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'''बंगाल की खाड़ी''' विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह [[हिन्द महासागर]] का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य [[पश्चिम बंगाल]] के नाम पर आधारित है। इस खाड़ी में ही [[न्यूमूर द्वीप]] स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस [[द्वीप]] को [[भारत]] में 'पुरबाशा' और [[बांग्लादेश]] में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है।
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'''बंगाल की खाड़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bay of Bengal'') विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह [[हिन्द महासागर]] का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य [[पश्चिम बंगाल]] के नाम पर आधारित है। इस खाड़ी में ही [[न्यूमूर द्वीप]] स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस [[द्वीप]] को [[भारत]] में 'पुरबाशा' और [[बांग्लादेश]] में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है। 120 साल के [[इतिहास]] में सिर्फ 14 फीसदी चक्रवाती तूफान और 23 भयंकर चक्रवात [[अरब सागर]] में आए हैं। दूसरे शब्‍दों में कहें तो 86 फीसदी चक्रवाती तूफान और 77 फीसदी भयंकर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं।
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==आकार व क्षेत्रफल==
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आकार बंगाल की खाड़ी त्रिभुजाकार है, जिसके उत्तर में [[बांग्लादेश]] और [[पश्चिम बंगाल]], पूर्व में [[म्यांमार]] और [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] और पश्चिम में [[भारत]] तथा [[श्रीलंका]] स्थित हैं। [[गंगा नदी|गंगा]], [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]], [[कावेरी नदी|कावेरी]], [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[स्वर्ण रेखा नदी|स्वर्णरेखा]] आदि नदियाँ इसी में अपना जल विसर्जित करती हैं। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल लगभग 2,172,000 किमी² है। इस खाड़ी की औसत गहराई 8500 फीट (2600 मीटर) और अधिकतम गहराई 15400 फीट (4694 मीटर) है।
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==बार-बार तूफान का शिकार क्‍यों==
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क्यों बंगाल की खाड़ी में बार-बार आते हैं तूफान और तबाही मचती है।
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====हवा का बहाव और गर्म मौसम====
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बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आने का सबसे अहम कारण हवा का बहाव है। पूर्वी तट पर मौजूद बंगाल की खाड़ी के मुकाबले पश्चिमी तट पर स्थित अरब सागर ज्‍यादा ठंडा रहता है। [[मौसम]] विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडे सागर के मुकाबले गर्म सागर में तूफान ज्यादा आते हैं। इतिहास के 36 सबसे घातक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में 26 चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं। बंगाल की खाड़ी में आने वाले तूफानों का [[भारत]] में सबसे ज्‍यादा असर [[ओडिशा]] में देखा गया है। इसके अलावा [[आंध्र प्रदेश]], [[पश्चिम बंगाल]] और [[तमिलनाडु]] भी इससे प्रभावित होते रहे हैं।<ref name="pp">{{cite web |url=https://hindi.news18.com/news/knowledge/know-about-china-05-fingers-strategy-of-china-with-his-provocations-steps-3937307.html |title=क्यों बंगाल की खाड़ी में बार-बार आते हैं तूफान|accessmonthday=05 जनवरी|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.news18.com |language=हिंदी}}</ref>
  
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इसके अलावा पूर्वी तटों से लगने वाले राज्यों की भूमि पश्चिमी तटों से लगने वाली भूमि की तुलना में ज्यादा समतल है। इस वजह से यहां से टकराने वाले तूफान मुड़ नहीं पाते। वहीं, पश्चिमी तटों पर आने वाले तूफान की दिशा अक्सर बदल जाती है।
*[[गंगा नदी|गंगा]], [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]], [[कावेरी नदी|कावेरी]], [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[स्वर्ण रेखा नदी|स्वर्णरेखा]] आदि नदियाँ इसी में अपना जल विसर्जित करती हैं।
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==कम असरदार अरब सागर के तूफान==
*बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल लगभग 2,172,000 किमी² है।
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[[भारत]] में आने वाले पांच समुद्री तूफानों में औसतन चार पूर्वी किनारों से टकराते हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर से उठने वाले तूफानों के अलावा उत्तर-पश्चिमी प्रशांत से बिखरने वाले तूफान दक्षिणी चीन सागर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि हमारा पूर्वी तट हमेशा दबाव में रहता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान [[अरब सागर]] में भी बनते हैं, लेकिन ये अमूमन भारत के पश्चिमी तट को छोड़ते हुए उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ जाते हैं। पूर्वी तट पर बने तूफान ज्यादा ताकतवर होते हैं। तूफान का वर्गीकरण कम दबाव के क्षेत्र में हवा की रफ्तार से होता है। अगर हवा की रफ्तार 119 से 221 कि.मी. प्रति घंटे के बीच होती है तो यह प्रचंड तूफान माना जाता है।
*इस खाड़ी की औसत गहराई 8500 फीट (2600 मीटर) और अधिकतम गहराई 15400 फीट (4694 मीटर) है।
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==भारत में मौतों का आंकड़ा==
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गुजरात इंस्‍टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की अससेमेंट ऑफ वल्‍नरैबिलिटी टू साइक्‍लोन एंड फ्लड्स की पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी तट पर बसे राज्‍याें में आने वाले 48 फीसदी तूफान अकेले ओडिशा में, जबकि 22 फीसदी आंध्र प्रदेश में आते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 18.5 फीसदी और [[तमिलनाडु]] में 11.5 फीसदी तूफान आए हैं। पश्चिमी तट में पूर्वी तट की तुलना में आने वाले तूफान 8 गुना कम हैं। उष्ण कटिबंधीय चक्रवात एक तूफान है, जो विशाल निम्‍न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावतों के साथ आता है। ये तेज हवा और मूसलाधार बारिश के हालात बनाता है। नेशनल साइक्लोन रिस्क मिटिगेशन प्रोजेक्ट के मुताबिक, [[1891]] से [[2000]] के बीच [[भारत]] के पूर्वी तट पर 308 तूफान आए। इसी दौरान पश्चिमी तट पर सिर्फ 48 तूफान आए।
  
 
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09:29, 5 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

बंगाल की खाड़ी

बंगाल की खाड़ी (अंग्रेज़ी: Bay of Bengal) विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह हिन्द महासागर का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के नाम पर आधारित है। इस खाड़ी में ही न्यूमूर द्वीप स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस द्वीप को भारत में 'पुरबाशा' और बांग्लादेश में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है। 120 साल के इतिहास में सिर्फ 14 फीसदी चक्रवाती तूफान और 23 भयंकर चक्रवात अरब सागर में आए हैं। दूसरे शब्‍दों में कहें तो 86 फीसदी चक्रवाती तूफान और 77 फीसदी भयंकर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं।

आकार व क्षेत्रफल

आकार बंगाल की खाड़ी त्रिभुजाकार है, जिसके उत्तर में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल, पूर्व में म्यांमार और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और पश्चिम में भारत तथा श्रीलंका स्थित हैं। गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, गोदावरी और स्वर्णरेखा आदि नदियाँ इसी में अपना जल विसर्जित करती हैं। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल लगभग 2,172,000 किमी² है। इस खाड़ी की औसत गहराई 8500 फीट (2600 मीटर) और अधिकतम गहराई 15400 फीट (4694 मीटर) है।

बार-बार तूफान का शिकार क्‍यों

क्यों बंगाल की खाड़ी में बार-बार आते हैं तूफान और तबाही मचती है।

हवा का बहाव और गर्म मौसम

बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आने का सबसे अहम कारण हवा का बहाव है। पूर्वी तट पर मौजूद बंगाल की खाड़ी के मुकाबले पश्चिमी तट पर स्थित अरब सागर ज्‍यादा ठंडा रहता है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडे सागर के मुकाबले गर्म सागर में तूफान ज्यादा आते हैं। इतिहास के 36 सबसे घातक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में 26 चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं। बंगाल की खाड़ी में आने वाले तूफानों का भारत में सबसे ज्‍यादा असर ओडिशा में देखा गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी इससे प्रभावित होते रहे हैं।[1]

इसके अलावा पूर्वी तटों से लगने वाले राज्यों की भूमि पश्चिमी तटों से लगने वाली भूमि की तुलना में ज्यादा समतल है। इस वजह से यहां से टकराने वाले तूफान मुड़ नहीं पाते। वहीं, पश्चिमी तटों पर आने वाले तूफान की दिशा अक्सर बदल जाती है।

कम असरदार अरब सागर के तूफान

भारत में आने वाले पांच समुद्री तूफानों में औसतन चार पूर्वी किनारों से टकराते हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर से उठने वाले तूफानों के अलावा उत्तर-पश्चिमी प्रशांत से बिखरने वाले तूफान दक्षिणी चीन सागर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि हमारा पूर्वी तट हमेशा दबाव में रहता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान अरब सागर में भी बनते हैं, लेकिन ये अमूमन भारत के पश्चिमी तट को छोड़ते हुए उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ जाते हैं। पूर्वी तट पर बने तूफान ज्यादा ताकतवर होते हैं। तूफान का वर्गीकरण कम दबाव के क्षेत्र में हवा की रफ्तार से होता है। अगर हवा की रफ्तार 119 से 221 कि.मी. प्रति घंटे के बीच होती है तो यह प्रचंड तूफान माना जाता है।

भारत में मौतों का आंकड़ा

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर तक तूफानों का मौसम होता है। लेकिन 65 फीसदी तूफान साल के अंतिम चार महीनों सितंबर से दिसंबर के बीच आते हैं। बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर बनने वाले चक्रवात गंगा के मैदानी इलाकों में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हैं, जिससे अधिकांश उत्तरी भारत में बारिश होती है।

अरब सागर के ऊपर औसतन वर्षा बहुत कम होती है। दुनिया भर में बीते 200 साल में उष्ण कटिबंधीय चक्रवात से दुनिया भर में हुई कुल मौत में 40 फीसदी सिर्फ बांग्लादेश में हुई है, जबकि भारत में एक चौथाई जानें गई हैं। चक्रवात समंदर में ज्‍यादा तापमान वाली जगहों से उठता है। उत्तरी ध्रुव के नजदीक वाले इलाकों में साइक्लोन घड़ी चलने की उलटी दिशा में आगे बढ़ता है। वहीं, भारतीय उपमहाद्वीप के आसपास चक्रवात घड़ी चलने की दिशा में आगे बढ़ता है।[1]

गुजरात इंस्‍टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की अससेमेंट ऑफ वल्‍नरैबिलिटी टू साइक्‍लोन एंड फ्लड्स की पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी तट पर बसे राज्‍याें में आने वाले 48 फीसदी तूफान अकेले ओडिशा में, जबकि 22 फीसदी आंध्र प्रदेश में आते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 18.5 फीसदी और तमिलनाडु में 11.5 फीसदी तूफान आए हैं। पश्चिमी तट में पूर्वी तट की तुलना में आने वाले तूफान 8 गुना कम हैं। उष्ण कटिबंधीय चक्रवात एक तूफान है, जो विशाल निम्‍न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावतों के साथ आता है। ये तेज हवा और मूसलाधार बारिश के हालात बनाता है। नेशनल साइक्लोन रिस्क मिटिगेशन प्रोजेक्ट के मुताबिक, 1891 से 2000 के बीच भारत के पूर्वी तट पर 308 तूफान आए। इसी दौरान पश्चिमी तट पर सिर्फ 48 तूफान आए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 क्यों बंगाल की खाड़ी में बार-बार आते हैं तूफान (हिंदी) hindi.news18.com। अभिगमन तिथि: 05 जनवरी, 2022।

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