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*पुत्री राज्यश्री का विवाह प्रभाकर वर्धन ने [[मौखरि वंश]] के [[गुहवर्मन]] से किया था। | *पुत्री राज्यश्री का विवाह प्रभाकर वर्धन ने [[मौखरि वंश]] के [[गुहवर्मन]] से किया था। | ||
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*अभियान की सफलता के उपरान्त लौटते हुए मार्ग में [[गौड़ वंश]] के [[शशांक]] ने राज्यवर्धन की हत्या कर दी। | *अभियान की सफलता के उपरान्त लौटते हुए मार्ग में [[गौड़ वंश]] के [[शशांक]] ने राज्यवर्धन की हत्या कर दी। | ||
13:40, 3 अप्रैल 2011 का अवतरण
- गुप्त वंश के पतन के बाद हरियाणा के अम्बाला ज़िले के थानेश्वर नामक स्थान पर पुष्यभूति वंश की स्थापना हुई।
- यह वंश हूणों के साथ हुए अपने संघर्ष के कारण प्रसिद्ध हुआ।
- संभवतः प्रभाकरवर्धन इस वंश का चौथा शासक था। इसके विषय में जानकारी हर्षचरित से मिलती है।
- प्रभाकर वर्धन दो पुत्रों राज्यवर्धन और हर्षवर्धन एवं एक पुत्री राज्यश्री का पिता था।
- पुत्री राज्यश्री का विवाह प्रभाकर वर्धन ने मौखरि वंश के गुहवर्मन से किया था।
- पिता की मृत्यु के बाद राज्यवर्धन सिंहासनारूढ़ हुआ, पर शीघ्र ही उसे मालवा के ख़िलाफ़ अभियान के लिए जाना पड़ा।
- अभियान की सफलता के उपरान्त लौटते हुए मार्ग में गौड़ वंश के शशांक ने राज्यवर्धन की हत्या कर दी।
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