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*गर्भगृह के द्वार की बाजुओं पर कुर्मवाहिनी यमुना और मकरवाहिनी गंगा बनी हैं। इस मन्दिर में काष्ठ शिल्पाकृतियों के उपकरण का पत्थर में अनुकरण, वास्तुशिल्प की शैशवावस्था की ओर संकेत करता है। | *गर्भगृह के द्वार की बाजुओं पर कुर्मवाहिनी यमुना और मकरवाहिनी गंगा बनी हैं। इस मन्दिर में काष्ठ शिल्पाकृतियों के उपकरण का पत्थर में अनुकरण, वास्तुशिल्प की शैशवावस्था की ओर संकेत करता है। | ||
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- तिगवा गाँव जो मध्य प्रदेश के ज़िला जबलपुर से लगभग 40 मील दूर स्थित है।
- तिगवा, कभी मन्दिरों का गाँव था, किंतु अब वहाँ लगभग सभी मन्दिर नष्ट हो गये हैं।
- तिगवा में पत्थर का बना विष्णु मन्दिर 12 फुट 9 इंच वर्गाकार है। ऊपर सपाट छत है। इसका गर्भगृह आठ फुट व्यास का है। उसके समक्ष एक मण्डप है। इसके स्तम्भों के ऊपर सिंह तथा कलश की आकृतियाँ हैं।
- गर्भगृह के द्वार की बाजुओं पर कुर्मवाहिनी यमुना और मकरवाहिनी गंगा बनी हैं। इस मन्दिर में काष्ठ शिल्पाकृतियों के उपकरण का पत्थर में अनुकरण, वास्तुशिल्प की शैशवावस्था की ओर संकेत करता है।