"टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ. -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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"वाह भई वाह धन्य हैं तेरे दादाजी, तुम तो ख़ानदानी बदमाश हो!" | "वाह भई वाह धन्य हैं तेरे दादाजी, तुम तो ख़ानदानी बदमाश हो!" | ||
बब्बू ने शरमा कर कहा- | बब्बू ने शरमा कर कहा- | ||
− | "सब ईसुर की दया है... अब जो भी हैं आपके सामने हैं सर जी! अपने खानदान की इज्जत के लिए जितना हो सकता है करते हैं, बस नाम बचा रहे पुरखों का इतना ही हमारे लिए | + | "सब ईसुर की दया है... अब जो भी हैं आपके सामने हैं सर जी! अपने खानदान की इज्जत के लिए जितना हो सकता है करते हैं, बस नाम बचा रहे पुरखों का इतना ही हमारे लिए काफ़ी है। वेसे जमाना बदलता जा रहा है, अब वोऽऽऽ बात नईं है..." |
"हाँ यार ज़माना तो ख़राब है ही... चल छोड़, वो तो ठीक है...लेकिन एक बात बता कि तुम्हारे टोंटा गॅन्ग का हल्ला तो तीन ज़िलों में हो रक्खा है जिधर देखो, टोंटा गॅन्ग-टोंटा गॅन्ग... अब मंत्री जी जनपद का दौरा करने आ रहे हैं तो पईसा देने में तेरी मैया मर रही है ?... बाद में मत कहना कि तुम्हारे ही आदमी का एनकाउन्टर क्यों होता है... सोच ले...?" इंस्पॅक्टर मुद्दे पर आया। | "हाँ यार ज़माना तो ख़राब है ही... चल छोड़, वो तो ठीक है...लेकिन एक बात बता कि तुम्हारे टोंटा गॅन्ग का हल्ला तो तीन ज़िलों में हो रक्खा है जिधर देखो, टोंटा गॅन्ग-टोंटा गॅन्ग... अब मंत्री जी जनपद का दौरा करने आ रहे हैं तो पईसा देने में तेरी मैया मर रही है ?... बाद में मत कहना कि तुम्हारे ही आदमी का एनकाउन्टर क्यों होता है... सोच ले...?" इंस्पॅक्टर मुद्दे पर आया। | ||
शहर कोतवाली में टोंटा गॅन्ग के लीडर बब्बू बॉस को बुलाकर मंत्री जी के दौरे के लिए आर्थिक सहयोग की 'अपील' करते हुए इंस्पॅक्टर टनकिया, बब्बू से 'आर्थिक सहायता' की मांग कर रहा था । | शहर कोतवाली में टोंटा गॅन्ग के लीडर बब्बू बॉस को बुलाकर मंत्री जी के दौरे के लिए आर्थिक सहयोग की 'अपील' करते हुए इंस्पॅक्टर टनकिया, बब्बू से 'आर्थिक सहायता' की मांग कर रहा था । |
14:11, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ. -आदित्य चौधरी "बब्बू यार ! तू बेकार की बात मत किया कर... बबलू गॅन्ग पुलिस की तो सारी डिमान्ड पूरी करता है और तू हमेशा बहसबाज़ी में ही रहता है" इंस्पॅक्टर हाकिम सिंह टनकिया ने टोंटा गॅन्ग के सी॰ ई॰ ओ॰ बब्बू बॉस की बात अनसुनी करते हुए कहा। |
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