कमलेश्वर

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कमलेश्वर
कमलेश्वर
पूरा नाम कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना
अन्य नाम कमलेश्वर
जन्म 6 जनवरी, 1932
जन्म भूमि मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 27 जनवरी, 2007
मृत्यु स्थान फरीदाबाद, हरियाणा
कर्म-क्षेत्र लेखक, आलोचक, फ़िल्म पटकथा लेखक
मुख्य रचनाएँ जॉर्ज पंचम की नाक, मांस का दरिया, इतने अच्छे दिन, कोहरा, कथा-प्रस्थान, मेरी प्रिय कहानियाँ,
विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय
शिक्षा एम.ए. (हिन्दी साहित्य)
पुरस्कार-उपाधि 2005 में पद्मभूषण, 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कितने पाकिस्तान)
प्रसिद्धि उपन्यासकार के रूप में ‘कितने पाकिस्तान’ ने इन्हें सर्वाधिक ख्याति प्रदान की और इन्हें एक कालजयी साहित्यकार बना दिया।
विशेष योगदान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी ‘नई कहानियों’ के अलावा ‘सारिका’, ‘कथा यात्रा’, ‘गंगा’ आदि पत्रिकाओं का सम्पादन तो किया ही ‘दैनिक भास्कर’ के राजस्थान अलंकरणों के प्रधान सम्पादक भी रहे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

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कमलेश्वर (जन्म- 6 जनवरी, 1932 मैनपुरी - मृत्यु- 27 जनवरी, 2007 फ़रीदाबाद) हिन्दी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक हैं। कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फ़िल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया।

जीवन परिचय

कमलेश्वर का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में 6 जनवरी, 1932 में हुआ था। प्रारम्भिक पढ़ाई के पश्चात कमलेश्वर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। कमलेश्वर बहुआयामी रचनाकार थे। उन्होंने सम्पादन क्षेत्र में भी एक प्रतिमान स्थापित किया। ‘नई कहानियों’ के अलावा ‘सारिका’, ‘कथा यात्रा’, ‘गंगा’ आदि पत्रिकाओं का सम्पादन तो किया ही ‘दैनिक भास्कर’ के राजस्थान अलंकरणों के प्रधान सम्पादक भी रहे।

मीडिया

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में भी कुछ कम योगदान नहीं दिया। कश्मीर एवं अयोध्या आदि पर वृत्त चित्रों तथा दूरदर्शन के लिए ‘बन्द फ़ाइल’ एवं ‘जलता सवाल’ जैसे सामाजिक सरोकारों के वृत्त चित्रों का भी लेखन-निर्देशन और निर्माण किया। उन्होंने अनेक हिन्दी फ़िल्मों के लिए पट-कथाएँ लिखीं तथा भारतीय दूरदर्शन श्रृंखलाओं के लिए दर्पण, चन्द्रकान्ता, बेताल पच्चीसी, विराट युग आदि लिखे। भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम पर आधारित पहली प्रामाणिक एवं इतिहासपरक जन-मंचीय मीडिया कथा ‘हिन्दुस्तां हमारा’ का भी लेखन किया।

रचनाएँ

कहानी संग्रह

उनके कहानी संग्रहों के नाम हैं-

  1. जॉर्ज पंचम की नाक
  2. मांस का दरिया
  3. इतने अच्छे दिन
  4. कोहरा
  5. कथा-प्रस्थान
  6. मेरी प्रिय कहानियाँ।
आत्मपरक संस्मरण

कमलेश्वर ने आत्मपरक संस्मरण भी लिखे। इनकी संस्मरण पुस्तकों के नाम हैं-

  1. जो मैंने जिया
  2. यादों के चिराग़
  3. जलती हुई नदी
उपन्यास

उनके उपन्यास निम्नलिखित हैं-

  1. एक सड़क सत्तावन गलियाँ
  2. लौटे हुए मुसाफिर
  3. डाक बंगला
  4. समुद्र में खोया हुआ आदमी
  5. तीसरा आदमी
  6. काली आंधी
  7. वही बात
  8. आगामी अतीत
  9. सुबह....दोपहर....शाम
  10. रेगिस्तान
  11. कितने पाकिस्तान।
प्रसिद्धि

उपन्यासकार के रूप में ‘कितने पाकिस्तान’ ने इन्हें सर्वाधिक ख्याति प्रदान की और इन्हें एक कालजयी साहित्यकार बना दिया। हिन्दी में यह प्रथम उपन्यास है, जिसके अब तक पाँच वर्षों में, 2002 से 2008 तक ग्यारह संस्करण हो चुके हैं। पहला संस्करण छ: महीने के अन्तर्गत समाप्त हो गया था। दूसरा संस्करण पाँच महीने के अन्तर्गत, तीसरा संस्करण चार महीने के अन्तर्गत। इस तरह हर कुछेक महीनों में इसके संस्करण होते रहे और समाप्त होते रहे।

सम्मान और पुरस्कार

कमलेश्वर को उनकी रचनाधर्मिता के फलस्वरूप पर्याप्त सम्मान एवं पुरस्कार मिले। 2005 में उन्हें ‘पद्मभूषण’ अलंकरण से राष्ट्रपति महोदय ने विभूषित किया। उनकी पुस्तक ‘कितने पाकिस्तान’ पर साहित्य अकादमी ने उन्हें पुरस्कृत किया।

निधन

27 जनवरी, 2007 को फ़रीदाबाद, हरियाणा में कमलेश्वर का निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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