन नाम संभवतः ‘सुंदरी का वन’ से लिया गया है, जिसका संबंध ईंधन के लिए मूल्यवान लकड़ी उपलब्ध कराने वाले एक विशाल मैंग्रोव वृक्ष से है। समुद्र तट के साथ वन मैंग्रोव वाले दलदलों में परिवर्तित होते है; दक्षिणी क्षेत्र विभिन्न जंगली जानवरों और घड़ियालों से भरा हुआ है और वस्तुतः निर्जन है। यह बंगाल के शेर का आख़िरी संरेक्षित क्षेत्र और बाघ संरक्षण परियोजना का स्थल है। कृषि योग्य उत्तरी क्षेत्र में चावल, गन्ना, लकड़ी और सुपारी की खेती होती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 सुंदरवन के मुहाने पर (एचटीएम) बीबीसी। अभिगमन तिथि: 22 जून, 2009

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