पी. वी. सिंधु

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:41, 19 अगस्त 2016 का अवतरण (''''पुसरला वेंकट सिंधु''' (अंग्रेज़ी: ''P. V. Sindhu'', जन्म- 5 जु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

पुसरला वेंकट सिंधु (अंग्रेज़ी: P. V. Sindhu, जन्म- 5 जुलाई, 1995, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वे विश्व वरीयता प्राप्त तथा वर्तमान में भारत की राष्ट्रीय चैम्पियन हैं। वर्ष 2012 में उन्होंने 'बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन' की टॉप 20 में जगह बनाई थी। 10 अगस्त, 2013 में पी. वी. सिंधु ऐसी पहली भारतीय महिला बनीं, जिसने वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता था। पी. वी. सिंधु हैदराबाद में 'गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी' में ट्रेनिंग लेती हैं और उन्हें 'ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट' नाम की एक नॉन-प्रोफिट संस्था सपोर्ट करती है।

परिचय

पी. वी. सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में हुआ है। इनके पिता का नाम पी. वी. रमण और माता का नाम पी. विजया है। सिंधु के माता-पिता दोनों ही पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। इनके पिता पी. वी. रमण को बॉलीबॉल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए 2002 में भारत सरकार के प्रतिष्ठित 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है।

बैडमिंटल का चुनाव

माता-पिता दोनों ही पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, किन्तु पी. वी. सिंधु ने 2001 के 'ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन' बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना कॅरियर चुना और महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। सिंधु ने सबसे पहले सिकंदराबाद में 'इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग' और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की बुनियादी बातों को सीखा। इसके बाद वे पुलेला गोपीचंद के 'गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी' में शामिल हो गईं। आगे चलकर मेहदीपट्टनम से इंटर्मेडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।

रियो ओलम्पिक-2016

भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने ब्राजील की मेजबानी में खेले जा रहे रियो ओलंपिक खेलों में गुरुवार को महिला एकल वर्ग के फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया और भारत को बैडमिंटन में पहला ओलंपिक स्वर्ण हासिल करने की उम्मीद जगा दी। रियोसेंटर पवेलियन-4 में खेले गए सेमीफ़ाइनल मुकाबले में सिंधु ने छठी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी जापान की निजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से हराते हुए फ़ाइनल का टिकट पक्का कर लिया। फ़ाइनल में उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मारिन से होगा। सिंधु अब अगर फ़ाइनल मैच हार भी जाती हैं तो उनका रजत पदक पक्का है, जो भारत का ओलंपिक में बैडमिंटन का पहला रजत पदक होगा। साथ ही वे पहली महिला एथलीट बन जाएंगी जो भारत के लिए रजत जीतेंगी। पी. वी. सिंधु ने पहले गेम में जबरदस्त प्रदर्शन किया और 10-6 की बढ़त ले ली। ओकुहारा की लाख कोशिशों के बावजूद भी सिंधु ने उन्हें आगे नहीं निकलने दिया और 27 मिनट में गेम 21-19 से अपने नाम किया। सिंधु ने दूसरे गेम की शुरुआत अच्छी नहीं की और वह 0-3 से पीछे थीं। 10वीं विश्व वरीयता प्राप्त सिंधु ने इसके बाद 5-5 से और 10-10 से बराबरी की। सिंधु ने इसके बाद चौंकाने वाली वापसी की और लगातार 11 अंक हासिल कर 21-10 से मैच जीत लिया। यह गेम 22 मिनट चला।[1]

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

  1. रियो ओलंपिक में पी वी सिंधू का रजत पक्का (हिंदी) आईबीएन खबर। अभिगमन तिथि: 19 अगस्त, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख