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ॐ शब्द ही ब्रह्म है -नागार्जुन

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ॐ शब्द ही ब्रह्म है -नागार्जुन
मीरांबाई
कवि नागार्जुन
जन्म 30 जून, 1911
जन्म स्थान मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु 5 नवंबर, 1998
मृत्यु स्थान दरभंगा ज़िला, बिहार
मुख्य रचनाएँ रतिनाथ की चाची, बलचनमा, नयी पौध, बाबा बटेसरनाथ, दुखमोचन, वरुण के बेटे
विशेष नागार्जुन ने मैथिली भाषा में 'यात्री' नाम से लेखन किया है।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

ॐ शब्द ही ब्रह्म है
ॐ शब्द और शब्द और शब्द और शब्द
ॐ प्रणव, ॐ नाद, ॐ मुद्राएं
ॐ वक्तव्य, ॐ उद्‍गार, ॐ घोषणाएं
ॐ भाषण….
ॐ प्रवचन….
ॐ हूंकार, ॐ फटकार, ॐ शीत्कार
ॐ फुसफुस, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार
ॐ आस्फालन, ॐ इंगित, ॐ इशारे
ॐ नारे और नारे और नारे और नारे
ॐ सबकुछ, सबकुछ, सबकुछ
ॐ कुछ नहीं, कुछ नहीं, कुछ नही
ॐ पत्थर पर की दूब, खरगोश के सींग
ॐ नमक-तेल-हल्दी-जीरा-हींग
ॐ मूस की लेडी, कनेर के पात
ॐ डायन की चीख, औघड़ की अटपट बात
ॐ कोयला-इस्पात-पेट्रोल
ॐ हमी हम ठोस, बाकी सब फूटे ढोल
ॐ इदमन्नं, इमा आपः, इदमाज्यं, इदं हवि
ॐ यजमान, ॐ पुरोहित, ॐ राजा, ॐ कवि
ॐ क्रांतिः क्रांतिः क्रांतिः सर्वग्वं क्रांतिः
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः सर्वग्वं शांतिः
ॐ भ्रांतिः भ्रांतिः भ्रांतिः सर्वग्वं भ्रांतिः
ॐ बचाओ बचाओ बचाओ बचाओ
ॐ हटाओ हटाओ हटाओ हटाओ
ॐ धेराओ घेराओ घेराओ घेराओ
ॐ निभाओ निभाओ निभाओ निभाओ
ॐ दलों में एक दल अपना दल ॐ
ॐ अंगीकरण, शुद्धिकरण, राष्ट्रीकरण
ॐ मुष्टिकरण, तुष्टिकरण, पुष्टिकरण
ॐ ऐतराज, आक्षेप, अनुशासन
ॐ गद्दी पर आजन्म वज्रासन
ॐ ट्रिब्यूनल ॐ आश्वासन
ॐ छल-छंद, ॐ मिथ्या, ॐ होड़महोड़
ॐ बकवास, ॐ उद्‍घाटन
ॐ मारण-मोहन-उच्चाटन
ॐ काली काली काली महाकाली महाकाली
ॐ मार मार मार, वार न जाए ख़ाली
ॐ अपनी खुशहाली
ॐ दुश्मनों की पामाली
ॐ मार, मार, मार, मार, मार, मार, मार
ॐ अपोजिशन के मुंड बनें तेरे गले का हार
ॐ ऐं हीं वलीं हूं आड्‍
ॐ हम चबाएंगे तिलक और गांधी की टांग
ॐ बूढे़ की आंख, छोकरी का काजल
ॐ तुलसीदास, बिल्वपत्र, चंदन, रोली, अक्षत, गंगाजल
ॐ शेर के दांत, भालू के नाखून, मर्कट का फोता
ॐ हमेशा हमेशा हमेशा करेगा राज मेरा पोता
ॐ छूः छूः फूः फूः फट फिट फुट
ॐ शत्रुओं की छाती पर लोहा कुट
ॐ भैरों, भैरों, भैरों, ॐ बजरंगबली
ॐ बंदूक का टोटा, पिस्तौल की नली
ॐ डालर, ॐ रूबल, ॐ पाउंड
ॐ साउंड, ॐ साउंड. ॐ साउंड
ॐ ॐ ॐ
ॐ धरती, धरती, धरती, व्योम् व्योम् व्योम्
ॐ अष्टधातुओं की ईंटों के भट्ठे
ॐ महामहिम, महामहो, उल्लू के पट्ठे
ॐ दुर्गा दुर्गा दुर्गा तारा तारा तारा
ॐ इसी पेट के अंदर समा जाए सर्वहारा
हरिः ॐ तत्सत् हरिः ॐ तत्सत्


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