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'''जन्‍तर मन्‍तर''' [[राजस्थान]] राज्य के [[जयपुर]] शहर में स्थित है। 
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*[[जयसिंह|महाराजा सवाई जयसिंह]] ने सन 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी।  
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*इस ज्‍योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्‍त एवं [[नक्षत्र|नक्षत्रों]] की जानकारी प्राप्‍त करने के उपकरण अवस्थित हैं।  
 
*वैधशाला में स्‍थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्‍य है।
 
*वैधशाला में स्‍थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्‍य है।
 
*देश में सबसे पहली वेधशाला [[दिल्ली]] में 1724 में बनवाई गई और उसके दस वर्ष बाद जयपुर में वेधशाला बनाई गई थी|
 
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जन्‍तर मन्‍तर जयपुर
जन्‍तर मन्‍तर, जयपुर
विवरण जन्‍तर मन्‍तर राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है।
राज्य राजस्थान
ज़िला जयपुर
निर्माता सवाई जयसिंह
निर्माण काल 1718 ई.-1724 ई.
स्थापना 1718 ई.
भौगोलिक स्थिति उत्तर -26° 55′ 28.99″, पूर्व -75° 49′ 27.98″
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन, बैस गोदाम रेलवे स्टेशन
बस अड्डा सिन्धी कैंप बस अड्डा
यातायात स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
क्या देखें आर्ट गैलरी, छवि निवास, मुकुट महल, श्री गोविन्द देव मंदिर।
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 0141
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख सिटी पैलेस, हवा महल, अल्‍बर्ट हॉल संग्रहालय, जल महल, ईसरलाट, आमेर का क़िला


अन्य जानकारी जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं। यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं।
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जन्‍तर मन्‍तर राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है।

  • महाराजा सवाई जयसिंह ने सन 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी।
  • इस ज्‍योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्‍त एवं नक्षत्रों की जानकारी प्राप्‍त करने के उपकरण अवस्थित हैं।
  • वैधशाला में स्‍थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्‍य है।
  • देश में सबसे पहली वेधशाला दिल्ली में 1724 में बनवाई गई और उसके दस वर्ष बाद जयपुर में वेधशाला बनाई गई थी|
  • जयपुर के बाद उज्जैन, बनारस और मथुरा में वेधशालाएं बनवायी गई।
  • जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं।
  • यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं।


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संबंधित लेख

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