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07:29, 27 जुलाई 2012 का अवतरण
- अमर सिंह मेवाड़ का राणा (1596-1620 ई.) था।
- वह प्रसिद्ध राणा प्रताप का पुत्र और उत्तराधिकारी था।
- उसने अपनी स्वतंत्रता के लिए बादशाह अकबर से बहादुरी के साथ युद्ध किया, लेकिन 1599 ई. में वह पराजित हो गया।
- वह अकबर की परतंत्रता से अपनी मातृभूमि को बचाने में सफल तो नहीं हुआ, लेकिन उसने 1614 ई. तक मुग़लों के विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखी। मुग़ल साम्राज्य के बढ़ते हुए दबाव और लगातार विफलता के कारण, उसने बादशाह जहाँगीर से सम्मापूर्वक संधि कर ली।
- जहाँगीर ने मेवाड़ के राणा को मुग़ल दरबार में हाज़िर होने और किसी राजकुमारी को मुग़ल हरम में भेजने की अपमानजनक शर्त नहीं रखी।
- मेवाड़ और मुग़लों के बीच मित्रता के जो सम्बन्ध स्थापित हो गये थे, वे औरंगज़ेब के समय में उसकी धार्मिक असहिष्णुता की नीति के कारण समाप्त हो गये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-13