दस ग्रंथो से टीपकर पुस्तक की तैय्यार । उस पुस्तक पर मिल गया पुरस्कार सरकार ॥ पुरस्कार सरकार लेखनी सरपट रपटे । सूझ-बूझ मौलिकता, भय से पास न फटके ॥ जोड़-तोड़ में कुशल पहुँच है ऊँची जिसकी । धन्य होय साहित्य बोलती तूती उसकी ॥