"अगलस्सोई" के अवतरणों में अंतर
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− | *शिवि गण जंगली जानवरों की खाल के वस्त्र पहनते थे और विभिन्न प्रकार के "गदा" और "मुगदर" जैसे हथियारों का प्रयोग करते थे। | + | *शिवि गण जंगली जानवरों की खाल के वस्त्र पहनते थे और विभिन्न प्रकार के "[[गदा]]" और "मुगदर" जैसे हथियारों का प्रयोग करते थे। |
*सिकन्दर जब सिन्धु नदी के मार्ग से [[भारत]] से वापस लौट रहा था, तो इस गण के लोगों से उसका मुक़ाबला हुआ। | *सिकन्दर जब सिन्धु नदी के मार्ग से [[भारत]] से वापस लौट रहा था, तो इस गण के लोगों से उसका मुक़ाबला हुआ। | ||
− | *अगलस्सोई गण की सेना में 40 हज़ार पैदल और तीन हज़ार घुड़सवार सैनिक थे। | + | *अगलस्सोई गण की सेना में 40 हज़ार पैदल और तीन हज़ार घुड़सवार सैनिक थे। उन्होंने सिकन्दर के छक्के छुड़ा दिए, लेकिन अन्त में वे पराजित हो गए। |
− | *यूनानी इतिहासकारों के अनुसार अगलस्सोई गण के 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए, ताकि उन्हें यूनानियों की दासता न भोगनी पड़े। | + | *यूनानी इतिहासकारों के अनुसार अगलस्सोई गण के 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए, ताकि उन्हें यूनानियों की दासता न भोगनी पड़े। यह कृत्य राजपूतों में प्रचलित जौहर प्रथा से मिलता प्रतीत होता है। |
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+ | *भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-05 | ||
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− | *[http://books.google.co.in/books?id=rOVpOG6MPMcC&pg=PA136&lpg=PA136&dq=agalassians&source=bl&ots=l2q833TM6d&sig=qDS2dbfguWQVqbWedNvQYlb6oHE&hl=en&ei=bdj1TIb_I8birAfEt8mhBw&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=1&ved=0CBYQ6AEwAA#v=onepage&q=agalassians&f=false History of ancient India | + | *[http://books.google.co.in/books?id=rOVpOG6MPMcC&pg=PA136&lpg=PA136&dq=agalassians&source=bl&ots=l2q833TM6d&sig=qDS2dbfguWQVqbWedNvQYlb6oHE&hl=en&ei=bdj1TIb_I8birAfEt8mhBw&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=1&ved=0CBYQ6AEwAA#v=onepage&q=agalassians&f=false History of ancient India] |
− | *[http://books.google.co.in/books?id=ncDFRgtSysIC&pg=PA285&lpg=PA285&dq=agalassians&source=bl&ots=73fDRffbEu&sig=9gdHk3KKWVvI7SVDYF_HUFfcUZ8&hl=en&ei=bdj1TIb_I8birAfEt8mhBw&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=2&ved=0CBoQ6AEwAQ#v=onepage&q=agalassians&f=false The Invasion of India by Alexander | + | *[http://books.google.co.in/books?id=ncDFRgtSysIC&pg=PA285&lpg=PA285&dq=agalassians&source=bl&ots=73fDRffbEu&sig=9gdHk3KKWVvI7SVDYF_HUFfcUZ8&hl=en&ei=bdj1TIb_I8birAfEt8mhBw&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=2&ved=0CBoQ6AEwAQ#v=onepage&q=agalassians&f=false The Invasion of India by Alexander] |
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12:39, 29 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
अगलस्सोई की पहचान पाणिनि के व्याकरण में उल्लिखित अग्रश्रेणय: से की जाती है।
- अगलस्सोई सिकन्दर के आक्रमण के समय सिन्धु नदी की घाटी के निचले भाग में शिविगण के पड़ोस में रहने वाला एक गण था।
- शिवि गण जंगली जानवरों की खाल के वस्त्र पहनते थे और विभिन्न प्रकार के "गदा" और "मुगदर" जैसे हथियारों का प्रयोग करते थे।
- सिकन्दर जब सिन्धु नदी के मार्ग से भारत से वापस लौट रहा था, तो इस गण के लोगों से उसका मुक़ाबला हुआ।
- अगलस्सोई गण की सेना में 40 हज़ार पैदल और तीन हज़ार घुड़सवार सैनिक थे। उन्होंने सिकन्दर के छक्के छुड़ा दिए, लेकिन अन्त में वे पराजित हो गए।
- यूनानी इतिहासकारों के अनुसार अगलस्सोई गण के 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए, ताकि उन्हें यूनानियों की दासता न भोगनी पड़े। यह कृत्य राजपूतों में प्रचलित जौहर प्रथा से मिलता प्रतीत होता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- भारतीय इतिहास कोश पृष्ठ संख्या-05
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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