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मद्रास का वर्तमान नाम [[चेन्नई]] है। सन 1639 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के कर्मचारी [[फ़्रांसिस डे]] ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर [[शिव]] का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार [[पार्वती]] ने [[मयूर]] का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में [[पार्थसारथी मंदिर चेन्नई|पार्थसारथी का मंदिर]] भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था। | मद्रास का वर्तमान नाम [[चेन्नई]] है। सन 1639 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के कर्मचारी [[फ़्रांसिस डे]] ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर [[शिव]] का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार [[पार्वती]] ने [[मयूर]] का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में [[पार्थसारथी मंदिर चेन्नई|पार्थसारथी का मंदिर]] भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था। |
05:31, 7 अप्रैल 2011 का अवतरण
मद्रास का वर्तमान नाम चेन्नई है। सन 1639 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी फ़्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर इस नगर की स्थापना की थी। उस समय का बना हुआ क़िला अभी तक विद्यमान है। मद्रास के उपनगर मायलापुर में कपालीश्वर शिव का प्राचीन मंदिर है। मायलापुर का शाब्दिक अर्थ मयूरनगर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार पार्वती ने मयूर का रूप धारण करके शिव जी की इस स्थान पर पूजा की थी। इसी कथा का अंकन इस मंदिर की मूर्तिकारी में है। मंदिर के पीछे एक पवित्र ताल है। ट्रिप्लीकेन में पार्थसारथी का मंदिर भी उल्लेखनीय है। मद्रास के स्थान पर प्राचीन समय में चैन्नापटम् नामक ग्राम बसा हुआ था।
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