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'''बैरकपुर''' [[भारत]] का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसका इतिहास की दृष्टि से काफ़ी महत्व रहा है। यह शहर [[उत्तर 24 परगना ज़िला|उत्तरी 24 परगना ज़िला]], दक्षिण-पूर्वी [[पश्चिम बंगाल]] राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। [[हुगली नदी]] के ठीक पूर्व में स्थित बैरकपुर [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) के 24 किमी. उत्तर में कोलकाता महानगरीय क्षेत्र के शहरी संकेन्द्रण का ही एक भाग है। इसका बैरकपुर नाम सम्भवत: 1772 में यहाँ ब्रिटिश शासन लागू होने के बाद सैनिक छावनियाँ (बैरक) बनने से पड़ा।
 
 
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यह शहर उत्तरी 24 परगना ज़िला, दक्षिण-पूर्वी पश्चिम बंगाल राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। [[हुगली नदी]] के ठीक पूर्व में स्थित बैरकपुर [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) के 24 किमी. उत्तर में कोलकाता महानगरीय क्षेत्र के शहरी संकेन्द्रण का ही एक भाग है। इसका बैरकपुर नाम सम्भवत: 1772 में यहाँ ब्रिटिश शासन लागू होने के बाद सैनिक छावनियाँ (बैरक) बनने से पड़ा।
 
 
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बैरकपुर पार्क में भारत के [[वाइसराय]] का पूर्व उपनगरीय आवास है। इस स्थान पर 1824 और [[1857]] में [[बंगाल]] सेना ने विद्रोह किया था। बैरकपुर स्थित 34वीं नेटिव इन्फ़ेंन्ट्री के सिपाही [[मंगल पाण्डे]] ने विद्रोह की पहली चिंगारी को हवा दी थी, जो 1857 की भारत व्यापी बग़ावत का सूचक बन गई। [[1869]] में इसे नगरपालिका के रूप में गठित किया गया था, लेकिन [[1895]] में टीटागढ़ नगरपालिका और [[1900]] में पनिहाटी नगरपालिका को अलग करके इसका क्षेत्र छोटा कर दिया गया।
 
बैरकपुर पार्क में भारत के [[वाइसराय]] का पूर्व उपनगरीय आवास है। इस स्थान पर 1824 और [[1857]] में [[बंगाल]] सेना ने विद्रोह किया था। बैरकपुर स्थित 34वीं नेटिव इन्फ़ेंन्ट्री के सिपाही [[मंगल पाण्डे]] ने विद्रोह की पहली चिंगारी को हवा दी थी, जो 1857 की भारत व्यापी बग़ावत का सूचक बन गई। [[1869]] में इसे नगरपालिका के रूप में गठित किया गया था, लेकिन [[1895]] में टीटागढ़ नगरपालिका और [[1900]] में पनिहाटी नगरपालिका को अलग करके इसका क्षेत्र छोटा कर दिया गया।
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यहाँ के प्रमुख उद्योगों में जूट और [[चावल]] की मिलें, आरा मिलें और होज़री उद्योग शामिल हैं। बैरकपुर में घुड़दोड़ का एक मैदान, माल परिवहन के लिए एक हवाई क्षेत्र, एक राजकीय कृषि संस्थान और कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं। इस शहर में देश का सबसे पुराना मत्स्यपालन शोध संस्थान, सेन्ट्रल इनलैण्ड कैप्चर फ़िशरीज़ इन्स्टीट्यूट (सी.आई.एफ़.आर.आई.) है।
 
यहाँ के प्रमुख उद्योगों में जूट और [[चावल]] की मिलें, आरा मिलें और होज़री उद्योग शामिल हैं। बैरकपुर में घुड़दोड़ का एक मैदान, माल परिवहन के लिए एक हवाई क्षेत्र, एक राजकीय कृषि संस्थान और कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं। इस शहर में देश का सबसे पुराना मत्स्यपालन शोध संस्थान, सेन्ट्रल इनलैण्ड कैप्चर फ़िशरीज़ इन्स्टीट्यूट (सी.आई.एफ़.आर.आई.) है।
 
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12:25, 6 फ़रवरी 2011 का अवतरण

बैरकपुर भारत का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसका इतिहास की दृष्टि से काफ़ी महत्व रहा है। यह शहर उत्तरी 24 परगना ज़िला, दक्षिण-पूर्वी पश्चिम बंगाल राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। हुगली नदी के ठीक पूर्व में स्थित बैरकपुर कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) के 24 किमी. उत्तर में कोलकाता महानगरीय क्षेत्र के शहरी संकेन्द्रण का ही एक भाग है। इसका बैरकपुर नाम सम्भवत: 1772 में यहाँ ब्रिटिश शासन लागू होने के बाद सैनिक छावनियाँ (बैरक) बनने से पड़ा।

इतिहास

बैरकपुर पार्क में भारत के वाइसराय का पूर्व उपनगरीय आवास है। इस स्थान पर 1824 और 1857 में बंगाल सेना ने विद्रोह किया था। बैरकपुर स्थित 34वीं नेटिव इन्फ़ेंन्ट्री के सिपाही मंगल पाण्डे ने विद्रोह की पहली चिंगारी को हवा दी थी, जो 1857 की भारत व्यापी बग़ावत का सूचक बन गई। 1869 में इसे नगरपालिका के रूप में गठित किया गया था, लेकिन 1895 में टीटागढ़ नगरपालिका और 1900 में पनिहाटी नगरपालिका को अलग करके इसका क्षेत्र छोटा कर दिया गया।

उद्योग

यहाँ के प्रमुख उद्योगों में जूट और चावल की मिलें, आरा मिलें और होज़री उद्योग शामिल हैं। बैरकपुर में घुड़दोड़ का एक मैदान, माल परिवहन के लिए एक हवाई क्षेत्र, एक राजकीय कृषि संस्थान और कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं। इस शहर में देश का सबसे पुराना मत्स्यपालन शोध संस्थान, सेन्ट्रल इनलैण्ड कैप्चर फ़िशरीज़ इन्स्टीट्यूट (सी.आई.एफ़.आर.आई.) है।

जनसंख्या

जनगणना 2001 के अनुसार यहाँ की जनसंख्या, शहर 1,44,331; छावनी क्षेत्र 22,014 है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

(पुस्तक 'भारतीय ज्ञानकोश') पृष्ठ संख्या-59