"सुत्तपिटक" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
 
{{बौद्ध धर्म}}
 
{{बौद्ध धर्म}}
 
[[Category:बौद्ध_धर्म]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:बौद्ध साहित्य]]
 
[[Category:बौद्ध_धर्म]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:बौद्ध साहित्य]]
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]]
+
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

13:45, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

  • 'सुत्त' का शाब्दिक अर्थ है- धर्मोपदेश।
  • बुद्ध के धार्मिक विचारों व उपदेशों के संग्रह वाला गद्य-पद्य मिश्रित यह पिटक सम्भवतः त्रिपिटकों में सर्वाधिक बड़ा एवं श्रेष्ठ है।
  • यह पिटक पांच निकायों में विभाजित है, जो इस प्रकार है-
  1. दीघनिकाय
  2. मज्झिमनिकाय
  3. संयुक्तनिकाय
  4. अंगुत्तरनिकाय
  5. खुद्दकनिकाय


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख