"रामनगर, महाराष्ट्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''रामनगर''' कोंकण, महाराष्ट्र का ऐतिहासिक स्थान है...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=रामनगर|लेख का नाम=रामनगर (बहुविकल्पी)}}
 +
 
'''रामनगर''' [[कोंकण]], [[महाराष्ट्र]] का ऐतिहासिक स्थान है। 'महाराष्ट्र केसरी' [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] के समय में यह एक छोटा-सा राज्य था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=790|url=}}</ref>
 
'''रामनगर''' [[कोंकण]], [[महाराष्ट्र]] का ऐतिहासिक स्थान है। 'महाराष्ट्र केसरी' [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] के समय में यह एक छोटा-सा राज्य था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=790|url=}}</ref>
  
*[[सलहेरि]] के युद्ध के पश्चात 1672 ई. में [[शिवाजी]] ने रामनगर राज्य को जीत लिया था। इस कार्य में शिवाजी को अपने सेनापति मोरोपंत पिंगले से काफ़ी सहायता मिली थी। [[भूषण|महाकवि भूषण]] ने इस घटना का उल्लेख किया है-
+
*[[सलहेरि]] के युद्ध के पश्चात् 1672 ई. में [[शिवाजी]] ने रामनगर राज्य को जीत लिया था। इस कार्य में शिवाजी को अपने सेनापति मोरोपंत पिंगले से काफ़ी सहायता मिली थी। [[भूषण|महाकवि भूषण]] ने इस घटना का उल्लेख किया है-
  
 
<blockquote>'भूषन भनत रामनगर जवारि तेरे वैरपरबाह बहे रुधिर नदीन के।'<ref>शिवराजभूषण, 173</ref></blockquote>
 
<blockquote>'भूषन भनत रामनगर जवारि तेरे वैरपरबाह बहे रुधिर नदीन के।'<ref>शिवराजभूषण, 173</ref></blockquote>

07:34, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg रामनगर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रामनगर (बहुविकल्पी)

रामनगर कोंकण, महाराष्ट्र का ऐतिहासिक स्थान है। 'महाराष्ट्र केसरी' छत्रपति शिवाजी के समय में यह एक छोटा-सा राज्य था।[1]

  • सलहेरि के युद्ध के पश्चात् 1672 ई. में शिवाजी ने रामनगर राज्य को जीत लिया था। इस कार्य में शिवाजी को अपने सेनापति मोरोपंत पिंगले से काफ़ी सहायता मिली थी। महाकवि भूषण ने इस घटना का उल्लेख किया है-

'भूषन भनत रामनगर जवारि तेरे वैरपरबाह बहे रुधिर नदीन के।'[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 790 |
  2. शिवराजभूषण, 173

संबंधित लेख