सामरि हे झामरि तोर दहे। कह कह कासँए लायलि नहे।। निन्दे भरल अछि लोचन तोर। कोमल बदन कमल रुचि चारे।। निरस धुसर करु अधर पँवार। कोन कुबुधि लुतु मदन-भंडार।। कोन कुमति कुच नख-खतदेल। हा-हा सम्भु भागन भेय गेल।। दमन-लता सम तनु सुकुमार। फूटल बलय टुटल गुमहार।। केस कुसुम तोर सिरक सिन्दूर। अलक तिलक हे सेहो गेल दूर।। भनइ विद्यापति रति अवसान। राजा सिंवसिंह ईरस जान।।