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*भारतीय सैनिकों की एक फौजी टुकड़ी, जिसे बर्मा जाने का आदेश हुआ था, ने इस आदेश की अवहेलना इस आधार पर की, कि वे विदेश जाकर अपने [[धर्म]] एवं जाति को भ्रष्ट नहीं करेंगें।
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*भारतीय सैनिकों की एक फ़ौजी टुकड़ी, जिसे बर्मा जाने का आदेश हुआ था, ने इस आदेश की अवहेलना इस आधार पर की, कि वे विदेश जाकर अपने [[धर्म]] एवं जाति को भ्रष्ट नहीं करेंगें।
 
*प्रसंगत है कि, तत्कालीन समाज में किसी भी व्यक्ति द्वारा समुद्र पार करना धर्म को भ्रष्ट करना माना जाता था।
 
*प्रसंगत है कि, तत्कालीन समाज में किसी भी व्यक्ति द्वारा समुद्र पार करना धर्म को भ्रष्ट करना माना जाता था।
*अंग्रेज़ अधिकारियों ने कड़ाई से इस विद्रोह को कुचला और विद्रोही फौजियों को गोली से उड़ा दिया गया।
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*अंग्रेज़ अधिकारियों ने कड़ाई से इस विद्रोह को कुचला और विद्रोही फ़ौजियों को गोली से उड़ा दिया गया।
  
 
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13:06, 9 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

लॉर्ड एमहर्स्ट
  • लॉर्ड एमहर्स्ट 1823 से 1828 ई. तक गवर्नर-जनरल के पद पर रहे।
  • इनके समय में 'प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध' (1824-1826 ई.) लड़ा गया था।
  • यह युद्ध मुख्य रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक स्वार्थ के कारण ही लड़ा गया था।
  • 1825 ई. में ब्रिटिश सेना के सैनिक कमाण्डर ने बर्मा सेना को परास्त कर 1826 ई. में ‘याण्डबू की सन्धि’ की।
  • इस सन्धि के बाद अंग्रेज़ अधिकार वाले क्षेत्र का विस्तार हो गया तथा इनके प्रभाव में भी वृद्वि हुई।
  • 1824 ई. का बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी लॉर्ड एमहर्स्ट के समय में ही हुआ था।
  • भारतीय सैनिकों की एक फ़ौजी टुकड़ी, जिसे बर्मा जाने का आदेश हुआ था, ने इस आदेश की अवहेलना इस आधार पर की, कि वे विदेश जाकर अपने धर्म एवं जाति को भ्रष्ट नहीं करेंगें।
  • प्रसंगत है कि, तत्कालीन समाज में किसी भी व्यक्ति द्वारा समुद्र पार करना धर्म को भ्रष्ट करना माना जाता था।
  • अंग्रेज़ अधिकारियों ने कड़ाई से इस विद्रोह को कुचला और विद्रोही फ़ौजियों को गोली से उड़ा दिया गया।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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