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− | *नगर के आसपास हिंदू तथा जैन मंदिरों के खण्डहर हैं। | + | *नगर के आसपास [[हिंदू]] तथा [[जैन]] मंदिरों के खण्डहर हैं। |
*जीवंती के तट पर ही अंबाजोगई का प्रसिद्ध मंदिर है जो चट्टान में से काट कर बनाया गया है। | *जीवंती के तट पर ही अंबाजोगई का प्रसिद्ध मंदिर है जो चट्टान में से काट कर बनाया गया है। | ||
*इसका मंडप 90 फुट X 45 फुट है। | *इसका मंडप 90 फुट X 45 फुट है। | ||
*यह मंदिर स्तंभों की चार पंक्तियों पर आधारित है। | *यह मंदिर स्तंभों की चार पंक्तियों पर आधारित है। | ||
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*अंबा के पंचम-जैनों के पूर्वज [[चालुक्य|चालुक्यों]] के सामंत थे। | *अंबा के पंचम-जैनों के पूर्वज [[चालुक्य|चालुक्यों]] के सामंत थे। | ||
*अंबाजोगई में एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण देवगरि-नरेश सिंहन के शासनकाल में हुआ था। | *अंबाजोगई में एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण देवगरि-नरेश सिंहन के शासनकाल में हुआ था। | ||
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09:52, 3 मई 2018 के समय का अवतरण
अंबाजोगई महाराष्ट्र राज्य में जीवंत नदी के तट पर बसा एक कस्बा है।
- अंबाजोगई बीद ज़िले के एक ताल्लुक का मुख्यालय है।
- नदी के दूसरे तट पर मोमिनाबाद नामक क़स्बा है।
- नगर के आसपास हिंदू तथा जैन मंदिरों के खण्डहर हैं।
- जीवंती के तट पर ही अंबाजोगई का प्रसिद्ध मंदिर है जो चट्टान में से काट कर बनाया गया है।
- इसका मंडप 90 फुट X 45 फुट है।
- यह मंदिर स्तंभों की चार पंक्तियों पर आधारित है।
- मराठी कवि मुकुंदराम की समाधि भी यहां स्थित है।
- अंबा के पंचम-जैनों के पूर्वज चालुक्यों के सामंत थे।
- अंबाजोगई में एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण देवगरि-नरेश सिंहन के शासनकाल में हुआ था।
- इस पर 1240 ई. का एक अभिलेख है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, पृष्ठ संख्या - 7
बाहरी कड़ियाँ
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