हरिविजय सूरी
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हरिविजय सूरी प्रसिद्ध जैन आचार्य थे। मुग़ल बादशाह अकबर उनका बहुत आदर करता था। जैन साधु हरिविजय कुछ वर्ष तक अकबर के दरबार में रहे। अकबर ने उन्हें सम्मानस्वरूप 'जगद्गुरु' की उपाधि प्रदान की थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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