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अर्बुद पर्वत

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अर्बुद पर्वत महाकाव्य महाभारत में वर्णित एक पर्वत श्रृंखला है। यह पर्वत दक्षिणी राजस्थान , भारत की पहचान है।

'पुंड्राः कलिगमागधा दक्षिणाद्याश्च सर्वशः तथापरांताः सौराष्ट्राः शूराभीरास्तथार्बुदाः'।

  • चंदबरदाई लिखित पृथ्वीराजरासो में वर्णित है कि अग्निकुल के चार राजपूतवंश- पवार, परिहार, चौहान, और चालुक्य आबू पहाड पर किये गये एक यज्ञ द्वारा उत्पन्न हुए थे।
  • क्रूक (crook) के मत में यह यज्ञ विदेशी जातियों को क्षत्रियवर्ण में सम्मिलित करने के लिये किया गया होगा।[2][3]
  1. REDIRECT अर्बुदावली, अरावली पर्वतश्रेणी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णुपुराण 2,13,16
  2. (दे. टॉड रचित राजस्थान)।
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 40 |

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