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'''ओंकारनाथ श्रीवास्तव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Onkarnath Shrivastava'', जन्म- [[1932]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[29 नवंबर]], [[2002]], [[लंदन]]) [[कवि]] एवं लेखक थे। प्रोड्यूसर के तौर पर वह बी.बी.सी. हिंदी सेवा, [[लंदन]] से जुड़े थे। वह बी.बी.सी. हिंदी सेवा के उप प्रमुख भी रहे थे। उन्होंने बी.बी.सी. हिंदी सेवा की भाषा और शैली को गढ़ने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी।
 
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ओंकारनाथ श्रीवास्तव
ओंकारनाथ श्रीवास्तव
पूरा नाम ओंकारनाथ श्रीवास्तव
जन्म 1932
जन्म भूमि उत्तर प्रदेश
मृत्यु 29 नवंबर, 2002
मृत्यु स्थान लंदन
पति/पत्नी कीर्ति चौधरी
संतान अतिमा श्रीवास्तव
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र साहित्य एवं समाचार प्रसारण
विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

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ओंकारनाथ श्रीवास्तव (अंग्रेज़ी: Onkarnath Shrivastava, जन्म- 1932, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 29 नवंबर, 2002, लंदन) कवि एवं लेखक थे। प्रोड्यूसर के तौर पर वह बी.बी.सी. हिंदी सेवा, लंदन से जुड़े थे। वह बी.बी.सी. हिंदी सेवा के उप प्रमुख भी रहे थे। उन्होंने बी.बी.सी. हिंदी सेवा की भाषा और शैली को गढ़ने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी।

परिचय

ओंकारनाथ श्रीवास्तव का जन्म 1932 में हुआ था। मूल तौर पर वे उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले के रहने वाले थे और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी पत्नी कीर्ति चौधरी और बेटी अतिमा श्रीवास्तव हैं। कीर्ति जी ख़ुद हिंदी की जानीमानी कवयित्री थीं और अतिमा अंग्रेज़ी की प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं।[1]

कार्यक्षेत्र

बी.बी.सी. हिंदी सेवा के श्रोताओं ने बार-बार अपने पत्रों में लिखा कि उनके प्रसारण ऐसे जीवंत होते थे मानो वह उनके कमरे में बैठकर बातें कर रहे हों। बांग्लादेश के जन्म की कहानी हो या इंदिरा गाँधी की हत्या की ख़बर, ओंकारनाथ श्रीवास्तव ने श्रोताओं को वर्षों तक बाँधे रखा और आसान भाषा में रोचक तरीक़े से राजनीति से लेकर विज्ञान तक की गुत्थियाँ खोलीं। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे, लेकिन चंद आख़िरी दिनों को छोड़कर वे लगातार पूरे जोश के साथ काम करते रहे। रिटायर होने के बावजूद वह प्रसारक के तौर पर हिंदी सेवा के श्रोताओं से जुड़े रहे और उनके अनुभव का लाभ युवा टीम को हमेशा मिलता रहा। उन्हें न सिर्फ़ एक बेहतरीन प्रसारक बल्कि एक भाषाविद् और साहित्यकार के रूप में भी याद रखा जाएगा। हिंदी साहित्य के जानकारों के बीच उनका नाम आदर के साथ लिया जाता था और वह कवि हरिवंश राय बच्चन के सबसे प्रिय शिष्य के तौर पर भी जाने जाते थे।[1]

कविता

ओंकार जी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं-

कहीं एक छोटा सा घर हो,
कोई बढ़ता हुआ गाँव या कोई पिछड़ा हुआ शहर हो,
वहीं एक छोटा सा घर हो।

निधन

बी.बी.सी. हिंदी सेवा से लगभग तीन दशकों तक जुड़े रहे प्रसारक ओंकारनाथ श्रीवास्तव का 29 नवंबर, 2002 की रात लंदन में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 ओंकार जी की अंत्येष्टि शनिवार को (हिंदी) www.bbc.com। अभिगमन तिथि: 28 जुलाई, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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