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||'[[बाबरनामा]]' का [[फारसी भाषा]] में अनुवाद [[रहीम|अब्दुल रहीम खानखाना]] ने किया है। वे सेनापति, बहुभाषाविद् कलाप्रेमी कवि, एवं विद्वान थे। | ||'[[बाबरनामा]]' का [[फारसी भाषा]] में अनुवाद [[रहीम|अब्दुल रहीम खानखाना]] ने किया है। वे सेनापति, बहुभाषाविद् कलाप्रेमी कवि, एवं विद्वान थे। | ||
− | {प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय किस राज्य में स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-280 | + | {[[नालंदा विश्वविद्यालय|प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय]] किस राज्य में स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-280 |
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-[[गुजरात]] | -[[गुजरात]] | ||
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||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय [[बिहार|बिहार राज्य]] के [[पटना]] से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। | ||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय [[बिहार|बिहार राज्य]] के [[पटना]] से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। | ||
− | {मीनाक्षी मंदिर कहाँ पर स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-228,प्रश्न-320 | + | {[[मीनाक्षी मंदिर]] कहाँ पर स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-228,प्रश्न-320 |
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-[[हम्पी]] | -[[हम्पी]] | ||
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-[[तंजौर]] | -[[तंजौर]] | ||
-बेलौर | -बेलौर | ||
− | ||मीनाक्षी मंदिर [[मदुरई]] में स्थित है। ध्यातव्य है कि मदुरई पाण्ड्यों की राजधानी थी। संगम काल में प्रथम एवं तृतीय संगम यहीं आयोजित किए गए थे जिनकी अध्यक्षता क्रमश: आचार्य अगस्त्य एवं नक्कीरर ने की थी। | + | ||[[मीनाक्षी मंदिर]] [[मदुरई]] में स्थित है। ध्यातव्य है कि मदुरई पाण्ड्यों की राजधानी थी। संगम काल में प्रथम एवं तृतीय संगम यहीं आयोजित किए गए थे जिनकी अध्यक्षता क्रमश: आचार्य अगस्त्य एवं नक्कीरर ने की थी। |
{'चित्रसूत्र' का सर्वप्रथम किसने [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद किया?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-335 | {'चित्रसूत्र' का सर्वप्रथम किसने [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद किया?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-335 | ||
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− | +स्टेला क्रेमरिश | + | +स्टेला क्रेमरिश |
− | -टर्नर | + | -टर्नर |
− | -क्रिस्टो | + | -क्रिस्टो |
− | -नोल्डे | + | -नोल्डे |
||'चित्रसूत्र' कला पर आधारित एक सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। इसका [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद सर्वप्रथम स्टेला क्रेमरिश ने किया था। | ||'चित्रसूत्र' कला पर आधारित एक सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। इसका [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद सर्वप्रथम स्टेला क्रेमरिश ने किया था। | ||
− | {'तनखा' | + | {'तनखा' कुंडलित चित्र किस राज्य में पाए जाते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-345 |
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-[[लद्दाख]] | -[[लद्दाख]] | ||
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+[[हिमाचल प्रदेश|हिमाचल]] | +[[हिमाचल प्रदेश|हिमाचल]] | ||
-[[पंजाब]] | -[[पंजाब]] | ||
− | ||तनखा कुंडलित चित्र [[हिमाचल प्रदेश]] के | + | ||तनखा कुंडलित चित्र [[हिमाचल प्रदेश]] के लाहौल एवं स्पीति जिले में बहुतायत पाए जाते हैं। तनखा या टैंगा का एक नेपाली कला है जिसमें कपड़े पर [[गौतम बुद्ध]] का चित्र बनाया जाता है। |
{प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ किस देश में हुआ?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-30 | {प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ किस देश में हुआ?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-30 | ||
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− | {टर्किश बॉथ का चित्रकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-24 | + | {टर्किश बॉथ का [[चित्रकार]] कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-24 |
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+इंग्रेस | +इंग्रेस | ||
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-ग्रास | -ग्रास | ||
-फ्यूसेली | -फ्यूसेली | ||
− | ||इंग्रेस ने अपने जीवन के अंतिम समय में 'टर्किश | + | ||इंग्रेस ने अपने जीवन के अंतिम समय में 'टर्किश बॉथ' को बनाया था, जिसमें 'स्त्री के नैसर्गिक सौन्दर्य' को आर्दश रूप में चित्रित किया गया है। |
{'मेल्टिंग वाच' किसकी पेंटिंग है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-15 | {'मेल्टिंग वाच' किसकी पेंटिंग है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-15 | ||
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− | -एम.एफ. हुसैन | + | -[[एम.एफ. हुसैन]] |
+सल्वाडोर डॉली | +सल्वाडोर डॉली | ||
-माने | -माने | ||
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-लखनऊ में | -लखनऊ में | ||
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया। | ||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया। | ||
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+ | {सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +जयपुर | ||
+ | -पटना | ||
+ | -हैदराबाद | ||
+ | -बड़ौदा | ||
+ | ||सवाई मान सिंह की आकांक्षा थी कि जंतर-मंतर बनवाएँ किंतु वे ऐसा नहीं कर पाए। सवाई राजा जय सिंह द्वितिय जंतर-मंतर बनवाया जबकि प्रश्न को गलत रुप में पूछा गया है। | ||
+ | |||
+ | {'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -मथुरा | ||
+ | -बस्तर | ||
+ | +गोरखपुर | ||
+ | -जौनपुर | ||
+ | ||टेराकोटा या मिट्टी की कला, एक ऐसी कृति है जो मिट्टि से बनी तथा पकाने पर चमक रहित होती है। यह सामान्यत: लाल रंग की होती है। गोरखपुर 'टेराकोटा' कला के लिए प्रसिद्ध है। | ||
+ | |||
+ | {रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +पेंटिंग के लिए | ||
+ | -मूर्ति के लिए | ||
+ | -संस्थापन कला के लिए | ||
+ | -न्यू मीडिया आर्ट के लिए | ||
+ | ||रिनी घुमाल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म वर्ष 1984 में बंगाल में हुआ था। वर्ष 1988 में इन्हें ललित कला आकादमी का राष्ट्रीय पुस्कार तथा वर्ष 1984 एवं 1988 में ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी पुरस्कार प्राप्त हुआ था। | ||
+ | |||
+ | {मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -पश्चिमी बंगाल | ||
+ | -उत्तर प्रदेश | ||
+ | +बिहार | ||
+ | -पंजाब | ||
+ | ||मधुबनी, बिहार की लोक कला है। बिहार के पिपरिया के ग्रामिण अंचलों में इस सरल एवं लयात्मक चित्रकारी की संस्कृति यद्यपि काफी पहले से प्रचलित रही है। मधुबनी के लोकप्रिय चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए जाते हैं। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -रबीन्द्रनाथ | ||
+ | -अबनीन्द्रनाथ | ||
+ | -गगेन्द्रनाथ | ||
+ | +राजेन्द्रनाथ | ||
+ | ||टैगोर (ठाकुर) परिवार से राजेन्द्रनाथ नहीं थे। शेष टैगोर परिवार से संबद्ध हैं गगनेन्द्रनाथ टैगोर, अबनीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई और रवीन्द्रनाथ टैगोर के भतीजे थे। | ||
+ | |||
+ | {प्रथम भारतीय महिला चित्रकार कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -ललिता लाजमी | ||
+ | -अमृता शेरगिल | ||
+ | -गौरी भंज | ||
+ | +सुनयनी देवी | ||
+ | ||प्रथम भारतीय महिला चित्रकार सुनयनी देवी थीं। ये बंगाल के पट चित्रों की शैली से प्रभावित थीं। वर्ष 1905 से 1938 तक ये चितेरी के रूप में सक्रिय रहीं। | ||
+ | |||
+ | {वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -किरण शर्मा | ||
+ | -रचना | ||
+ | +महादेवी वर्मा | ||
+ | -सविता श्रीवास्तव | ||
+ | ||महादेवी वर्मा साहित्य के साथ चित्रकार भी थीं। उनकी रचना दीपशिखा एवं सांध्यगीत में यह दर्शित होता है। | ||
+ | |||
+ | {'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -सक्कारा में | ||
+ | +गीजा में | ||
+ | -लक्सर में | ||
+ | -असुआन में | ||
+ | ||'महान स्फिंक्स (Great Sphinx) मिस्त्र में नील नदी के पश्चिमी तट पर गीजा में एक चूने के पत्थर की मूर्ति है जिसका शरीरा सिंह के समान तथा मुंह स्त्री की भांति है। | ||
+ | |||
+ | {रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्रिंस ऑफ वेल्स में | ||
+ | -राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में | ||
+ | +सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में | ||
+ | -चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में | ||
+ | ||रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रह सालार जंग संग्रहालय हैदराबाद में है। | ||
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12:52, 18 मार्च 2018 का अवतरण
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