"मथानी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
*आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।
 
*आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।
  
{{प्रचार}}
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{भूले बिसरे शब्द}}
+
{{भूले बिसरे शब्द}}{{घरेलू उपकरण}}
 
[[Category:भूला-बिसरा भारत]][[Category:घरेलू उपकरण]][[Category:संस्कृति कोश]]
 
[[Category:भूला-बिसरा भारत]][[Category:घरेलू उपकरण]][[Category:संस्कृति कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

08:11, 4 जून 2013 का अवतरण

  • मथानी (रई) दही मथने की लकड़ी होती है।
  • मथानी (रई) को मथने, मिलाने, आदि के काम में प्रयोग किया जाता है।
  • यह हाथ से चलाने वाली होती है।
  • एक समय था जब हर घर-घर में पशु थे और भोर होते ही मथी जाती थी दही से भरी हंडिया
  • मक्खन मथने के लिए उपयोग की जाती थी लकड़ी से बनी मथानी (रई)।
  • मथानी का प्रयोग मक्खन निकालने, लस्सी बनाने, और मठा (छाछ) आदि निकालने के लिए किया जाता है।
  • आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख